रांची: लैंड स्कैम मामले में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद गंवाने और उनके न्यायिक हिरासत में जाने के 17वें दिन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, गुरुजी के परिवार से उनके पुत्र बसंत सोरेन नए मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल होंगे. इसके अलावा झामुमो और कांग्रेस कोटे के सभी पूर्व मंत्रियों को फिर से कैबिनेट में जगह मिलने की सूचना है. यह भी जानकारी मिली है कि इस कैबिनेट में भी 12वें मंत्री का पद खाली रह सकता है.
चुनावी वर्ष होने के कारण नहीं होगा कई बदलाव
झामुमो कोटे से मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन, बेबी देवी और जोबा मांझी को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. वहीं कांग्रेस कोटे से डॉ रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख फिर मंत्री बनने वाले हैं. कांग्रेस से आलमगीर आलम और राजद से सत्यानंद भोक्ता पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. हालांकि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को बदलने के लिए कई विधायकों का दबाव लगातार चल रहा था, लेकिन चुनावी वर्ष होने की वजह से कांग्रेस आलाकमान बदलाव से परहेज करने के फेवर में रहा.
8 फरवरी को कैबिनेट विस्तार के लिए जब पहली तारीख तय हुई थी, उस वक्त करीब-करीब तय हो गया था कि बादल पत्रलेख की जगह दीपिका पांडे सिंह को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. यहीं से कांग्रेस में दबाव की राजनीति शुरू हुई. ओबीसी कोटे से आने वाली अंबा प्रसाद भी लगातार दबाव बना रही थी. इसकी वजह से मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख बढ़ाकर 16 फरवरी करनी पड़ी.
ऐसे होगा विभाग का बंटवारा
सूत्रों से जानकारी मिली है कि ज्यादातर मंत्रियों के पास वही विभाग रहेंगे जो पूर्व में रहे हैं. सिर्फ उन विभागों को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और बसंत सोरेन के बीच बांटा जाएगा जो विभाग हेमंत सोरेन के पास थे. सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर है कि गृह विभाग की जिम्मेदारी किसको मिलती है.
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