सागर: 2 हजार करोड़ की लागत से 105 किलोमीटर का फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे बनाया जा रहा है. इसके बन जाने से बघेलखंड और बुंदेलखंड के पर्यटन को बढ़ावा देने में काफी फायदा मिलेगी. इस ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण हो जाने से बुंदेलखंड और बघेलखंड के सभी पर्यटन स्थलों तक बेहतरीन कनेक्टिविटी हो जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि इसके बन जाने से इन दोनों क्षेत्रों में व्यवसायों में काफी तरक्की होगी. इस हाईवे का सबसे ज्यादा फायदा पर्यटन को मिलेगा. बुंदेलखंड के ओरक्षा, खजुराहो, पन्ना और बघेलखंड के बांधवगढ़ जैसे कई पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की थी घोषणा
केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 23 जनवरी, 2023 को बमीठा-सतना फोर लेन ग्रीनफील्ड परियोजना की घोषणा की थी. इस हाइवे की कुल लंबाई 105 किलोमीटर है. वहीं, इसकी अनुमानित लागत 2000 करोड़ रुपये है. इस परियोजना के पूरा हो जाने से टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, खजुराहो और बांधवगढ़ की आपसी कनेक्वीटी आसान हो जाएगी. इसका फायदा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके को भी मिलेगा. सागर-कानपुर, भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर से इस हाईवे की दूरी काफी कम रहेगी. जिससे कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी.
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सैलानियों का सफर होगा आसान
सड़क और रेल परिवहन के मामले में बुंदेलखंड काफी पिछड़ा हुआ है. लेकिन अब बुंदेलखंड की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं जिसमें यह प्रोजेक्ट काफी अहम है. अब खजुराहो एयरपोर्ट और रेल कनेक्टिविटी के जरिए झांसी पहुंचने वाले सैलानियों को यहां के पर्यटन स्थल घूमने के लिए बेहतरीन सड़कें मिलेंगी. सड़क किनारे बसे पर्यटन केंद्रों और गांवों और छोटे शहरों के व्यवसाय को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. वहीं, विश्व पर्यटन केंद्र खजुराहो, ओरछा, दतिया, झांसी, महोबा, पन्ना के ऐतिहासिक मंदिर, हीरा की खदान, पन्ना टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और आसपास के धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.