बलौदाबाजार: बलौदाबाजार आगजनी केस में विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देवेंद्र यादव की बलौदाबाजार अदालत में पेशी हुई. सीजेएम कोर्ट ने देवेंद्र यादव की रिमांड को 9 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है. आज उनकी रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने उनकी रिमांड 9 सितंबर तक बढ़ा दी है.
देवेंद्र यादव पर भीड़ को उकसाने का आरोप: बलौदबाजार आगजनी मामले में देवेंद्र यादव के ऊपर भीड़ को उकसाने का आरोप है. उन्हें 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया तब से अब तक कुल चार बार उनकी कोर्ट में पेशी हुई है. पहली पेशी 17 अगस्त 2024 की रात को बलौदाबाजार कोर्ट में हुई. उसके बाद दूसरी पेशी 20 अगस्त 2024 को हुई. तीसरी पेशी 27 अगस्त 2024 को हुई और चौथी पेशी 3 सितंबर 2024 को हुई.
"आज की सुनवाई में पुलिस की तरफ से कोई आरोप पत्र पेश नहीं किया गया. आरोप पत्र पेश करने के लिे फिर समय की मांग की गई है. 13 प्रकरणों में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है, लेकिन इस मामले में राजनीतिक बदले की भावना के कारम आरोप पत्र पेश नहीं किया जा रहा है. पुलिस के पास विधायक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. इसमे देरी कर साक्ष्य को जुटाया जा रहा है. कोर्ट ने जल्द से जल्द विवेचना कर आरोप पत्र पेश करने का आदेश दिया है": अनादि शंकर मिश्रा, देवेंद्र यादव के वकील
30 मिनट तक हुई बहस: कोर्ट में देवेंद्र यादव के वकील और सरकारी वकील के बीच 15 से 20 मिनट तकक बहस हुई. इसके बाद इस केस में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई. बलौदाबाजार हिंसा मामले के 13 FIR में एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की गई है. जो 13 मामलों में जांच करेगी.
बलौदाबाजार आगजनी केस के बारे में जानिए: बलौदाबाजार आगजनी केस में अब तक 13 एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें 356 लोगों को आरोपी बनाया गया है. कुल 12 एफआईआर में चालान पेश किया जा चुका है. बलौदाबाजार में 10 जून भीड़ ने कलेक्टर और एसपी ऑफिस में आगजनी को अंजाम दिया था. इस दौरान कई गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया. कलेक्टर ऑफिस और एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया. आगजनी के मुख्य केस में पुलिस ने 1325 पेज और 1200 पेज का चालान पेश किया. बलौदाबाजार की घटना की वजह से कुल 13 करोड़ का नुकसान हुआ.