BASTAR DOMINANCE OF INDEPENDENTS : बस्तर लोकसभा चुनाव के इतिहास की बात करें तो बस्तर लोकसभा में 1952 में पहली बार चुनाव हुए. पहली बार इस सीट के लिए वोटिंग प्रतिशत 55.65 फीसदी था. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मुचाकी कोसा ने कांग्रेस कैंडिडेट सुरती किसतया को हराया था.इस चुनाव के बाद किसी भी चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट में चुनाव में मतदान का आंकड़ा नहीं बढ़ा.
1961 में बढ़ा मतदान का आंकड़ा : 1961 के चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट में मतदान का आंकड़ा 50 फीसदी के ऊपर गया. ये सिलसिला साल 2009 तक जारी रहा.इस दौरान साल 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में बस्तर में महज 27.21 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई.जो अब तक की सबसे वोटिंग प्रतिशत मानी जाती है.लेकिन वक्त के साथ बस्तर में मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा.निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन की मेहनत के बूते साल 2019 में मतदान का आंकड़ा सबसे ज्यादा बढ़ा. 2019 में बस्तर लोकसभा में 66.19 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी. आईए आपको बताते हैं अब तक बस्तर में साल दर साल कितना बढ़ा मतदान का प्रतिशत.
बस्तर में अब तक हुए चुनाव में वोटिंग प्रतिशत | ||
साल | वोट प्रतिशत | विजेता |
1952 | 55.65 | निर्दलीय |
1957 | 49.35 | कांग्रेस |
1962 | 51.93 | निर्दलीय |
1967 | 50.27 | निर्दलीय |
1971 | 48.41 | निर्दलीय |
1977 | 42.9 | बीएलडी |
1980 | 37.21 | कांग्रेस |
1984 | 40.45 | कांग्रेस |
1989 | 34.8 | कांग्रेस |
1991 | 27.21 | कांग्रेस |
1996 | 45.76 | निर्दलीय |
1998 | 41.33 | बीजेपी |
1999 | 39.35 | बीजेपी |
2004 | 43.33 | बीजेपी |
2009 | 47.34 | बीजेपी |
2014 | 59.32 | बीजेपी |
2019 | 66.19 | कांग्रेस |
2024 |
पहले चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी : 1952 से लेकर 1999 तक बस्तर लोकसभा मध्यप्रदेश का हिस्सा थी. देश के पहले चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार मुचाकी कोसा ने विजय पताका लहराया था.इस चुनाव की खास बात ये थी कि कांग्रेस उम्मीदवार सुरती किसतिया इस सीट पर बुरी तरह से हारे थे. कोसा ने पहले चुनाव में 1 लाख 77 हजार 588 मत हासिल किए. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार सुरती को 36 हजार 257 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर मेहनत की.कांग्रेस ने दोबारा 1957 में सुरती किसतिया को टिकट दिया.सुरती ने भी दोबारा टिकट मिलने पर कांग्रेस को निराश नहीं किया.सुरती ने करिश्मा करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार बोदा दादा को बुरी तरह से हराया. सुरती ने दूसरे चुनाव में 1 लाख 40 हजार 961 मत हासिल किए.वहीं बोदा 41 हजार 684 वोट ही हासिल कर सके.
