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सरकारी सीलिंग जमीन पर कब्जा: FIR से 2 अभियुक्तों के नाम निकालने पर बुरी तरह फंसी पुलिस, अब होगी कार्रवाई

encroachment government ceiling case: FIR से 2 अभियुक्तों के नाम निकालने पर एसएसपी ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये है.

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पुलिस ने FIR से हटाए 2 अभियुक्तों के नाम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 7:44 PM IST

बरेली: करोड़ो की सरकारी सीलिंग जमीन पर कब्जा करके बनाए गए लॉन और स्कूल मामले में कमिश्नर के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस मामले में खेल करते हुये FIR से 2 अभियुक्तों का नाम निकाल दिया. एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी को सौपी है. एसपी सिटी मानुष पारीक ने चार्जशीट कोर्ट भेजने पर रोक लगा दी है.

गौरतलब है, कि 15 फरवरी 2024 में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर थाना बारादरी मे सीलिंग की जमीन कब्जा कर खरीद फरोख्त में वुडरो स्कूल ऑफ सोसाइटी के अध्यक्ष ऋषि वानी,फहम लान मालिक आरिफ,आरिफ के भाई मो शरीफ, गुलवानी, नेतराम और द्वारिका और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसकी विवेचना थाना बारादारी के द्वारा की जा रही थी. यह रिपोर्ट कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर सीडीओ द्वारा राजस्व विभाग की टीम के साथ की गई जांच के बाद थाना बारादरी में लिखवाई गई थी.

आरोप है, कि अभियुक्तों की साठ-गांठ के चलते विवेचना में बारादरी पुलिस ने फहम लॉन के मालिक आरिफ के भाई मोहम्मद शरीफ और वुडरो स्कूल ऑफ सोसाइटी के अध्यक्ष ऋषि वानी को नाम विवेचना से हटा दिया है. एक अन्य व्यक्ति का नाम विवेचना में बढ़ा दिया गया है.

इसे भी पढ़े-लखनऊ में जमीन कब्जा करने पहुंची एयरपोर्ट प्रशासन की टीम-पुलिस से किसानों की झड़प, जमकर नारेबाजी - Protest against land acquisition

एसएसपी अनुराग आर्य का कहना है, कि मामला मेरी संज्ञान में है. विवेचक की भूमिका की जांच भी की जायेगी. प्रकरण की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंपी हैं. विवेचना में दो लोगों के नाम किस आधार पर हटाए गये है और एक नाम किस आधार बढ़ाया गया है. मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

एसपी सिटी मानुष पारीक ने जांच शुरु कर दी है. सीओ थर्ड कार्यालय को चार्जशीट को कोर्ट भेजनें पर रोक लगा दी है. उन्होंने बताया, कि हटाए गए नामों की भूमिका की फिर से जांच होगी. अवैध कब्जा और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराओं को चार्जशीट में शामिल किया जाएगा. इससे सभी आरोपी जेल जाने से बच गए थे. बारादरी पुलिस की भूमिका की भी जांच होंगी.

कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर सीडीओ द्वारा राजस्व विभाग की टीम के साथ की गई जांच की पुष्टि के बाद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था.मुकदमें में 2 लोगों के नाम विवेचना से निकाल देने पर बारादारी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाना तय है. माना जा रहा है, कि इस मामले में एसएसपी थाना बारादरी के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकते है. इस मामले की जांच को लेकर थाना बारादरी पुलिस में हड़कंप मच गया है.

यह भी पढ़े-अपनी ही सरकार में जमीन कब्जे को लेकर फूट-फूटकर रोए भाजपा नेता, बोले- इतनी जिल्लत तो सपा सरकार में भी नहीं हुई

बरेली: करोड़ो की सरकारी सीलिंग जमीन पर कब्जा करके बनाए गए लॉन और स्कूल मामले में कमिश्नर के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस मामले में खेल करते हुये FIR से 2 अभियुक्तों का नाम निकाल दिया. एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी को सौपी है. एसपी सिटी मानुष पारीक ने चार्जशीट कोर्ट भेजने पर रोक लगा दी है.

गौरतलब है, कि 15 फरवरी 2024 में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर थाना बारादरी मे सीलिंग की जमीन कब्जा कर खरीद फरोख्त में वुडरो स्कूल ऑफ सोसाइटी के अध्यक्ष ऋषि वानी,फहम लान मालिक आरिफ,आरिफ के भाई मो शरीफ, गुलवानी, नेतराम और द्वारिका और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसकी विवेचना थाना बारादारी के द्वारा की जा रही थी. यह रिपोर्ट कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर सीडीओ द्वारा राजस्व विभाग की टीम के साथ की गई जांच के बाद थाना बारादरी में लिखवाई गई थी.

आरोप है, कि अभियुक्तों की साठ-गांठ के चलते विवेचना में बारादरी पुलिस ने फहम लॉन के मालिक आरिफ के भाई मोहम्मद शरीफ और वुडरो स्कूल ऑफ सोसाइटी के अध्यक्ष ऋषि वानी को नाम विवेचना से हटा दिया है. एक अन्य व्यक्ति का नाम विवेचना में बढ़ा दिया गया है.

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एसएसपी अनुराग आर्य का कहना है, कि मामला मेरी संज्ञान में है. विवेचक की भूमिका की जांच भी की जायेगी. प्रकरण की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंपी हैं. विवेचना में दो लोगों के नाम किस आधार पर हटाए गये है और एक नाम किस आधार बढ़ाया गया है. मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

एसपी सिटी मानुष पारीक ने जांच शुरु कर दी है. सीओ थर्ड कार्यालय को चार्जशीट को कोर्ट भेजनें पर रोक लगा दी है. उन्होंने बताया, कि हटाए गए नामों की भूमिका की फिर से जांच होगी. अवैध कब्जा और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराओं को चार्जशीट में शामिल किया जाएगा. इससे सभी आरोपी जेल जाने से बच गए थे. बारादरी पुलिस की भूमिका की भी जांच होंगी.

कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के आदेश पर सीडीओ द्वारा राजस्व विभाग की टीम के साथ की गई जांच की पुष्टि के बाद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था.मुकदमें में 2 लोगों के नाम विवेचना से निकाल देने पर बारादारी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाना तय है. माना जा रहा है, कि इस मामले में एसएसपी थाना बारादरी के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकते है. इस मामले की जांच को लेकर थाना बारादरी पुलिस में हड़कंप मच गया है.

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