बलौदाबाजार : बारनवापारा अभयारण्य में 21 से 23 अक्टूबर तक तीसरी बार बटरफ्लाई मीट हुआ. इसमें कई प्रकार की तितलियों को पहचानने और समझने का मौका मिला. बटरफ्लाई मीट में छत्तीसगढ़ पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिले के लोग शामिल हुए. जहां लोगों ने तितलियों को जाना. आपको बता दें कि इस बार प्रतिभागियों की संख्या में कमी देखने को मिली. जिसके बारे में मुख्य वन संरक्षक सातोविशा समाजदार ने बताया कि राष्ट्रीय लेवल की मजबूरियां थी जिसके चलते हम छूट नहीं पाए. ठीक से प्रचार प्रसार नहीं हो पाया. हमारा प्रयास था कि हम पूरे देश भर के लोगों को इसमें शामिल करें.
इकोसिस्टम बिगड़ने से क्या होगा नुकसान : सातोविशा समाजदार ने बताया कि लोग जंगल को सही स्वरुप में देखें जो इकोसिस्टम कॉन्सेप्ट हैं उसको समझें इकोसिस्टम लॉस खो जाने से क्या लॉस होगा उसे समझे. यह समझाने के लिए तितलियां और पक्षियां ज्यादा महत्वपूर्ण है.अगर जंगल चला जाए तो नेचुरल बर्ड्स और बटरफ्लाई हैं वो नहीं होंगे तो हमारा इकोसिस्टम नहीं रहेगा.
इकोसिस्टम को जिंदा रखने के लिए दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं. हम सभी डेमोक्रेसी में जीते हैं. हम लोगों को यह बताएं तो उतना ही इमोशनली अटैचमेंट जंगल में रहने वाले पशु पक्षियों से कर पाएंगे- सातोविशा समाजदार, मुख्य वन संरक्षक
कब से कब तक हुआ तितली मीट : बटरफ्लाई मीट का 23 अक्टूबर आखिरी दिन था. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र मिला . प्रतिभागियों ने अपना-अपना फीडबैक तितलियों और बारनवापारा अभ्यारण्य के अनुभव को साझा किया. 40 से ज्यादा कैंडिडेट्स आए थे. कुछ अनुभवी तो कुछ पहली बार आए थे.21 अक्टूबर से तितली सर्वे का कार्य ट्रेल में किया गया. यह कार्यक्रम 23 अक्टूबर तक चला. बटरफ्लाई मीट में शामिल हुए प्रतिभागियों ने पारंपरिक लोक नृत्य भी किया.
बारनवापारा में 150 प्रजाति की तितलियां: बारनवापारा अभयारण्य में 150 प्रजाति की तितली और मोथ पाई जाती हैं. वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा, लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स प्रजाति पाई जाती है. शेड्यूल छह की भी बहुत से प्रजाति पाई जाती है.
बारिश के बाद मौसम होता है खुशनुमा : बारिश के मौसम के बाद और सर्दी का मौसम आने से पहले रंग बिरंगी तितलियां वातावरण की रंगत को खुशनुमा बना देती हैं. लेकिन आज की भागम भाग जिंदगी में किसी को इन तितलियों की सुध लेने की फुर्सत ही नहीं है. कुदरत के साथ रंगीन तितलियों के बीच दो पल सुकून के बिताने का मौका छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार जिले में 21 से 23 अक्टूबर तक मिला. आपको बता दे कि वन विभाग ने 3 दिनों तक चलने वाले अपने तरह के अनूठे तितली समागम का आयोजन छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में किया.
इस 'बटरफ्लाई मीट' का आयोजन किसी शहर के पार्क में नहीं, बल्कि राज्य के मशहूर बारनवापारा अभयारण्य में 21 से 23 अक्टूबर तक हुआ. इसमें कई तरह की तितलियों को पहचानने और समझने का मौका मिला. बटरफ्लाई मीट में छत्तीसगढ़ पूरे प्रदेश भर के अलग-अलग जिले के लोग शामिल हुए. बारनवापारा अभयारण्य राज्य के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित हैं. जो राजधानी से 90 किलोमीटर दूर और बलौदाबाजार जिले मुख्यालय से 58 किलोमीटर दूर है.