बस्तर में निर्दलियों का दबदबा : 1957 में बड़ी जीत हासिल करने वाली कांग्रेस के लिए आगामी चार लोकसभा चुनाव किसी बुरे सपने से कम ना थे.क्योंकि कांग्रेस लगातार चार लोकसभा चुनाव हारी. 1962 से 1977 तक बस्तर लोकसभा सीट पर निर्दलियों ने राज किया. 1962 में दो निर्दलीय उम्मीदवार पहले और दूसरे नंबर पर रहे थे. जिसमें 87557 वोट पाकर लखमू भवानी ने जीत हासिल की.वहीं दूसरे नंबर पर निर्दलीय बोदा दादा थे.1967 में निर्दलीय उम्मीदवार जे सुंदरलाला ने जीत हासिल की. सुंदरलाल ने 53 हजार 798 वोट हासिल किए थे.इस चुनाव में कांग्रेस का सूरज ढल चुका था.क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी पांचवें नंबर थी. इसके बाद 1971 के चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार लम्बोदर बलियार ने चुनाव जीता.दूसरे नंबर पर पीलूराम कृपाराम रहे.पीलूराम ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
नए दल ने चुनाव में चौंकाया : 1977 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार लम्बोदर बलियार कांग्रेस में शामिल हुए और चुनाव लड़ा.लेकिन कांग्रेस की किस्मत का ताला नहीं खुला.क्योंकि इस बार कांग्रेस के रास्ते में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार रिगपाल शाह केसरी शाह खड़े हो गए. रिगपाल ने कांग्रेस उम्मीदवार लम्बोदर को बुरी तरह से हराया.रिगपाल को जहां 1 लाख 1007 मत मिले वहीं लंबोदर को 50 हजार 953 वोटों से संतोष करना पड़ा.साल 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने रणनीति में बदलाव किया.
पहले कांग्रेस और फिर बीजेपी का बनीं गढ़ पिछली गलतियों से सबक लेकर कांग्रेस ने 1980 में नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा. कांग्रेस के लिए लक्ष्मण कर्मा प्रत्याशी बने. आखिरकार कांग्रेस का एक्सपेरिमेंट काम कर गया. लक्ष्मण ने कांग्रेस को निराश नहीं करते हुए जनता पार्टी के उम्मीदवार समारु राम परगनिया को हरा दिया..कांग्रेस ने 1984 से 1991 तक मंकूराम सोदी को टिकट देकर चुनाव लड़वाया.सोदी पार्टी के लिए मील का पत्थर साबित हुए.लेकिन 1996 में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र कर्मा ने चुनाव हराया. इसके बाद इस सीट पर बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की. 1998 से लेकर 2011 तक बलिराम ने बस्तर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की. लेकिन साल 2011 में बलिराम कश्यप का निधन हो गया.जिसके बाद उनके बेटे दिनेश कश्यप को उम्मीदवारी मिली.दिनेश ने निराश नहीं किया और 2014 में लोकसभा सीट फिर से बीजेपी के झोली में डाल दी.लेकिन साल 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज बीजेपी के नए प्रत्याशी को चुनाव हरा दिया.
साल | वोट प्रतिशत | विजेता प्रत्याशी | पहला नंबर | दूसरा नंबर | कुल मत |
1952 | 55.65 | मुचाकी कोसा | निर्दलीय 177588 मत 83.05 वोट % | कांग्रेस 36257 मत 16.95 वोट% | 213845 |
1957 | 49.35 | सुरती किसतिया | कांग्रेस 140961 मत 77.18 वोट % | निर्दलीय 41684 मत 22.82 वोट % | 182645 |
1962 | 51.93 | लखमू भवानी | निर्दलीय 87557 मत 46.66 | निर्दलीय 61348 मत 32.69 | 187656 |
1967 | 50.27 | जे सुंदरलाल | निर्दलीय 53798 मत 27.85 वोट % | बीजेएस 36531 मत 18.91 वोट % | 193182 |
1971 | 48.41 | लंबोदर बलियार | निर्दलीय 42207 मत 21.08 वोट % | निर्दलीय 34713 मत 17.34 वोट % | 200216 |
