वाराणसी: धर्मानगरी वाराणसी में मंगलवार को एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. राजेंद्र और उसके परिवार की हत्या के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक कुछ खास नहीं लगा है. पुलिस हत्यारे की तलाश में जुटी है. राजेंद्र के भतीजे विक्की की मोबाइल लोकेशन के हिसाब से उसकी तलाश कर रही है. दूसरा भतीजा जुगनू पुलिस के हिरासत में है लेकिन अब तक कुछ हाथ नहीं लगा है.
ईटीवी भारत की पड़ताल में कुछ ऐसी चीज सामने आई है जो चौंकाने वाली है. जांच में राजेंद्र के किसी ज्योतिषी के चक्कर में पड़े होने की बात सामने आई थी. लेकिन, पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ है कि राजेंद्र किसी ज्योतिषी या तंत्र-मंत्र के चक्कर में नहीं पड़ा था बल्कि खुद अपने आप को ज्योतिष मानता था. उसके घर से इन्वेस्टिगेशन के दौरान लगभग एक दर्जन से ज्यादा ऐसे रजिस्टर और डायरी मिले हैं जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोगों की कुंडलिया बनी हुई है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन रजिस्टरों में कुंडलिया बनाकर राजेंद्र लोगों की समस्याओं का समाधान करता था. अपने आप को वह एक मंझा हुआ ज्योतिष मानता था और लोगों से संपर्क करके उनकी समस्याओं को हल करने का काम करता था. जो उसकी बात सुनता था उसके नाम के आगे कुंडली में वह परफेक्ट लिखता था और जो उसकी बात नहीं सुनता था, उसे कुंडली डिलीटेड या सजेशन डिक्लाइंड लिखकर उसकी कुंडली को काट दिया करता था.
राजेंद्र के घर से बड़ी संख्या में किताबों में भी मिली हैं. कुंडलियां राजेंद्र के ज्योतिष होने की बड़ी कहानी बयां कर रही है. इन्वेस्टिगेशन में तंत्र-मंत्र ज्योतिष की बात सामने आने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. इस सवाल में किसी ज्योतिषी के जरिए कुंडली दिखाने और पत्नी के अपने तरक्की में बाधा बनने की बात राजेंद्र ने लोगों से साझा की थी.
राजेंद्र लोगों की समस्याओं का करता था ज्योतिषी समाधान: राजेंद्र लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करता था. वह लोगों से उनकी जन्म कुंडली और समस्याओं के बारे में पूछता था और उन्हें समाधान बताता था. दिल्ली, पीलीभीत, कानपुर, लखनऊ अहमदाबाद और देश के कई हिस्सों से साहू, गुप्ता जायसवाल समेत अन्य लोगों की कुंडलियों पर वह गहन मंथन करता था. यहां तक कि लोगों से फोन पर हुई बातचीत को अपने सवालों और जवाब के हिसाब से लिखता था जो रजिस्टर मिले हैं.
जन्म कुंडली से लेकर सवाल जवाब का पूरा एक पर्चा मिला है. जिसमें शादी न होने से लेकर शादी के बाद हो रही परेशानी घर और संपत्ति से जुड़ी परेशानियों तक के सवाल शामिल थे. जिस पर राजेंद्र जवाब भी देता था. रजिस्टर में कई मोबाइल नंबर भी मिले हैं. जिनसे वह लगातार संपर्क में रहता था और लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याओं का समाधान करता था. इसके अलावा घर से वस्तु और ज्योतिष की किताबें भी मिली हैं.
कौन करेगा पांचों शव का अंतिम संस्कार: इस पूरे घटनाक्रम में अब तक पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही है. पांचों डेड बॉडी का पोस्टमार्टम हो गया है और माना जा रहा है कि आज शाम तक सभी का दाह संस्कार भी हो जाएगा. दाह संस्कार कौन करेगा इसे लेकर भी संशय है. माना जा रहा है पुलिस की हिरासत में भतीजे जुगनू को ही दाह संस्कार के लिए बुलाया जाएगा, क्योंकि घर में और कोई बचा भी नहीं है.
