वाराणसी : काशी को नए सिरे से विकसित करने की रूपरेखा तैयार है. वाराणसी महायोजना 2031 को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से किया जा रहा प्रयास रंग ला चुका है. लंबे वक्त के बाद वाराणसी महायोजना 2031 के संशोधन को मंजूरी मिली. इसके बाद इसकी विसंगतियों को दूर किया जा चुका है. अब इस पर काम भी शुरू हो चुका है. काशी में अब वे भी काम हो सकेंगे जो किन्ही वजहों से रुके हुए थे. प्राधिकरण इस पर जल्द प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी में है.
वाराणसी विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रभात कुमार ने बताया कि संशोधित महायोजना 2021 के भेजे गए प्रस्ताव पर अपर मुख्य सचिव ने मुहर लगा दी है. अब होटल, मॉल, काम्पलेक्स, स्ट्रीट बाजार, सड़क चौड़ीकरण, कुछ हेरिटेज जमीन में विकास कार्य करने में आसानी होगी. कुछ ऐसे कार्य थे जो पुरानी कार्य योजना में विसंगतियों के साथ तैयार किए गए थे और इन सभी विसंगतियों को देखने के बाद इन्हें दूर करने के लिए नई कार्य योजना तैयार की गई थी. इस पर शासन स्तर से मुहर लगने के बाद अब 2 अक्टूबर को अपनी लोकल बॉडी मीटिंग में इसको रखकर प्रस्ताव पास करवाया जाएगा.
सूरत की एजेंसी ने शुरू किया सर्वे : नगर नियोजक ने बताया कि प्रस्ताव के पास होने के बाद अब बनारस में कृषि समेत कई जमीनों का अधिग्रहण करने में आसानी होगी. इसके अलावा शहर में रुके विकास कार्य भी तेजी से हो पाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 दिसंबर को प्रेजेंटेशन देखने के बाद इस पूरे प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. अब महायोजना 2031 को मिली ऑफिशियल मंजूरी के बाद बनारस में हेरिटेज क्षेत्र में होने वाला काम भी तेजी से हो सकेगा. अधिकारियों का कहना है कि इस महा योजना 2021 में सारनाथ क्षेत्र को हेरिटेज जोन मानते हुए नक्शा पास नहीं होता था. मगर कुछ नक्शे पास होने और सवाल उठने पर इस पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद कई नक्शे निरस्त भी हुए थे.
सर्वे रिपोर्ट के बाद ली जाएगी लोगों की आपत्ति : अधिकारियों का कहना है कि गलती को सुधारने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बोर्ड की बैठक में महायोजना 2021 में संशोधन करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था. महायोजना को लेकर सूरत की एजेंसी ने सर्वे भी शुरू कर दिया है. कई खामियां उजागर हुईं हैं. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद शहर वासियों की आपत्ति ली जाएगी. इसके बाद इस पर बड़े स्तर से काम शुरू होगा. अधिकारियों का कहना है कि आजमगढ़, गाजीपुर, बाबतपुर चुनार मार्ग, रिंग रोड, कचहरी से संदहा सहित लहरतारा मार्ग पर रोहनिया समेत अन्य पर भी तेजी से विकास कार्य हो सकेगा. इनमें अभी तक बाधा आ रही थी. बस टर्मिनल बनाने में आसानी होने के साथ ही कई गांवों को अब एनओसी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इन गांवों के 502 एकड़ जमीन को हेरिटेज जोन में होने की वजह से पहले एनओसी लेकर ही काम करना पड़ता था. व्यावसायिक नक्शे भी इस महायोजना के पास होने के बाद आगे बढ़ाने में बेहद आसानी हो जाएगी.
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