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बांग्लादेशी छात्रों को लेकर BHU ने लिया बड़ा फैसला, हालात सामान्य होने तक यह रहेगी व्यवस्था - BHU on Bangladeshi students

बांग्लादेश में मचे उपद्रव के बीच बीएचयू में पढ़ने वाले बांग्लादेशी छात्रों को लेकर अहम फैसला लिया गया है.

बांग्लादेशी छात्रों को लेकर BHU ने लिया बड़ा फैसला.
बांग्लादेशी छात्रों को लेकर BHU ने लिया बड़ा फैसला. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 8:43 PM IST

Updated : Aug 6, 2024, 9:28 PM IST

वाराणसी : बांग्लादेश में मचे उपद्रव और वहां की पीएम के इस्तीफे के बाद हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं. लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं. भारत में पढ़ाई के बड़ी संख्या में बांग्लादेशी छात्र आते हैं. इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वालों की भी संख्या ठीक-ठाक होती है. बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच बीएचयू में पढ़ने वाले वहां के छात्रों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में बीएचयू प्रशासन ने उनके हित में बड़ा फैसला लिया है.

बीएचयू में मौजूदा समय में करीब 200 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इमसें करीब 40 छात्र पासआउट हो चुके हैं. इसी बीच बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए हैं. इसे मद्देनजर रखते हुए बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वहां के सभी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के छात्रावासों में निशुल्क रहने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. सामान्यतः कोर्स पूरा होने पर विद्यार्थियों को हॉस्टल ख़ाली करना होता है और तय अवधि से अधिक रहने पर गेस्ट शुल्क का भुगतान करना होता है. लेकिन बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए छात्रोंके हित में यह निर्णय लिया गया है.

इस बारे में अंतरराष्ट्रीय केन्द्र के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल छोड़ने पर वापस बांग्लादेश जाने में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और वे स्थिति सामान्य होने तक छात्रावासों में रह सकते हैं.

बता दें कि प्रति वर्ष सैकड़ों की संख्या में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं. इन में बड़ी तादाद में बांग्लादेशी विद्यार्थी भी होते हैं, जिनमें से अधिकतर बीएचयू के छात्रावासों में रहते हैं. इनके हित में बीएचयू की ओर से लिए गए फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है. फिलहाल बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होने के आसार नजर नहीं आ रहे.

बांग्लादेश में अशांति फैलने के बाद वहां की पीएम शेख हसीना ने पद छोड़ने के साथ भारत का रुख किया था. आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब वहां हिंसक रूप ले चुका है. उपद्रवियों की भीड़ पीएम हाउस में भी घुस गई थी.

बांग्लादेश के ताजा हालात पर ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासन के गठन का रास्ता बनाने के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा कर दी. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है.

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा है कि भारत की बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनी हुई है. वहां पर कुल 19 हजार भारतीय हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं. विदेश मंत्री के अनुसार इनमें से अधिकांश छात्र वापस लौट चुके हैं. सदन में बयान देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम वहां पर सभी भारतीयों के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर वहां के दूतावास के संपर्क में हैं.

यह भी पढ़ें : "बांग्लादेश में पहले हिंदू 32 प्रतिशत थे लेकिन अब ...अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर", बोले VHP नेता - Alok Kumar on Bangladesh Unrest

वाराणसी : बांग्लादेश में मचे उपद्रव और वहां की पीएम के इस्तीफे के बाद हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं. लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं. भारत में पढ़ाई के बड़ी संख्या में बांग्लादेशी छात्र आते हैं. इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वालों की भी संख्या ठीक-ठाक होती है. बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच बीएचयू में पढ़ने वाले वहां के छात्रों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में बीएचयू प्रशासन ने उनके हित में बड़ा फैसला लिया है.

बीएचयू में मौजूदा समय में करीब 200 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इमसें करीब 40 छात्र पासआउट हो चुके हैं. इसी बीच बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए हैं. इसे मद्देनजर रखते हुए बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक वहां के सभी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के छात्रावासों में निशुल्क रहने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. सामान्यतः कोर्स पूरा होने पर विद्यार्थियों को हॉस्टल ख़ाली करना होता है और तय अवधि से अधिक रहने पर गेस्ट शुल्क का भुगतान करना होता है. लेकिन बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए छात्रोंके हित में यह निर्णय लिया गया है.

इस बारे में अंतरराष्ट्रीय केन्द्र के समन्वयक प्रो. एसवीएस. राजू ने बताया कि कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल छोड़ने पर वापस बांग्लादेश जाने में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और वे स्थिति सामान्य होने तक छात्रावासों में रह सकते हैं.

बता दें कि प्रति वर्ष सैकड़ों की संख्या में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं. इन में बड़ी तादाद में बांग्लादेशी विद्यार्थी भी होते हैं, जिनमें से अधिकतर बीएचयू के छात्रावासों में रहते हैं. इनके हित में बीएचयू की ओर से लिए गए फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है. फिलहाल बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होने के आसार नजर नहीं आ रहे.

बांग्लादेश में अशांति फैलने के बाद वहां की पीएम शेख हसीना ने पद छोड़ने के साथ भारत का रुख किया था. आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब वहां हिंसक रूप ले चुका है. उपद्रवियों की भीड़ पीएम हाउस में भी घुस गई थी.

बांग्लादेश के ताजा हालात पर ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासन के गठन का रास्ता बनाने के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा कर दी. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है.

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा है कि भारत की बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनी हुई है. वहां पर कुल 19 हजार भारतीय हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं. विदेश मंत्री के अनुसार इनमें से अधिकांश छात्र वापस लौट चुके हैं. सदन में बयान देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम वहां पर सभी भारतीयों के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर वहां के दूतावास के संपर्क में हैं.

यह भी पढ़ें : "बांग्लादेश में पहले हिंदू 32 प्रतिशत थे लेकिन अब ...अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर", बोले VHP नेता - Alok Kumar on Bangladesh Unrest

Last Updated : Aug 6, 2024, 9:28 PM IST
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