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VIDEO : शारदा नहर में आईं 2 मादा डॉल्फिन, एक की मौत, दूसरे की वन विभाग ने बचाई जान

Dolphins in Barabanki Sharda Canal : शारदा बैराज में पानी छोड़ने पर इंदिरा नहर में अक्सर संरक्षित जीव आ जाते हैं.

बाराबंकी : शारदा नहर मिलीं डाल्फिन.
बाराबंकी : शारदा नहर मिलीं डाल्फिन. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 10:30 AM IST

बाराबंकी : शारदा नहर में आईं दो डॉल्फिन में से एक की मौत हो गई. जबकि एक डॉल्फिन को रेस्क्यू कर उसे घाघरा घाट पर सरयू नदी में रिलीज कर दिया गया. मृत डॉल्फिन का पोस्टमार्टम कराया गया है. अधिकारियों ने संभावना जताई कि नहर में पानी कम होने के चलते दम घुटने से डॉल्फिन की मौत हुई है. दूसरी डॉल्फिन छोटी होने के चलते बच गई है.

बुधवार शाम देवां थाना क्षेत्र के माती पुल के पास शारदा कैनाल में कुछ ग्रामीणों ने एक डॉल्फिन होने की सूचना पुलिस को दी. इसके बाद चौकी इंचार्ज माती की सूचना पर बाराबंकी से देवां रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मयंक सिंह के नेतृत्व में टीम इंदिरा कैनाल के माती पुल के पास पहुंची. डीएफओ आकाश बधावन भी मौके पर पहुंचे. जांच में पता चला कि यह क्षेत्र लखनऊ डिवीजन के वन विभाग का है. इस पर रात में ही बाराबंकी टीम ने लखनऊ डिवीजन को सूचना दी और डॉल्फिन को रिकवर कर लिया. डॉल्फिन मृत अवस्था में थी. उसे रात में ही निकाल लिया गया था और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था.

शारदा नहर में मिली डाॅल्फिन का रेस्क्यू करते वन अधिकारी. (Video Credit : ETV Bharat)

टर्टल सर्वाइवल एलायंस लखनऊ के डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि नहर में पानी कम था. शायद यही वजह रही कि डॉल्फिन की दम घुटने से मौत हो गई. डीएफओ आकाश बधावन ने बताया कि गुरुवार को फिर एक डॉल्फिन देखे जाने की सूचना ग्रामीणों से मिली थी. सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी देवां मयंक सिंह, टर्टल सर्वाइवल एलायंस के डॉ. शैलेन्द्र सिंह, रेंजर कमलेश कुमार, डिप्टी रेंजर प्रशांत कुमार, मनोज यादव और तेज प्रकाश वर्मा माती पुल के पास पहुंचे. टीम ने सुबह से रेस्क्यू शुरू किया और तकरीबन चार घंटे के रेस्क्यू के बाद डॉल्फिन को पकड़ा. उसके बाद साइंटिफिक सिस्टम का प्रयोग करते हुए उसे गाड़ी पर रखकर घाघरा घाट ले जाकर सरयू नदी में रिलीज कर दिया गया. दोनों डॉल्फिन मादा थीं. जिस डॉल्फिन का रेस्क्यू किया गया उसका वजन 90 किलोग्राम और लम्बाई 6 फुट है. मृत डॉल्फिन वजन में इससे दो गुना थी.

इंदिरा नहर में अक्सर आ जाते हैं संरक्षित जीव : बता दें, शारदा बैराज में जब भी पानी छोड़ा जाता है तो ये संरक्षित जीव नहर में आ जाते हैं. डीएफओ के मुताबिक अगर लोहे का जाल लग जाए या अल्ट्रासोनिक वेव्स का कोई सिस्टम बन जाए तो यह जीव नहर में न आ सकें. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोहे का जाल लगवाने के लिए सिंचाई विभाग को साल भर पहले लिखा जा चुका है.

यह भी पढ़ें : Dolphin Day: वाराणसी में गांगेय डाल्फिन जलज सफारी की शुरुआत

यह भी पढ़ें : शारदा नदी में डूबे दो युवक, तलाश में जुटी एनडीआरएफ टीम

बाराबंकी : शारदा नहर में आईं दो डॉल्फिन में से एक की मौत हो गई. जबकि एक डॉल्फिन को रेस्क्यू कर उसे घाघरा घाट पर सरयू नदी में रिलीज कर दिया गया. मृत डॉल्फिन का पोस्टमार्टम कराया गया है. अधिकारियों ने संभावना जताई कि नहर में पानी कम होने के चलते दम घुटने से डॉल्फिन की मौत हुई है. दूसरी डॉल्फिन छोटी होने के चलते बच गई है.

बुधवार शाम देवां थाना क्षेत्र के माती पुल के पास शारदा कैनाल में कुछ ग्रामीणों ने एक डॉल्फिन होने की सूचना पुलिस को दी. इसके बाद चौकी इंचार्ज माती की सूचना पर बाराबंकी से देवां रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मयंक सिंह के नेतृत्व में टीम इंदिरा कैनाल के माती पुल के पास पहुंची. डीएफओ आकाश बधावन भी मौके पर पहुंचे. जांच में पता चला कि यह क्षेत्र लखनऊ डिवीजन के वन विभाग का है. इस पर रात में ही बाराबंकी टीम ने लखनऊ डिवीजन को सूचना दी और डॉल्फिन को रिकवर कर लिया. डॉल्फिन मृत अवस्था में थी. उसे रात में ही निकाल लिया गया था और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था.

शारदा नहर में मिली डाॅल्फिन का रेस्क्यू करते वन अधिकारी. (Video Credit : ETV Bharat)

टर्टल सर्वाइवल एलायंस लखनऊ के डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि नहर में पानी कम था. शायद यही वजह रही कि डॉल्फिन की दम घुटने से मौत हो गई. डीएफओ आकाश बधावन ने बताया कि गुरुवार को फिर एक डॉल्फिन देखे जाने की सूचना ग्रामीणों से मिली थी. सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी देवां मयंक सिंह, टर्टल सर्वाइवल एलायंस के डॉ. शैलेन्द्र सिंह, रेंजर कमलेश कुमार, डिप्टी रेंजर प्रशांत कुमार, मनोज यादव और तेज प्रकाश वर्मा माती पुल के पास पहुंचे. टीम ने सुबह से रेस्क्यू शुरू किया और तकरीबन चार घंटे के रेस्क्यू के बाद डॉल्फिन को पकड़ा. उसके बाद साइंटिफिक सिस्टम का प्रयोग करते हुए उसे गाड़ी पर रखकर घाघरा घाट ले जाकर सरयू नदी में रिलीज कर दिया गया. दोनों डॉल्फिन मादा थीं. जिस डॉल्फिन का रेस्क्यू किया गया उसका वजन 90 किलोग्राम और लम्बाई 6 फुट है. मृत डॉल्फिन वजन में इससे दो गुना थी.

इंदिरा नहर में अक्सर आ जाते हैं संरक्षित जीव : बता दें, शारदा बैराज में जब भी पानी छोड़ा जाता है तो ये संरक्षित जीव नहर में आ जाते हैं. डीएफओ के मुताबिक अगर लोहे का जाल लग जाए या अल्ट्रासोनिक वेव्स का कोई सिस्टम बन जाए तो यह जीव नहर में न आ सकें. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोहे का जाल लगवाने के लिए सिंचाई विभाग को साल भर पहले लिखा जा चुका है.

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