बालोद : जिले का कपिलेश्वर मंदिर समूह कपिलेश्वर मंदिर समूह एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर है. इस मंदिर समूह का इतिहास ग्यारहवीं सदी से लेकर तेरहवीं सदी से जुड़ा है. बालोद के कपिलेश्वर मंदिर समूह को नागवंशी गोंड़ राजाओं के काल में निर्मित कराया गया था. कपिलेश्वर मंदिर सात अलग अलग मंदिरों का समूह है, जिनमें मुख्य मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है.
कपिलेश्वर मंदिर का महत्व : कपिलेश्वर मंदिर समूह नागवंशी गोंड़ राजाओं के कला, प्रेम और धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं. कपिलेश्वर मंदिर के परिसर में भगवान गणेश की एक विशाल और प्राचीन प्रतिमा स्थित है. इस गणेश प्रतिमा की ऊंचाई 6 फीट है. यह प्रतिमा न केवल अपनी विशालता से, बल्कि अपने अद्वितीय शिल्पकला से भी लोगों को प्रभावित करती है. मंदिर के मुख्य शिवलिंग के दाएं और बाएं ओर भी गणेश जी की प्रतिमाएं स्थापित हैं. इतना ही नहीं कपिलेश्वर मंदिर समूह में मुख्य पट पर सभी जगह भगवान गणेश की प्रतिमा बनी हुई है.
भगवान गणेश की 4 प्राचीन प्रतिमाएं : कपिलेश्वर धाम में भगवान गणेश की 4 प्राचीन प्रतिमाएं हैं, जिनसे लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है. पुरातत्व विभाग के केयरटेकर विकास साहू ने बताया, "इस मंदिर में भगवान गणेश की एक प्रतिमा गर्भगृह में है और तीन प्रतिमाएं बाहर हैं. इसके साथ ही दो ऐसी गणेश प्रतिमाएं हैं, जो शिव मंदिर के द्वार की दोनों ओर बराबर प्रहरी के रूप में स्थापित हैं. अंदर भगवान शिव का मंदिर है."
"भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है. भगवान गणेश को भगवान शिव का प्रहरी भी बताया गया है. भगवान गणेश की विशालता और महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह मंदिर भगवान शिव का है और इसमें हर जगह भगवान गणेश को स्थान दिया गया है." - विकास साहू, केयरटेकर, पुरातत्व विभाग
बालोद में सबसे ज्यादा प्राचीन गणेश प्रतिमा : पुरातत्व विभाग के विकास साहू बताते हैं, "कपिलेश्वर मंदिर समूह में जिस तरह भगवान गणेश की प्राचीन प्रतिमाएं हैं, उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सबसे पहले मंदिर जाने के पूर्व पथ पर स्थापित भगवान गणेश की पूजा होती है. जिसके बाद भक्तों को अंदर जाकर पूजा करनी होती है."
"11वीं सदी में जब गोंड राजाओं का शासन था, तब उनके द्वारा इन मंदिरों की स्थापना की गई. उस समय भगवान गणेश का महत्व सबसे अधिक था. इसलिए बालोद जिले में सबसे ज्यादा भगवान गणेश की प्राचीन मूर्तियां पाई जाती हैं." - विकास साहू, केयरटेकर, पुरातत्व विभाग
गणेशोत्सत्व के दौरान होती है विशेष पूजा : गणेशोत्सव के दौरान यहां पर विशेष पूजा अर्चना होती है. लोग दूर दूर से यहां आते हैं. सभी धार्मिक त्योहारों में यहां भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. यह कपिलेश्वर मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है. इसलिए यहां इन मूर्तियों की विशेष देखभाल की जाती है.