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शहीद नखत सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, 7 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि - Barmer martyrs funeral

अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान बाड़मेर का जवान शहीद हो गया. शहीद का गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सात साल के बेटे ने मुखाग्नि दी है.

Barmer martyrs funeral
शहीद नखतसिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब (Photo ETV Bharat Barmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 29, 2024, 5:50 PM IST

बाड़मेर: अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में शहीद हवलदार नखतसिंह का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सात साल के मासूम बेटे शौर्य ने अपने शहीद पिता के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. शहीद के अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. दो दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में सेना का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में राजस्थान के हवलदार नखतसिंह शहीद हो गए थे. नखतसिंह के शहीद होने की सूचना के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.

नखतसिंह अमर रहे के लगे नारे: ग्रामीणों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश से गुरुवार सुबह शहीद की पार्थिव देह बाड़मेर पहुंची. यहां जालीपा आर्मी कैंट से शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव हरसाणी ले जाया गया. इस बीच जगह-जगह लोगों ने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प वर्षा की. बीच बीच में 'शहीद नखतसिंह अमर रहे' के नारे लगाए गए. शहीद की पार्थिव देह ज्योंही उनके निवास पर पहुंची तो पूरा माहौल गमगीन हो गया. यहां शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. शहीद की मां, वीरांगना और बच्चों सहित तमाम लोगों ने अंतिम दर्शन किए. अंतिम दर्शन के बाद शहीद की वीरांगना प्रियंका बेसुध हो गई. उसकी तबीयत बिगड़ गई. सेना के अधिकारी ने शहीद नखतसिंह के भाई उम्मेदसिंह को तिरंगा सुपुर्द किया. तिरंगे को सिर पर लगाते हुए भाई की आंखों से आंसू छलक पड़े.

पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश से आज बाड़मेर पहुंचेगा जवान का पार्थिव शरीर, सड़क हादसे में हुआ था निधन

जिला कलक्टर ने बंधाया ढांढस: बाड़मेर के जिला कलेक्टर निशांत जैन और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा शहीद नखतसिंह भाटी के घर पर पहुंचे और शोक संतप्त ​परिवार को ढांढस बंधाया. जिला कलक्टर निशांत जैन ने भरोसा दिलाया कि परिवार ने एक सदस्य खोया है, लेकिन पूरा देश इस परिवार के साथ खड़ा है.

गमगीन माहौल के बीच निकली अंतिम यात्रा: शहीद की अंतिम यात्रा गमगीन माहौल में निकाली गई. अंतिम यात्रा में लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले कई गणमान्य लोगों के साथ सेना और प्रशासन के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी. सात साल के मासूम बेटे शौर्य ने अपने शहीद पिता के पार्थिव देह को मोखग्नि दी. इस दौरान 'शहीद नखत सिंह अमर रहे' के नारों से, पूरा इलाका गूंज उठा. शहीद नखतसिंह के सम्मान में हरसाणी गांव में बाजार बंद रहा.

बाड़मेर: अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में शहीद हवलदार नखतसिंह का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सात साल के मासूम बेटे शौर्य ने अपने शहीद पिता के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. शहीद के अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. दो दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में सेना का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में राजस्थान के हवलदार नखतसिंह शहीद हो गए थे. नखतसिंह के शहीद होने की सूचना के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.

नखतसिंह अमर रहे के लगे नारे: ग्रामीणों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश से गुरुवार सुबह शहीद की पार्थिव देह बाड़मेर पहुंची. यहां जालीपा आर्मी कैंट से शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव हरसाणी ले जाया गया. इस बीच जगह-जगह लोगों ने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प वर्षा की. बीच बीच में 'शहीद नखतसिंह अमर रहे' के नारे लगाए गए. शहीद की पार्थिव देह ज्योंही उनके निवास पर पहुंची तो पूरा माहौल गमगीन हो गया. यहां शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. शहीद की मां, वीरांगना और बच्चों सहित तमाम लोगों ने अंतिम दर्शन किए. अंतिम दर्शन के बाद शहीद की वीरांगना प्रियंका बेसुध हो गई. उसकी तबीयत बिगड़ गई. सेना के अधिकारी ने शहीद नखतसिंह के भाई उम्मेदसिंह को तिरंगा सुपुर्द किया. तिरंगे को सिर पर लगाते हुए भाई की आंखों से आंसू छलक पड़े.

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जिला कलक्टर ने बंधाया ढांढस: बाड़मेर के जिला कलेक्टर निशांत जैन और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा शहीद नखतसिंह भाटी के घर पर पहुंचे और शोक संतप्त ​परिवार को ढांढस बंधाया. जिला कलक्टर निशांत जैन ने भरोसा दिलाया कि परिवार ने एक सदस्य खोया है, लेकिन पूरा देश इस परिवार के साथ खड़ा है.

गमगीन माहौल के बीच निकली अंतिम यात्रा: शहीद की अंतिम यात्रा गमगीन माहौल में निकाली गई. अंतिम यात्रा में लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले कई गणमान्य लोगों के साथ सेना और प्रशासन के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी. सात साल के मासूम बेटे शौर्य ने अपने शहीद पिता के पार्थिव देह को मोखग्नि दी. इस दौरान 'शहीद नखत सिंह अमर रहे' के नारों से, पूरा इलाका गूंज उठा. शहीद नखतसिंह के सम्मान में हरसाणी गांव में बाजार बंद रहा.

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