वाराणसी: दीपावली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस को लगभग 3200 करोड रुपए की सौगात दी थी. 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस आए थे. लेकिन, सौगात का अभी तक यहां की जनता प्रयोग नहीं कर सकी है. दरअसल, संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का पूल अभी तक पब्लिक के लिए नहीं खोला गया है. इसके साथ ही यूपी के पहले एयर कंडीशंड गेमिंग जोन पर भी लटका ताला पब्लिक को परेशान कर रहा है.
वाराणसी के ककरमत्ता इलाके में तैयार हुआ या प्लेयिंग जोन ना ही खुला है ना ही आगे खुलने के भी कोई आसार हैं क्योंकि सरकारी पेंच इसमें अब तक फंसा हुआ है. दरसअल ईंट और बालू की अवैध मंडी और अवैध पार्किंग के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. इसको देखते हुए सरकार ने वाराणसी में ऐसी जगह को बच्चों के लिए एयर कंडीशंड गेमिंग जोन में तब्दील करने का काम किया था.
अतिक्रमण का शिकार रहे ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे के स्थान को योगी सरकार ने उपयोगी बनाते हुए जनता की सुविधा के लिए पार्क व पार्किंग का स्थान भी बनाने का फैसला किया है. जिसकी शुरुआत वाराणसी के ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे हुई और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के आने से चार दिन पहले इस पूरे प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और पीएम मोदी ने लोकार्पण कर या तोहफा जनता को सुपुर्द किया.
सड़क के बीचो-बीच फ्लाईओवर के नीचे बच्चों के खेलने के लिए स्पोर्ट्स प्लाजा या गेम जोन का निर्माण हुआ है. लगभग एक करोड़ की लागत से करीब 100 मीटर की खाली जगह में बच्चों के लिए गेम जोन बनाया है. गेमिंग प्लाजा वातानुकूलित है और इसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. यहां बच्चे शतरंज, कैरम बोर्ड, टेबल टेनिस आदि इनडोर गेम खेलेंगे. इसके अलावा गाड़ियों के लिए पार्किंग व शौचालय भी होगा.
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फ्लाईओवर के नीचे लैंडस्कैपिंग भी हुई है. काशी की संस्कृति और विरासत की थीम पर स्कल्पचर बनाया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर एक सुपरवाइजर और गार्ड तैनात किए गए हैं, लेकिन उन्हें भी नहीं पता कि इसका इस्तेमाल कब से शुरू होगा. पब्लिक को क्या जवाब देना है. वह लोग खुद कह रहे हैं कि बहुत से पेरेंट्स बच्चे आकर लौट रहे हैं. लेकिन उनके पास कोई आदेश नहीं है कि ये कब से संचालित होगा. इसका क्या चार्ज रखना है.
स्मार्ट सिटी के पीआरओ शाकंभरी नंदन ने बताया कि हमारा काम था बनाना, हमने बना दिया, अब नगर निगम जाने उसे क्या करना है. वहीं इस संदर्भ में वाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव से बातचीत की गई तो उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि इस बारे में हम स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर बातचीत कर रहे हैं. हम स्मार्ट सिटी को इसके संचालन की जिम्मेदारी देंगे, अभी इसमें प्रक्रिया बची है.
इसे आने वाले समय में सदन की बैठक में प्रस्ताव के तौर पर रखा जाएगा. इसका संचालन किस तरह से और किस रूप में होगा. इस पर जब पाषर्द और मेयर की सहमति बनेगी, प्रस्ताव तैयार होगा तो उसके बाद हम आगे बढ़ेंगे. यानी कुल मिलाकर अभी इसके संचालन में महीनों का समय लग सकता है. यानी पीएम मोदी का यह तोहफा पब्लिक के लिए तैयार तो है लेकिन, पब्लिक इस्तेमाल नहीं कर सकेगी कब तक यह भी अधिकारियों को अभी स्पष्ट नहीं है.
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