1977 | 42.9 | रिगपाल शाह केसरी | BLD 101007 53.47 वोट % | कांग्रेस 50953 मत 26.98 वोट % | 188889 |
1980 | 37.21 | लक्ष्मण करमा | कांग्रेस 62014 मत 35.66 वोट % | जेएनपी 46964 मत 27.00 वोट % | 173925 |
1984 | 40.45 | मंकूराम सोढ़ी | कांग्रेस 118729 मत 54.66 वोट % | सीपीआई 42419 मत 19.53 वोट % | 217204 |
1989 | 34.8 | मंकूराम सोढ़ी | कांग्रेस 101131 मत 41.87 वोट % | बीजेपी 64905 मत 26.87 वोट % | 241520 |
1991 | 27.21 | मंकूराम सोढ़ी | कांग्रेस 87993 मत 44.87 वोट % | बीजेपी 70973 मत 36.19 वोट % | 196108 |
1996 | 45.76 | महेंद्र कर्मा | निर्दलीय 124322 मत 32.15 वोट % | कांग्रेस 110265 मत 28.51 वोट % | 386701 |
1998 | 41.33 | बलिराम कश्यप | बीजेपी 151484 मत 42.27 वोट % | कांग्रेस 134603 मत 37.56 वोट % | 358371 |
1999 | 39.35 | बलिराम कश्यप | बीजेपी 155421 मत 43.58 वोट % | कांग्रेस 134684 मत 37.77 वोट % | 356603 |
2004 | 43.33 | बलिराम कश्यप | बीजेपी 212,893 47. 26 वोट % | कांग्रेस 158,520 मत 35. 19 वोट % | 450425 |
2009 | 47.34 | बलिराम कश्यप | बीजेपी 249373 मत 44.16 वोट % | कांग्रेस 149111 मत 26.40 वोट % | 564711 |
2014 | 59.32 | दिनेश कश्यप | बीजेपी 385,829 मत 52.77 वोट % | कांग्रेस 261,470 मत 35.76 वोट % | 731141 |
2019 | 66.19 | दीपक बैज | कांग्रेस 402527 मत 46.2 वोट % | बीजेपी 363545 मत 41.73 वोट % | 871179 |
2024 |
पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर्स ज्यादा : निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम के मुताबिक बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती है.जिसमें छह जिले हैं.बस्तर लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 66 हजार 337 मतदाता हैं. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 1 लाख 54 हजार नए मतदाता जोड़े गए हैं. जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 68 हजार 88 है. वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 98 हजार 197 है. इसके अलावा इस बार थर्ड जेंडर के 52 मतदाता भी चुनाव में वोटिंग करेंगे. बस्तर लोकसभा सीट में 18 -19 साल के आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 46 हजार 777 है. आईए जानते हैं अब तक हुए चुनाव में पुरुषों के मुकाबले कितनी महिलाओं को वोटिंग का अधिकार प्राप्त था. आईए आपको बताते हैं अब तक बस्तर में हुए चुनाव में प्रति हजार पुरुष के मुकाबले महिलाओं का लिंगानुपात क्या रहा.
साल | पुरुष मतदाता | महिला मतदाता | मतदाता लिंग अनुपात |
1971 | 235262 | 243787 | 1036 |
1977 | 243581 | 251924 | 1034 |
1980 | 249145 | 256671 | 1030 |
1984 | 288776 | 301754 | 1045 |
1989 | 372029 | 379267 | 1019 |
1991 | 376975 | 383930 | 1018 |
1996 | 456828 | 466580 | 1021 |
1998 | 458946 | 472422 | 1029 |
1999 | 472755 | 481650 | 1019 |
2004 | 507521 | 531921 | 1048 |
2009 | 583406 | 609710 | 1045 |
2014 | 632842 | 665241 | 1051 |
2019 | 663409 | 715672 | 1079 |
लोकसभा क्षेत्र में 1957 मतदान केंद्र बने हैं. जिनमें 234 मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया गया है .इसके अलावा 97 संगवारी मतदान केंद्र भी हैं. जो महिला मतदान दल संचालित करेंगे. साथ ही साथ 8 दिव्यांग मतदान केंद्र और 31 युवा मतदान केंद्र भी आकर्षण का केंद्र होंगे.