राजेंद्र के भतीजे जुगनू की बातें पुलिस को कर रहीं कंफ्यूज: सबसे बड़ी बात यह है कि जुगनू के भी बेहद शातिर तरीके से पुलिस को कंफ्यूज करने के मामले के बाद अब पुलिस पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि जुगनू ने ही दिल्ली में रहते हुए घटना के बाद दोपहर 12:10 बजे फोन करके कंट्रोल रूम 112 को सूचना दी थी कि उसकी चाची और भाई बहन का मर्डर हो गया है.
उसके बाद उसने दिल्ली में रहते हुए इंस्पेक्टर भेलूपुर के सीयूजी नंबर पर फोन करके हत्या होने की सूचना दी थी. इसके अलावा कंट्रोल रूम 1645 पर भी उसने फोन करके हत्या की सूचना दी, जो अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है कि बनारस में रहते हुए किसी ने कंट्रोल रूम को फोन नहीं किया लेकिन, दिल्ली में रहकर जुगनू ने यह सूचना कैसे दे दी.
कौन थे वो 4 लड़के: इन्वेस्टिगेशन में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जो चौंकाने वाली है. सबसे महत्वपूर्ण है घर के पास ही एक किराए के मकान में चार लड़कों का घटना के बाद रात में सामान लेकर जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में दिखाई देना. ये चार लड़के कौन थे और घटना के बाद ही वहां से क्यों निकले, यह भी जांच का विषय है. इस बारे में पुलिस अपनी इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ा रही है. उन चार लड़कों के बारे में भी पता करने की कोशिश की जा रही है.
पुलिस ने लड़कों को बुलाकर उनसे पूछताछ की है. जांच में पता चला है की घटनास्थल से लगभग 300 मीटर की दूरी पर ये लड़के किराए के मकान में रहते हैं. ये सभी पूजा पाठ का काम करते हैं और घटना के बाद रात में मुंबई के लिए रवाना हुए हैं. ये सभी वाराणसी में रहकर संस्कृत की पढ़ाई भी कर रहे हैं और पूजा पाठ भी करवाते हैं. वहीं पुलिस का मानना है कि भले ही ये चार लड़के उस मामले में ना हों लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वालों की संख्या 4 से काम नहीं है. क्योंकि किसी एक अकेले का यह काम नहीं है, दो अलग-अलग जगह पर हत्याएं करना तभी संभव होगा जब प्रोफेशनल और ज्यादा शूटर होंगे.
राजेंद्र ने 1997 में अपने भाई-भाभी की कर दी थी हत्या: दरअसल पुलिस का शक विकी और जुगनू पर ऐसे ही नहीं गहरा रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि 1997 में पिता कृष्णा और मां की हत्या के बाद सही दोनों बेटे अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता से नफरत करते थे. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि लगभग 6 महीना पहले राजेंद्र ने अपने भतीजे को जायदाद से बेदखल भी कर दिया था. जिसके बाद से वह लोग राजेंद्र से नाराज थे.
दीपावली से पहले चाचा से मिलने आया था भतीजा: दीपावली के कुछ दिन पहले विक्की चाचा से मिलने भी आया था लेकिन, राजेंद्र ने उसे बुरा भला कहकर घर से निकाल दिया था. इस वजह से विक्की दीपावली के एक दिन पहले अपनी दादी से रात लगभग सवा 1:00 बजे मिलने के लिए पहुंचा था. पुलिस पूछताछ में उसकी दादी ने बताया है कि विक्की बार-बार यह कह रहा था कि वह चाचा को छोड़ेगा नहीं, लेकिन इतना बड़ा कदम उठाएगा यह उसे भी नहीं पता था.
भतीजी की धूमधाम से की थी शादी: राजेंद्र के घर आए रिश्तेदार राकेश ने बताया कि राजेंद्र अपनी भतीजी डॉली को उसके मां-बाप की हत्या के बाद से खुद पाल रहा था. डॉली के मां-बाप की हत्या के आरोप में राजेंद्र जेल गया था, लेकिन उसने अपनी भतीजी की शादी जून के महीने में बड़े ही धूमधाम से की थी. दिल्ली में एक संपन्न परिवार में भतीजी की शादी करने के बाद राजेंद्र पूरे परिवार का ध्यान रखता था. उसके और उसके भाई के सभी बच्चे एक महंगे इंग्लिश मीडियम स्कूल में ही पढ़ते थे.
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