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बस्तर में आतंक का एनकाउंटर, चुनाव से पहले 50 नक्सली ढेर, घबराहट में बुला रहे बंद - Naxalites announced Bastar bandh - NAXALITES ANNOUNCED BASTAR BANDH

नक्सलगढ़ में नक्सलियों को उनकी ही भाषा में जवान जवाब दे रहे हैं. चुनाव से पहले अबतक 50 नक्सली बस्तर में मार गिराए गए हैं. बस्तर आईजी की मानें तो नक्सलियों ने इसी बौखहालट में बंद का ऐलान किया है.

Bastar bandh Before Loksabha election 2024
लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों का बस्तर बंद आह्वान
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 11, 2024, 6:57 PM IST

बस्तर आईजी सुंदरराज पी

बस्तर: लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है. इस दिन छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट पर भी मतदान है. ये सीट नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. यहां शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराना सुरक्षाबलों और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि सुरक्षाबल भी लगातार लाल आतंक को मात देते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों को एक बड़ा झटका लगा है. चुनाव से पहले हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 50 नक्सलियों की मौत हो गई है. इन आंकड़ों की पुष्टि खुद नक्सल संगठन ने की है. साथ ही बस्तर आईजी ने भी नक्सलियों को मारने की बात कही है.

नक्सलियों ने बंद का किया आह्वान: दरअसल, नक्सली संगठन के केंद्रीय कमेटी के मध्य रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता प्रताप ने बीते दिन प्रेस नोट जारी किया था. इस प्रेस नोट में पिछले 3 माह में पुलिस के साथ हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में 50 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. इसी के विरोध में नक्सलियों ने 15 अप्रैल को बंद बुलाया है. बस्तर, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा में भी नक्सलियों ने बंद का आह्वान किया है.

खुद को कमजोर पड़ता देख बौखला गए हैं नक्सली: इस बारे में ईटीवी भारत ने बस्तर आईजी सुंदरराज पी से बातचीत की. सुंदरराज पी ने कहा कि, "1 जनवरी 2024 से अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत होने वाले मुठभेड़ों में 48 से अधिक नक्सलियों के शव को बरामद किया है. साथ ही अन्य मुठभेड़ों में शव बरामद नहीं किए जा सके, लेकिन नक्सलियों ने मुठभेड़ में मौत की बात स्वीकार की है. जैसे टेकलगुड़ा और धर्मावराम के मुठभेड़ों में बॉडी रिकवर नहीं कर पाए थे. ऐसे में मुठभेड़ में नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है. नक्सलियों के कैडरों में काफी विपरीत असर देखने को मिल रहा है. कई माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर सरेंडर भी कर रहे हैं. इन सब से बौखलाए नक्सली माओवादी कैडर के अंदर मनोबल बढ़ाने के लिए समय-समय पर बस्तर बंद करने का आव्हान करते आये हैं. इसी कड़ी में 15 तारीख को बंद का आव्हान किया गया है. लेकिन अब नक्सलियों के बंद का समर्थन स्थानीय नागरिकों की ओर से नहीं किया जा रहा है.

जनता नहीं करती बंद का समर्थन: आगे बस्तर आईजी ने कहा कि, "नक्सली बौखलाहट में है. इस कारण पिछले दो तीन महीनों में लगातार बंद का आव्हान कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता बंद का समर्थन नहीं कर रही है. नक्सलियों द्वारा लगातार आम नागरिकों के दिनचर्या में हस्तक्षेप करके बंद कराया जाता है. सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की पेट्रोलिंग की जाएगी. लगातार सभी इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज किया जाएगा, ताकि नक्सलियों के मंसूबो पर पानी फेरा जाए और आम नागरिकों की सुरक्षा की जाए."

इस दौरान बस्तर आईजी ने बस्तरवासियों से अपील की है कि, "कोई भी नक्सलियों के बंद को समर्थन ना करें. सभी अपना काम करें. दुकानें खोलें, क्योंकि बस्तर पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए तैनात है." ऐसे में देखना होगा कि आखिरकार बस्तर में 15 अप्रैल को नक्सलियों द्वारा बुलाया गया बंद कितना सफल होता है.

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बस्तर आईजी सुंदरराज पी

बस्तर: लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है. इस दिन छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट पर भी मतदान है. ये सीट नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. यहां शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराना सुरक्षाबलों और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि सुरक्षाबल भी लगातार लाल आतंक को मात देते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों को एक बड़ा झटका लगा है. चुनाव से पहले हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 50 नक्सलियों की मौत हो गई है. इन आंकड़ों की पुष्टि खुद नक्सल संगठन ने की है. साथ ही बस्तर आईजी ने भी नक्सलियों को मारने की बात कही है.

नक्सलियों ने बंद का किया आह्वान: दरअसल, नक्सली संगठन के केंद्रीय कमेटी के मध्य रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता प्रताप ने बीते दिन प्रेस नोट जारी किया था. इस प्रेस नोट में पिछले 3 माह में पुलिस के साथ हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में 50 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. इसी के विरोध में नक्सलियों ने 15 अप्रैल को बंद बुलाया है. बस्तर, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा में भी नक्सलियों ने बंद का आह्वान किया है.

खुद को कमजोर पड़ता देख बौखला गए हैं नक्सली: इस बारे में ईटीवी भारत ने बस्तर आईजी सुंदरराज पी से बातचीत की. सुंदरराज पी ने कहा कि, "1 जनवरी 2024 से अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत होने वाले मुठभेड़ों में 48 से अधिक नक्सलियों के शव को बरामद किया है. साथ ही अन्य मुठभेड़ों में शव बरामद नहीं किए जा सके, लेकिन नक्सलियों ने मुठभेड़ में मौत की बात स्वीकार की है. जैसे टेकलगुड़ा और धर्मावराम के मुठभेड़ों में बॉडी रिकवर नहीं कर पाए थे. ऐसे में मुठभेड़ में नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है. नक्सलियों के कैडरों में काफी विपरीत असर देखने को मिल रहा है. कई माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर सरेंडर भी कर रहे हैं. इन सब से बौखलाए नक्सली माओवादी कैडर के अंदर मनोबल बढ़ाने के लिए समय-समय पर बस्तर बंद करने का आव्हान करते आये हैं. इसी कड़ी में 15 तारीख को बंद का आव्हान किया गया है. लेकिन अब नक्सलियों के बंद का समर्थन स्थानीय नागरिकों की ओर से नहीं किया जा रहा है.

जनता नहीं करती बंद का समर्थन: आगे बस्तर आईजी ने कहा कि, "नक्सली बौखलाहट में है. इस कारण पिछले दो तीन महीनों में लगातार बंद का आव्हान कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता बंद का समर्थन नहीं कर रही है. नक्सलियों द्वारा लगातार आम नागरिकों के दिनचर्या में हस्तक्षेप करके बंद कराया जाता है. सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की पेट्रोलिंग की जाएगी. लगातार सभी इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज किया जाएगा, ताकि नक्सलियों के मंसूबो पर पानी फेरा जाए और आम नागरिकों की सुरक्षा की जाए."

इस दौरान बस्तर आईजी ने बस्तरवासियों से अपील की है कि, "कोई भी नक्सलियों के बंद को समर्थन ना करें. सभी अपना काम करें. दुकानें खोलें, क्योंकि बस्तर पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए तैनात है." ऐसे में देखना होगा कि आखिरकार बस्तर में 15 अप्रैल को नक्सलियों द्वारा बुलाया गया बंद कितना सफल होता है.

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