जबलपुर। "भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम लोन लेने की कोई प्रविष्टि बैंक में नहीं है." चुनाव याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन बैंक मैनेजर ने अपने बयान में हाईकोर्ट को ये जानकारी दी. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका पर अगली सुनवाई 24 नवम्बर को निर्धारित की है. बैंक के इस स्पष्टीकरण से आरिफ मसूद को राहत मिलती दिख रही है.
पराजित बीजेपी प्रत्याशी ने दायर की है याचिका
गौरतलब है कि आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए पराजित भाजपा नेता ध्रुव नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि एसबीआई अशोक नगर शाखा से आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम लोन है. लेकिन इसका उल्लेख नामांकन पत्र में नहीं किया गया. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हाईकोर्ट लोन संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है. हाईकोर्ट ने तत्कालीन बैंक मैनेजर को गवाही तथा प्रतिपरीक्षण के लिए तलब किया था. तत्कालीन मैनेजर ने हाईकोर्ट को बताया "आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी सहित 40 खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से एक गिरोह ने धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत करवाये थे, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है."
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बैंक ने आरिफ मसूद को रिकवरी लेटर जारी नहीं किया
बैंक मैनेजर ने हाईकोर्ट को बताया "कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद तथा उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि बैंक रिकॉर्ड में नहीं है. खाते को एपीए कर दिया गया है." उन्होंने बताया "भ्रमित कर उनसे रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर करवाये गये थे. बैंक ने अधिकृत तौर पर कांग्रेस विधायक तथा उनकी पत्नी को रिकवरी लेटर जारी नहीं किए." गवाही तथा प्रतिपरीक्षण पूर्ण होने पर एकलपीठ ने तत्कालीन बैंक मैनेजर को व्यक्तिगत उपस्थिति से मुक्त कर दिया. विधायक आरिफ मसूद की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता तथा याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा उपस्थित हुए.