वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पहली बार BHU की डिग्री में एक नई पहल की गई है. इसके तहत अब BHU की उपाधि व मार्कशीट सुरक्षा कवच से लैस रहेगी. कोई भी व्यक्ति अब उस डिग्री की जालसाजी नहीं कर सकता, न हीं फोटोशॉप के जरिए BHU की दूसरी उपाधि या मार्कशीट को बना सकता है. इसको लेकर इस बार बीएचयू में नए सुरक्षा कवच को तैयार किया गया है, जो क्यूआर कोड के रूप में डिग्री पर मौजूद है. खास बात यह है कि यदि कोई फोटोकॉपी भी कराएगा तो उसकी भी पहचान हो जाएगी.
बीएचयू में शनिवार से कन्वोकेशन की शुरुआत हो गई है और इस बार BHU की डिग्री व मार्कशीट नए कलेवर में तैयार हुई है. इसमें न सिर्फ मार्कशीट की डिजाइन बदली गई है, बल्कि उसकी सुरक्षा प्रक्रिया को भी और भी ज्यादा मजबूत कर दिया गया है.
इस बारे में BHU के परीक्षण नियंत्रक एन के सिंह ने बताया कि पहली बार हम लोगों ने BHU के डिग्री में इस तरीके का प्रयोग किया है. क्यूआर पहले भी बने हैं, लेकिन इस बार का क्यूआर बिल्कुल अलग और खास है. सुरक्षा दृष्टि से बात करें तो बीएचयू में इस तरीके की पहल पहली बार हुई है. पिछले डिग्रियां में भी सिक्योरिटी फीचर थे लेकिन वह पुराने समय के अनुसार तैयार हुई थी.
हम लोगों के सामने कई ऐसे केस सामने आए थे, जिसमें कई यूनिवर्सिटी की डिग्री फर्जी बन जाती थी इस बार हम लोगों ने डिग्री के पेपर और प्रिंटिंग में कई तरीके नए सिक्योरिटी फीचर डालें है.
इन सिक्योरिटी फीचर से लैस है BHU डिग्री: उन्होंने बताया कि स्पेशल फीचर की बात करें तो,कुछ सिक्योरिटी फीचर ऐसे जिन्हें आप सामान्य आंखों से नहीं देख सकते जब उन पर अल्ट्रावायलेट किरणें न पड़ें. इन किरणों के पड़ने के वह सामने आ जाएंगे. यही नहीं जैसे ही डिग्री की फोटो कॉपी होगी तो उस फोटो कॉपी पर लिख करके फोटोकॉपी आ जाएगा, जबकि डिग्री पर इस तरीके की कोई भी लिखावट नहीं होगी.
वॉइस चांसलर का जहां सिग्नेचर है, एक सिग्नेचर तो आप सामान्य आंखों से देख सकेंगे लेकिन एक हिडन सिग्नेचर भी होगा जो ऊपर से दिखाई नहीं देगा. वह सिर्फ तकनीक के जरिए ही देखा जा सकता है. इसके साथ ही पूरे पेपर में BHU लिखा गया है. इस तरीके की अलग-अलग सिक्योरिटी फीचर इस बार डिग्री व मार्कशीट में रखे गए हैं, जो ब्रेक करना खासा मुश्किल है.
विद्यार्थियों को मिलेगा यह बड़ा लाभ: उन्होंने बताया कि, इन सुरक्षा कवच का सबसे बड़ा लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा. उनकी डिग्री अब किसी भी तरीके से फैब्रिकेटेड नहीं होगी. दूसरा वह इस बात के लिए निश्चिंत रह सकते हैं कि BBHU की डिग्री कभी भी उनकी मिसयूज नहीं होगी .इसको हम लोगों ने डिजिलॉकर से भी इनरोल कर दिया है. एक तरफ हम उन्हें हार्ड कॉपी में डिग्री दे रहे हैं दूसरी तरफ हमने सॉफ्ट कॉपी में उनकी डिग्री उनके लॉकर में रख दी है.
इससे लाभ यह है कि, स्टूडेंट की डिग्री कोई भी कहीं से भी वेरीफाई कर सकता है.जैसे हमारे यहां से कोई स्टूडेंट पास हो गया है उसे नौकरी करना है हमारे पास रिक्वेस्ट आती है कि आप वेरीफाई करिए कि यह आपका यहां का स्टूडेंट है उसने इस साल में डिग्री पास की है या नहीं. उसमें बहुत समय लगता है और लंबी प्रक्रिया होती है, कई बार विद्यार्थियों के पास इतना टाइम नहीं होता था कि वो इस प्रक्रिया को पूरा करें. तो हमने इसे ऑनलाइन कर दिया है. वह अमेरिका में बैठा हुआ है ऑनलाइन हमारे पोर्टल पर आए क्लिक करें अपनी डिटेल्स जमा करें और डिग्री ऑनलाइन ऑफिस वेरिफिकेशन करके दे देगा.
लंबे वक्त के बाद तैयार हुआ यह खास फीचर: आगे वो बताते हैं कि, डिग्री के फीचर व फॉर्मेट के लिए कंट्रोलर ऑफिस को लंबे वक्त तक मेहनत करनी पड़ी लेकिन यह मेहनत कारगर साबित हुई और विद्यार्थियों को नए डिजाइन की डिग्री मिली है. इस बार कैटेगरी में खास बात यह भी है कि हर बार हम एक लेमिनेट डिग्री देते थे जो एक समय के बाद खराब हो जाती थी. लेकिन इस बार हम लोग लेमिनेट करके नहीं बल्कि एक फोल्डर में डिग्री को दे रहे हैं.
फोल्डर से स्टूडेंट निकाल करके फोटो कॉपी कराए या अन्य उपयोग में लें और उसके बाद डिग्री अपनी फोल्डर में रख दे और यह डिजाइन भी एक तरीके का फैंसी फोल्डर होगा. जिसमें विंडो कट बना हुआ है जहां पर बाहर से स्टूडेंट का नाम दिखेगा बाकी पूरी डिग्री इस फोल्डर में रहेगी.
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