बालोद : जिले में कुछ दिनों पहले परिसर को तोड़ने के हुए विवाद को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने नजर आ रहे हैं. घटना के बाद एक महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई और अगले दिन शिकायत वापस ले लिया. इसे लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष पवन साहू ने आरोप लगाया है कि महिला पर दबाव बनाकर थाने में फर्जी केस दर्ज करावाया गया और प्रशासन पर भी दबाव बनाया गया. जिस पर विधायक संगीता सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेस कर आरोपों का जवाब दिया है.
"महिला मेरे पास आई, इसलिए थाने गई": संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "वह महिला मेरे पास आई थी कि मैंने अपराध पंजीबद्ध करना ऑनलाइन आवेदन दिया है, शिकायत भी दिया है, परंतु मामले में अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है. तब मैं उस महिला के साथ थाने गई थी. अगले दिन ऐसा क्या हुआ कि उस महिला ने अपनी शिकायत वापस कर ली. यह मैं नहीं जानती."
युवक से मारपीट के आरोप पर दिया जवाब : वहीं एक युवक के साथ मारपीट में पूर्व विधायक सहित कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं. इस पर भी जिला अध्यक्ष पवन साहू ने घटना की निंदा करते हुए विधायक और पूर्व विधायक की कार्यशैली पर सवाल उठाए. जिस पर विधायक संगीता सिन्हा ने कहा, "यह वह व्यक्ति है, जिसने मेरे खिलाफ आपत्तिजनक अश्लील गाली गलौज और टिप्पणी की है. मैं एक जनप्रतिनिधि हूं. जन सेवा करना चाहती हूं. परंतु मेरे ऊपर कोई इस तरह की उंगली उठाए, यह अच्छी बात नहीं है."
"हमारे किसी व्यक्ति ने या फिर पूर्व विधायक ने युवक से मारपीट नहीं की है. इस व्यक्ति के खिलाफ पहले भी बहुत सारी शिकायतें हैं. सोशल मीडिया में ऊल जुलुल टिप्पणी करता है. पुलिस वालों को भी परेशान करता है. एक बार बिना कपड़ों के थाने के सामने बैठ गया था. उस व्यक्ति, जो स्वयं हमारे कार्यालय आया था, उसने गाली गलौज की. तब उसे ऑफिस से बाहर निकाला गया. जिसके बाद अच्छी अवस्था में वह अस्पताल और थाने में भी था. अब न जाने क्या हुआ, उसे रायपुर रेफर कर दिया गया है." - संगीता सिन्हा, विधायक, संजारी बालोद
दर्ज हुआ है एफआईआर : मारपीट के मामले को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष पवन साहू ने कहा, "इस तरह की घटना निंदनीय है. पिछले कुछ दिनों से जो घटनाक्रम सामने आए हैं, उसमें स्थानीय विधायक और पूर्व विधायक पूरी तरह से संलिप्त हैं. झूठी एफआईआर के मामले में भी उनकी वास्तविकता अब सामने आ गई."
भाजपा ने लड़ी नीतिगत लड़ाई : भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पवन साहू ने कहा, "पूरा जो विवाद उपजा है, वह अवैध कांप्लेक्स निर्माण परिसर के बाद से उपजा है. जब हमारे स्थानीय पार्षदों के पास शिकायत आई तो उन्होंने इसे रोकने का प्रयास किया. जिसके बाद मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई हुई. इसके बाद हमारे पार्षद के साथ भी अभद्रता हुई. विधायक ने झूठी एफआईआर भी कराया, जो कि राजनीति के लिए सही नहीं है."
"भाजपा कर रही राजनीति": मामले में विधायक संगीता सिन्हा ने कहा, "इन सब में भारतीय जनता पार्टी के लोग केवल राजनीति करते नजर आ रहे हैं. कोई घटना यदि घटती है तो उसके तह तक पहुंचना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कुंती सिंह के साथ जो हुआ वह एक घटना थी. भारतीय जनता पार्टी ने इसने भी राजनीति की. वहां कंपलेक्स तोड़ रहे थे तो दिखाने के लिए ले जा रहे थे. इस दौरान साड़ी में उनका पैर खींचने से वह गिर गई. हर चीज में राजनीति भारतीय जनता पार्टी कर रही है."
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विधायक संगीता सिंह उस व्यक्ति द्वारा किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी का स्क्रीनशॉट भी लेकर बैठी हुई थी. एक महिला विधायक के बारे में टिप्पणी शोभा नहीं देती. लेकिन इस पूरे मामले पर अब भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं. भाजपा को मौका मिल गया है तो कांग्रेस अभी मझधार में नजर आ रही है.