रांची: रांची लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चंपाई सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता को पार्टी प्रत्याशी बना सकती है. इसकी आधिकारिक घोषणा आज शाम तक होने की उम्मीद जतायी जा रही है. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने बन्ना गुप्ता के नाम पर अपनी सहमति दे दी है.
जातीय समीकरण मानी जा रही वजह
इस फैसले को कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. अगर बन्ना प्रत्याशी घोषित होते तो रांची सीट पर चुनाव दिलचस्प हो सकता है. इसकी वजह जातीय समीकरण मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक बनिया वर्ग से आने वाले भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के सामने इसी जाति से आने वाले बन्ना गुप्ता ताल ठोकते नजर आएंगे.
खास बात है कि बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से विधानसभा का चुनाव लड़ते रहे हैं. 2019 में उनकी एकतरफा जीत हुई थी क्योंकि जमशेदपुर पश्चिम से 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतने वाले सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ बतौर निर्दलीय जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें मात भी दे दी थी.
भाजपा और कांग्रेस में रही है कांटे की टक्कर
दरअसल, रांची लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर होती रही है. 2019 के चुनाव से पहले तक यहां भाजपा की ओर से रामटहल चौधरी और कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के बीच चुनावी जंग चलती रही है. लेकिन 2019 में भाजपा ने रामटहल चौधरी की जगह संजय सेठ को प्रत्याशी बना दिया था. तब रामटहल चौधरी बागी बनकर मैदान में उतरे थे. लेकिन चुनाव के ठीक पहले पीएम मोदी के रोड शो से पूरा माहौल बदल गया था और संजय सेठ की एकतरफा जीत हुई थी.
इस बीच पिछले दिनों रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. जबकि सुबोधकांत सहाय अपने क्षेत्र में पहले की तरह सक्रिय हैं. संभावना जतायी जा रही थी कि सुबोधकांत सहाय और रामटहल चौधरी में से ही किसी को टिकट मिलेगी.
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