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बड़वानी जिले के इस गांव का हर व्यक्ति 'मांझी', श्रमदान कर खुद बना रहे सड़क

नेताओं और अफसरों ने नहीं सुनी तो बड़वानी जिले के मोरानी में ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनानी शुरू कर दी है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Barwani Villages No Road
ग्रामीणों ने सड़क बनाने के लिए किया श्रमदान (ETV BHARAT)

बड़वानी। जिले के पहाड़ी अंचल में बसे पाटी विकासखंड के ग्राम मोरानी में गांव तक पहुंचने का रास्ता नहीं है. यहां बच्चों के लिए स्कूल पहुंचने की कोई सुविधा नहीं है. लोग आने जाने के लिए कच्चा रास्ता उपयोग करते हैं. बारिश में इस कच्चे मार्ग की हालत ऐसी हो जाती है कि पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. किसी मरीज को इलाज के लिए ले जाना हो या कोई आवश्यक कार्य के लिए जाना हो तो लोगों को बहुत कठिनाई से होकर गुजरना पड़ता है. इस समस्या को हल करने के लिए ग्रामीणों ने अफसरों और नेताओं के काफी चक्कर लगाए लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

ग्रामीणों ने खुद ही 5 किमी सड़क बनाने का लिया संकल्प

चारों ओर से निराश होकर ग्रामीण अब स्वयं ही सड़क का निर्माण कर रहे हैं. रोजाना खेतों में काम करने के बाद जो समय बचता है, उसमें सभी लोग श्रमदान कर सड़क पर पत्थर व मुरुम डालकर निर्माण कर रहे हैं. ग्रामीण किसन व अर्जुन ने बताया मोरानी गांव में करीब 300 परिवार निवास करते हैं. इसमें 1700 लोग वोट डालते हैं. हर बार सरकार चुनते हैं लेकिन सरकार उनकी पुकार नहीं सुनती. हम रामगढ़ रोड, मोरानी फाटा से नील बावड़ी तक 5 किमी के मार्ग का निर्माण कर रहे हैं, जिससे हमारे वाहन आसानी से रामगढ़ रोड तक पहुंच सकें.

बड़वानी के मोरानी गांव के लोगों ने खुद ही सड़क बनानी शुरू कर दी (ETV BHARAT)

ग्रामीणों को 100 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ता है

उन्होंने बताया कि गांव में बिजली सुविधा तो पहुंच गई है लेकिन यहां अब तक सड़क नहीं बनी. इससे स्कूल तो बहुत दूर की बात, यहां आज भी बीमार लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब गांव में कोई बीमार पड़ता है तो उसे झोली में डालकर या खटिया के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है. ग्रामीण वेरसिंह व जाड़िया ने बताया मोरानी से करीब 15 किमी का मार्ग का निर्माण कर दिया जाए तो लोगों ग्रामीणों को सीधे पानसेमल पहुंचने में मदद मिलेगी. इससे ग्रामीणों को करीब 100 किमी का फेरा नहीं लगाना पड़ेगा.

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बड़वानी के 25 गांवों में प्रधानमंत्री सड़क योजना से होगा काम

ग्रामीणों ने बताया आसपास की करीब 8 से 9 पंचायत के ग्रामीण अतिरिक्त फेरा लगाकर पानसेमल व खेतिया मंडी अपनी फसल बेचने जाते हैं. अगर मोरानी वाला मार्ग का निर्माण कर दिया जाए तो ग्रामीणों को सुविधा होगी. साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा में आसानी होगी. इस मामले में जनपद पंचायत पाटी सीईओ निलेश नाग ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत 250 से अधिक परिवार वाले गांवों में सड़क निर्माण किया जाना है. इसके लिए आगामी दिनों में सरपंच सचिव की बैठक लेकर उनके क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव बुलाएं जाएंगे. वर्तमान जनपद क्षेत्र में 25 से 26 गांव अभी छूटे हुए हैं. जहां सड़क का निर्माण होना है.

बड़वानी। जिले के पहाड़ी अंचल में बसे पाटी विकासखंड के ग्राम मोरानी में गांव तक पहुंचने का रास्ता नहीं है. यहां बच्चों के लिए स्कूल पहुंचने की कोई सुविधा नहीं है. लोग आने जाने के लिए कच्चा रास्ता उपयोग करते हैं. बारिश में इस कच्चे मार्ग की हालत ऐसी हो जाती है कि पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. किसी मरीज को इलाज के लिए ले जाना हो या कोई आवश्यक कार्य के लिए जाना हो तो लोगों को बहुत कठिनाई से होकर गुजरना पड़ता है. इस समस्या को हल करने के लिए ग्रामीणों ने अफसरों और नेताओं के काफी चक्कर लगाए लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

ग्रामीणों ने खुद ही 5 किमी सड़क बनाने का लिया संकल्प

चारों ओर से निराश होकर ग्रामीण अब स्वयं ही सड़क का निर्माण कर रहे हैं. रोजाना खेतों में काम करने के बाद जो समय बचता है, उसमें सभी लोग श्रमदान कर सड़क पर पत्थर व मुरुम डालकर निर्माण कर रहे हैं. ग्रामीण किसन व अर्जुन ने बताया मोरानी गांव में करीब 300 परिवार निवास करते हैं. इसमें 1700 लोग वोट डालते हैं. हर बार सरकार चुनते हैं लेकिन सरकार उनकी पुकार नहीं सुनती. हम रामगढ़ रोड, मोरानी फाटा से नील बावड़ी तक 5 किमी के मार्ग का निर्माण कर रहे हैं, जिससे हमारे वाहन आसानी से रामगढ़ रोड तक पहुंच सकें.

बड़वानी के मोरानी गांव के लोगों ने खुद ही सड़क बनानी शुरू कर दी (ETV BHARAT)

ग्रामीणों को 100 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ता है

उन्होंने बताया कि गांव में बिजली सुविधा तो पहुंच गई है लेकिन यहां अब तक सड़क नहीं बनी. इससे स्कूल तो बहुत दूर की बात, यहां आज भी बीमार लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब गांव में कोई बीमार पड़ता है तो उसे झोली में डालकर या खटिया के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है. ग्रामीण वेरसिंह व जाड़िया ने बताया मोरानी से करीब 15 किमी का मार्ग का निर्माण कर दिया जाए तो लोगों ग्रामीणों को सीधे पानसेमल पहुंचने में मदद मिलेगी. इससे ग्रामीणों को करीब 100 किमी का फेरा नहीं लगाना पड़ेगा.

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ग्रामीणों ने बताया आसपास की करीब 8 से 9 पंचायत के ग्रामीण अतिरिक्त फेरा लगाकर पानसेमल व खेतिया मंडी अपनी फसल बेचने जाते हैं. अगर मोरानी वाला मार्ग का निर्माण कर दिया जाए तो ग्रामीणों को सुविधा होगी. साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा में आसानी होगी. इस मामले में जनपद पंचायत पाटी सीईओ निलेश नाग ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत 250 से अधिक परिवार वाले गांवों में सड़क निर्माण किया जाना है. इसके लिए आगामी दिनों में सरपंच सचिव की बैठक लेकर उनके क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव बुलाएं जाएंगे. वर्तमान जनपद क्षेत्र में 25 से 26 गांव अभी छूटे हुए हैं. जहां सड़क का निर्माण होना है.

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