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Engineer Assault Case : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने किया सरेंडर

इंजीनियर से मारपीट केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने एससी-एसटी कोर्ट में किया सरेंडर.

Engineer Assault Case
पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने किया सरेंडर (ETV BHARAT Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 43 minutes ago

लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी (ETV BHARAT Dholpur)

धौलपुर : 28 मार्च, 2022 को चर्चित बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय पर इंजीनियर हर्षाधिपति से मारपीट करने के मामले में बाड़ी के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार शाम को एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने मलिंगा को जेल भेजने के आदेश दिए हैं. मलिंगा के न्यायिक अभिरक्षा में भेजने से उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई.

लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि 28 मार्च, 2022 को बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय पर डिस्कॉम के इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ भीड़ के समूह द्वारा मारपीट की गई थी. मारपीट के आरोप तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर लगे थे. मामले की जांच सीआईडीसीबी को सौंप गई थी. सीआईडीसीबी ने गिर्राज सिंह मलिंगा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. उसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

इसे भी पढ़ें - पूर्व विधायक को सुप्रीम कोर्ट से राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा को जमानत दे दी थी. जमानत पर छूटने के बाद गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थक और कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकालकर एक सभा का आयोजन किया था. सभा का आयोजन होने के बाद परिवादी इंजीनियर हर्षाधिपति ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी. पिटीशन में आरोप था कि गिर्राज सिंह मलिंगा ने झूठ बोलकर जमानत ली है और विशाल जुलूस निकालकर गवाहों को डराने और धमकाने का काम किया है.

लंबे समय से इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी. हाईकोर्ट ने इंजीनियर हर्षाधिपति की रिट को स्वीकार करते हुए पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत अर्जी को खारिज कर उन्हें एक महीने के अंतर्गत न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के निर्देश दिए थे. इसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट कूच किया. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद जस्टिस सुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा को कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की है.

इसे भी पढ़ें - बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा को मिली जमानत रद्द

समर्थकों में छाई मायूसी : गिर्राज सिंह मलिंगा के न्यायिक अभिरक्षा में जाने के बाद उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है. गत दो दिन से गिर्राज सिंह मलिंगा के आवास पर समर्थक और कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी जा रही थी. गिर्राज सिंह मलिंगा के जेल में जाने के बाद सियासी चर्चाएं भी तेज हो गई है.

बाजार में पैदल ले गई पुलिस : कोर्ट द्वारा गिर्राज सिंह मलिंगा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए जाने के बाद पुलिस मलिंगा को पैदल ही बाजार से होकर ले गई. इस दौरान बाजार में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. करीब आधा किलोमीटर बाजार में पैदल चलने के बाद मलिंगा को गाड़ी में बैठाकर कारागार भेजा गया.

लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी (ETV BHARAT Dholpur)

धौलपुर : 28 मार्च, 2022 को चर्चित बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय पर इंजीनियर हर्षाधिपति से मारपीट करने के मामले में बाड़ी के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार शाम को एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने मलिंगा को जेल भेजने के आदेश दिए हैं. मलिंगा के न्यायिक अभिरक्षा में भेजने से उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई.

लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि 28 मार्च, 2022 को बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय पर डिस्कॉम के इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ भीड़ के समूह द्वारा मारपीट की गई थी. मारपीट के आरोप तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर लगे थे. मामले की जांच सीआईडीसीबी को सौंप गई थी. सीआईडीसीबी ने गिर्राज सिंह मलिंगा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. उसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा को जमानत दे दी थी. जमानत पर छूटने के बाद गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थक और कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकालकर एक सभा का आयोजन किया था. सभा का आयोजन होने के बाद परिवादी इंजीनियर हर्षाधिपति ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी. पिटीशन में आरोप था कि गिर्राज सिंह मलिंगा ने झूठ बोलकर जमानत ली है और विशाल जुलूस निकालकर गवाहों को डराने और धमकाने का काम किया है.

लंबे समय से इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी. हाईकोर्ट ने इंजीनियर हर्षाधिपति की रिट को स्वीकार करते हुए पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत अर्जी को खारिज कर उन्हें एक महीने के अंतर्गत न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के निर्देश दिए थे. इसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट कूच किया. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद जस्टिस सुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा को कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की है.

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समर्थकों में छाई मायूसी : गिर्राज सिंह मलिंगा के न्यायिक अभिरक्षा में जाने के बाद उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है. गत दो दिन से गिर्राज सिंह मलिंगा के आवास पर समर्थक और कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी जा रही थी. गिर्राज सिंह मलिंगा के जेल में जाने के बाद सियासी चर्चाएं भी तेज हो गई है.

बाजार में पैदल ले गई पुलिस : कोर्ट द्वारा गिर्राज सिंह मलिंगा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए जाने के बाद पुलिस मलिंगा को पैदल ही बाजार से होकर ले गई. इस दौरान बाजार में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. करीब आधा किलोमीटर बाजार में पैदल चलने के बाद मलिंगा को गाड़ी में बैठाकर कारागार भेजा गया.

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