बांकाः पिता दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं और बेटा पूरे देश में अपने पिता, परिवार और जिले का नाम रोशन कर रहा है. नाम है अंनत कुमार. बांका के शंभुगंज प्रख्ड के रहनेवाले अनंत कुमार ने औरंगाबाद नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में सबको पछाड़ते हुए गोल्ड पर कब्जा किया. अनंत की इस सफलता से उसके परिवार में खुशी की लहर है.
'दिल्ली से कुश्ती की शुरुआत': मूल रूप से बांका के शंभूगंज प्रखंड के रहने वाले जोगिंदर प्रसाद सिंह के पुत्र अनंत कुमार का कहना है कि "मेरे पापा दिल्ली में रहते हैं और सिक्योरिटी गार्ड कंपनी में सुपरवाइजर हैं. वहीं से मैंने कुश्ती की शुरुआत की. मैंने गुरु हनुमान के अखाड़े से कुश्ती की शुरुआत की. इस दौरान मैं दिल्ली स्टेट में भी सेकेंड आया."
'पैसे की कमी के कारण आना पड़ा गांव': अनंत बताते हैं कि 2007 में मैं गांव वापस आ गया और गांव के ही बगीचे में अखाड़ा बनाकर प्रैक्टिस शुरू की.गांव के अगल-बगल दंगल का पता करता था और अकेला ही दंगल लड़ने जाता था. 2008 में मेरी मुलाकात कुर्मा हाई स्कूल के टीचर संतोष सिंह से हुई.उन्होंने मुझे प्रखंड लेवल से बांका डिस्ट्रिक्ट लेवल खिलाया.जिले से बिहार राज्यस्तरीय कुश्ती में सिलेक्शन हुआ. जिसके बाद मैंने पटना बीएमपी में गोल्ड मेडल जीता.
'नेशनल चैंपियनशिप के लिए भी हुआ सेलेक्शन': अनंत ने बताया कि "मेरा नेशनल लेवल पर भी सेलेक्शन हुआ पर मैं नेशनल चैंपियनशिप में नहीं जा पाया. क्योंकि उस समय मैं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए चला गया था. वहां मैंने गोल्ड जीता और फिर 4 अप्रैल को ओडिशा के पुरी में आयोजित कम बैक नेशनल चैंपियनशिप में भी गोल्ड हासिल किया."