बलौदाबाजार : सफलता सिर्फ मेहनत की मोहताज होती है,यदि आपने लगन से मेहनत की तो सफलता आपके कदमों में होगी.इसके लिए हो सकता है वक्त भी लगे,लेकिन यदि हौंसला नहीं टूटा तो समझिए आपके लिए हर राह आसान है.ऐसी ही कड़ी मेहनत करके छत्तीसगढ़ के लाल ने कमाल किया है. बलौदाबाजार निवासी प्रमोद कुमार ने यूपीपीएससी की परीक्षा पास की है. जिसमें प्रमोद का चयन उच्च शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल के लिए हुआ है.
पंचर बनाने वाले के लाल ने किया कमाल : प्रमोद के लिए सफलता इतनी भी आसान नहीं थी.क्योंकि घर की माली हालत अच्छी नहीं थी. पिता को सिर्फ पंचर बनाने का काम ही आता था.लिहाजा इसके सहारे ही पिता ने परिवार को पाला. दो पैसे कमाने के लिए जिस तरह से पिता ने संघर्ष किया,वो नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी वही करे.इसलिए उन्होंने अपनी गरीबी की अंधेरे को शिक्षा की रोशनी से दूर करने का फैसला किया.पिता खुद तो ना पढ़ सके,लेकिन अपने बेटे को पढ़ाने में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं की.
कौन हैं प्रमोद कुमार : सकरी गांव के निवासी प्रमोद ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की है. इसके बाद लाइब्रेरी एंड इंर्फाेमेशन साइंस में एमलिब की डिग्री ली. एमलिब की डिग्री लेने के बाद प्रमोद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में जुट गए.घर का खर्च चलाने के लिए प्रमोद ने प्राइवेट जॉब करनी शुरु की.इससे जो पैसे मिलते उसी से प्रमोद अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते. फिलहाल प्रमोद कुमार पंडित रविशंकर शुक्ल विवि में लाइब्रेरी एंड इर्न्फोमेशन साइंस विषय से पीएचडी कर रहे हैं.
पढ़ाई के साथ-साथ की नौकरी : प्रमोद ने भी अपनी पढ़ाई को निरन्तर जारी रखने और जेब खर्च के लिए बारहवीं के बाद से कई जगहों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम किया.इसी दौरान प्रमोद ने ग्रैजुएशन भी की.इसके बाद लाइब्रेरी साइंस में रूचि होने के कारण इसी विषय बिना किसी कोचिंग के मदद लिए यूजीसी नेट, सेट और जेआरएफ जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाएं पास की.
प्रमोद कुमार ने क्रैक की यूपीपीएससी : प्रमोद शुरु से ही एक एवरेज स्टूडेंट रहे हैं. कभी किसी कक्षा में टॉप नहीं किया.लेकिन जैसे-जैसे आगे की शिक्षा हासिल की,वैसे वैसे पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि बढ़ती गई. सही मार्गदर्शन मिलने के बाद प्रमोद ने लाइब्रेरियन बनने का लक्ष्य तय किया और सफल हो गए. प्रमोद ने इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता सहित शासकीय डीके महाविद्यालय और रविशंकर यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षकों को दिया है.