बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. सियासी दलों ने अपने सभी उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी कर दी है. इस बीच भाजपा की एक लिस्ट ने सबको चौंका कर रख दिया है. जिला पंचायत सदस्यों के लिए जारी की गई सूची में क्षेत्र क्रमांक 14 को स्वतंत्र घोषित कर दिया गया है. यहां से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. बालोद जिले की राजनीति में जिला बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है.
14 नंबर आखिर खाली क्यों: जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 14 में कांग्रेस ने पहले से ही जितेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है. वहीं भाजपा के लिए दो से तीन नाम को लेकर चर्चा चल रही थी. इसमें से पूर्व विधायक के खेमे से आदित्य पिपरे और पूर्व जिला अध्यक्ष के खेमे से मीना सत्येंद्र साहू का नाम प्रमुखता से रखा गया था. वहीं एक और तेजराम साहू का नाम इस लिस्ट में था. कई बार बैठक हुई. सभी नेताओं ने अपने अपने खेमे को प्रत्याशी बनाने की जिद की. आखिरकार पार्टी ने इस सीट से सरेंडर करते हुए इसे रिक्त समझना बेहतर समझा. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा पर तंज कसा है.
भाजपा को कोई प्रत्याशी नहीं मिल पाया है या फिर पार्टी के अंदरूनी हालात ठीक नहीं हैं-चंद्रप्रभा सुधाकर,कांग्रेस जिलाध्यक्ष
पार्षद का आवेदन हुआ रिजेक्ट: जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 14 में भाजपा का पेंच बुरी तरह से फंस गया. दो दावेदारों के नाम और उनके नेता अपने अपने प्रत्याशी के लिए अड़े रहे. परिणाम यह हुआ कि भाजपा ने उस जगह से किसी को नहीं उतारा. वहीं कांग्रेस के एक पार्षद का फार्म रिजेक्ट हो गया. बालोद नगर पालिका के वार्ड 15 के लिए कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी धनेश्वरी ठाकुर का आवेदन निरस्त हो गया. वैध सूची में उनका नाम नहीं आया तो एसडीएम कार्यालय परिसर में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई.
अब कांग्रेस प्रत्याशी का आवेदन निरस्त होने पर भाजपा ने निशाना साधा है. भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर निश्चिंत नहीं है. अभी से हो वो हार मान चुके हैं. अब धनेश्वरी ठाकुर निर्दलीय चुनाव में प्रत्याशी रहेंगे. वो पिछले कार्यकाल में कांग्रेस से पार्षद थे. भाजपा जिलाध्यक्ष चेमन देशमुख ने सभी सीटों पर जीत का दावा किया और कहा कि हम तो जीत के लिए तैयार हैं.
कांग्रेस की हालत खराब है. कहीं प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं तो कहीं फार्म रिजेक्ट हो रहे हैं-चेमन देशमुख, जिलाध्यक्ष भाजपा
दो बार से कांग्रेस के हैं अध्यक्ष: बालोद जिला गठन के बाद से अब तक दो बार जिला पंचायत के चुनाव हुए हैं. जिसके बाद से दोनों बार कांग्रेस के अध्यक्ष यहां काबिज हुए. बालोद की जनता को इस बार यहां रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है.