बलरामपुर : मंगलवार को रामचंद्रपुर विकासखंड क्षेत्र के डिंडो गांव में संचालित निजी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश दिया. इस छापेमारी के दौरान अस्पताल के अंदर कई खामियां पाई गई और भ्रामक प्रचार का पंपलेट पाया गया. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
मेडिकल स्टोर का लाइसेंस नहीं दिखा पाए : अस्पताल के बाहरी हिस्से में संचालित मेडिकल स्टोर में उसका लाइसेंस चस्पा नहीं किया था. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस मांगा तो अस्पताल कर्मचारी टालमटोल करने लगे और लाइसेंस नहीं दिखा पाए. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
भ्रामक प्रचार सामग्री भी जब्त : स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पताल में छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में भ्रामक प्रचार का पंपलेट भी जब्त किया. अस्पताल के प्रचार पंपलेट में जिन सुविधाओं का उल्लेख किया गया था, वह सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. इससे आसपास के भोले-भाले ग्रामीणों को अस्पताल संचालक द्वारा भ्रमित किया जा रहा था.
अस्पताल संचालक को नोटिस जारी : इस मामले में बलरामपुर जिले के सिविल सर्जन डॉ आरबी प्रजापति ने कहा, "हम लोग नर्सिंग होम एक्ट की टीम के साथ रूटिन विजिट में आए थे. हम लोगों ने अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां ऐसी प्रचार सामग्री पाई गई, जो सुविधाएं यहां उपलब्ध नहीं है. इन्हें नोटिस दिया जाएगा."
"अस्पताल के ओपीडी और आईपीडी का रजिस्टर संधारित नहीं पाया गया, इसके लिए भी अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया जाएगा. अस्पताल के मेडिकल स्टोर के संचालन को लेकर जांच करना ड्रग इंस्पेक्टर का काम है. हालांकि वहां हमें मेडिकल स्टोर का लाइसेंस नहीं दिखाया गया. इसके संबंध में भी नोटिस जारी करेंगे." - डॉ आरबी प्रजापति, सिविल सर्जन, बलरामपुर
डिंडो गांव स्थित निजी अस्पताल में गंभीर लापरवाही सामने आई है. बिना लायसेंस के मेडिकल संचालित करना और अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने पर भी भ्रामक प्रचार करना आम लोगों से धोखा है. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि केवल नोटिस जारी कर खानापूर्ति करने के बजाय उक्त निजी अस्पताल के संचालक और प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करें.