बालोद: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रविवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर बालोद पहुंचे. यहां के दांडी लोहारा विकासखंड अंतर्गत बाबा बालक दास के आश्रम जामडी पाटेश्वर धाम में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में सीएम शामिल हुए. सत्संग स्थल पर सीएम साय ने रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया. मुख्यमंत्री ने निचले मंदिर में शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ के सुख-समृद्धि की कामना की. इस दौरान सीएम साय ने कहा कि सनातन धर्म के लिए रामबालक दास जी का काम बेहतरीन रहा है. जो मांग यहां की गई है, सभी मांग हमारी सरकार पूरा करेगी. इसके साथ ही सीएम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोला.
जब विधायक था तभी से यहां आ रहा हूं: महोत्सव के दौरान सीएम साय ने कहा , "यह गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन है. इस पवित्र धाम में आज आया हूं. मैं यहां कई बार आया हूं. विधायक सांसद और केंद्रीय मंत्री रहते हुए आया. यहां के विकास का मैं प्रत्यक्षदर्शी हूं. यहां पंचमुखी हनुमान नुमान मंदिर का निर्माण हुआ है. कौशल्या धाम भी यहां बनाने वाला है. छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात है कि ये माता कौशल्या की धरती है और छत्तीसगढ़ के भांचा राम 500 साल टेंट में रहने के बाद भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. 22 जनवरी को मंदिर का शुभारंभ हुआ. हम मामा के प्रदेश के हैं तो सबसे ज्यादा खुशी हमें हुई. 2 माह तक छत्तीसगढ़ के नाम से लंगर चला है. अभी हम पूरे मंत्रिमंडल अयोध्या धाम गए थे.यहां हमने रामलला दर्शन योजना शुरू की है.
हमने इस बार रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी की है. 3100 रुपए प्रति क्विंटल दर से धान खरीदने का काम किया है. 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में महतारी वंदन की राशि जा रही है. पूरे देश वासियों से हमारे पीएम ने आग्रह किया है कि "एक पेड़ मां के नाम" से लगाएं. आपको जहां भी जगह मिले अपने मां के नाम से पेड़ जरूर लगाएं. अगर एक-एक पेड़ लगाए तो देखिए कैसे परिवर्तन आता है. हमने भी आज रुद्राक्ष का पेड़ लगाया है. अब वन भूमि के पट्टेदारों को भी कई सारी सुविधाएं मिलेगी. -विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
''पिछली सरकार को लगा संतों का श्राप'': वहीं, इस दौरान बाबा बालक दास जी ने कहा, "जब हम यहां पर परम पूज्य गुरुजी का मठ बनाने जा रहे थे तो तत्कालीन सरकार में रोक दिया गया था. संतों का श्राप भी उन्हें लगा है. यहां पर मां कौशल्या का मंदिर बनाना है. माता सीता का मंदिर बनाना है ताकि इस जगह पर प्रधानमंत्री जी भी आयेंगे, जब रामलला मंदिर के लिए सहयोग कर सकती है तो छत्तीसगढ़ की बेटी कौशील्या की मंदिर भी बना सकते हैं. यहां मां सीता के नाम की रसोई है. यहां कोई आता है तो भूखा पेट नहीं जाता. लाखों लोग यहां भोजन करते हैं."
बता दें कि इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पाठेश्वर धाम में ब्रम्हलीन गुरुदेव राम जानकी दास की समाधि निर्माण करने की मांग की है. साथ ही मंदिर परिसर में हाई मास्क लगाने और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए शेड निर्माण करने सहित सभी मांगों को पूरा करने की घोषणा की है.