नई दिल्ली/नोएडा: साइबर ठगों ने एक निजी बैंक के प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ करीब 52 लाख रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने पीड़ित को एक सप्ताह तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और करीब दस खाते में ठगी की रकम ट्रांसफर कराई. शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जांच कर रही है.
पुलिस को दी शिकायत में झारखंड निवासी 26 वर्षीय जय राज शर्मा ने बताया कि वर्तमान में वह नोएडा के सेक्टर-20 में रहते हैं और सेक्टर-16 स्थित एक निजी बैंक में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं. 11 अगस्त को जब जय घर पर थे, तभी उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताया. आगे बताया गया कि पीड़ित का मोबाइल नंबर किसी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. दो घंटे में नंबर बंद हो जाएगा. ज्यादा जानकारी के लिए मोबाइल में एक दबाने के लिए कहा गया. ऐसा करते ही कथित रूप से मुंबई के साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी से बात हुई.
उस अधिकारी ने कहा कि आप मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल हैं. आपका जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के सात करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्तता है. इसके बाद जयराज डर गए. फिर ठगों ने कहा कि आपके खिलाफ कोलाबा मुंबई में मुकदमा दर्ज है. यह कहते हुए ठगों ने स्काइप कॉल पर पीड़ित को ले लिया. फिर मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से पूछताछ शुरू की और एक कथित एफआईआर व नोटिस दिखाया.
ठगों ने जय से कहा कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. ऐसे में अगर उसने किसी से भी इसको लेकर बात की तो 20 साल से अधिक की जेल होगी और जुर्माना भी लगेगा. लगातार कैमरे और मोबाइल के सामने बैठने को कहा गया. इसी क्रम में यह भी जानकारी दी गई कि मामले की सुनवाई डिजिटल तौर पर अगले दिन सुप्रीम कोर्ट में होगी. अगले दिन ऐसा ही हुआ. बैंक, स्टॉक और म्यूचुअल फंड के बारे में पीड़ित से जानकारी एकत्र की गई. डिजिटल सुनवाई पूरी होने के बाद जज ने कहा कि सारी रकम सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में ट्रांसफर किया जाए, ताकि आरबीआई इसकी जांच कर सके.
पिता से भी ली रकम: ठगों ने कहा कि आईबीआई से क्लीन चिट मिलते ही रकम फिर से पीड़ित के मूल खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. 26 वर्षीय पीड़ित ने इसके बाद 29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद पीड़ित पर जेल जाने से बचने के लिए और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा. पिता से पैसे लेकर भी उसने ठगों द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी. 52 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर करने के बाद भी जब ठगों की मांग बढ़ती गई तो शिकायतकर्ता को शक हुआ और उसने रकम ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ठगों ने पूरी तरह से पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया. कुल सात दिन तक मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया.
राजस्थान के गिरोह पर शक: जनपद में पिछले तीन दिनों में तीन बड़े साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं. बुधवार को रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने दो करोड़ रुपये की ठगी कर ली थी. इसके बाद सेवानिवृत बुजुर्ग महिला से 19 लाख रुपये की ठगी की गई. इन दोनों मामलों की जांच पुलिस कर ही रही थी, कि बैंक मैनेजर से ही 52 लाख रुपये की साइबर ठगी हो गई. सभी मामले में कई खाते ऐसे हैं जो राजस्थान के हैं. पुलिस अब उन्हीं खातों की जांच कर रही है.
- ये भी पढ़ें: 67 साल के बुजुर्ग को Facebook पर महिला से दोस्ती करना पड़ा महंगा, हुई 25 लाख की ठगी-पढ़ें मामला
ठगी करने वाले कॉल सेंटर का फर्दाफाश: शेयर ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने एक महिला सहित पांच आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. छह नामजद आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. आरोपियों के पास से 33 लैपटॉप, 23 की पैड मोबाइल, 11 एंड्रायड फोन समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर ट्रेडिंग निवेश में लाभ कमाने के लिए शेयर ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर का विज्ञापन देकर ग्राहकों से संपर्क कर ठगी करते थे.