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टिहरी झील में जलसमाधि लेने पहुंचे बलदेव कुमाईं, तहसीलदार के आश्वासन पर टाला कार्यक्रम - Baldev Kumai Postponed Jal Samadhi

Baldev Kumai Jal Samadhi Program Postponed अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर बलदेव कुमाईं ने जलसमाधि लेने की चेतावनी दी थी. इतना ही नहीं वे जलसमाधि लेने के लिए टिहरी झील के किनारे पहुंच गए थे, लेकिन प्रतापनगर तहसीलदार के साथ वार्ता के बाद उन्होंने जलसमाधि लेने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है.

Baldev Kumai
बलदेव कुमाईं ने टाला जल समाधि का फैसला (फोटो सोर्स- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 15, 2024, 9:25 PM IST

धनौल्टी: अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर टिहरी झील के किनारे बैठे बलदेव कुमाईं ने जलसमाधि का फैसला स्थगित कर लिया है. उन्होंने ये फैसला प्रतापनगर तहसीलदार के साथ वार्ता और आश्वासन के बदला है. अपने पूर्व चेतावनी के तहत आज बलदेव कुमाईं टिहरी झील के किनारे जलसमाधि लेने पहुंचे, लेकिन जिला प्रशासन ने पहले से ही एसडीआरएफ और पुलिस के जवान को तैनात कर लिया था. ऐसे में वो कोई ऐसा गलत कदम नहीं उठा पाए.

टिहरी के कंडीसौड़ के खाण्ड गांव निवासी बलदेव कुमाईं ने पलायन रोकने, स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार रोकने, टिहरी बांध प्रभावितों को न्याय दिलाने, बांध प्रभावित गांवों के छात्र-छात्राओं के लिए पुनर्वास विभाग की तरफ से निशुल्क बस सेवा का दोबारा संचालन, ऑल वेदर रोड के चौड़ीकरण के दौरान प्रभावित ग्रामीणों के संपर्क मार्ग ठीक करवाने की मांग रखी है.

इसके अलावा टिहरी बांध प्रभावितों को झील किनारे रोजगार उपलब्ध करवाने, स्थानीय स्तर पर जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग बलदेव कुमाईं की ओर से रखी गई थी. इतना ही नहीं मांगें पूरी न होने पर जलसमाधि लेने की चेतावनी भी दी थी. लिहाजा, जलसमाधि की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही एसडीआरएफ और पुलिस के जवान तैनात कर लिए थे.

आज प्रतापनगर तहसीलदार राजकुमार शर्मा, छाम थानाध्यक्ष सुखपाल मान मौके पर पहुंचे और बलदेव कुमाईं समेत अन्य लोगों से वार्ता की. तहसीलदार शर्मा ने बताया कि बलदेव कुमाईं की ओर से जो मांग पत्र पहले दिया गया था, उसे शासन को भेज दिया गया है.

वहीं, आश्वासन दिया कि जिला स्तरीय मांगों से संबंधित अगर कोई बिंदू है तो उसे भी जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही एक हफ्ते के अंदर स्थानीय प्रतिनिधि मंडल को जिलाधिकारी से वार्ता के लिए टिहरी बुलाया जाएगा. इस आश्वासन के बाद बलदेव कुमाईं ने जलसमाधि कार्यक्रम को स्थगित कर दिया.

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धनौल्टी: अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर टिहरी झील के किनारे बैठे बलदेव कुमाईं ने जलसमाधि का फैसला स्थगित कर लिया है. उन्होंने ये फैसला प्रतापनगर तहसीलदार के साथ वार्ता और आश्वासन के बदला है. अपने पूर्व चेतावनी के तहत आज बलदेव कुमाईं टिहरी झील के किनारे जलसमाधि लेने पहुंचे, लेकिन जिला प्रशासन ने पहले से ही एसडीआरएफ और पुलिस के जवान को तैनात कर लिया था. ऐसे में वो कोई ऐसा गलत कदम नहीं उठा पाए.

टिहरी के कंडीसौड़ के खाण्ड गांव निवासी बलदेव कुमाईं ने पलायन रोकने, स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार रोकने, टिहरी बांध प्रभावितों को न्याय दिलाने, बांध प्रभावित गांवों के छात्र-छात्राओं के लिए पुनर्वास विभाग की तरफ से निशुल्क बस सेवा का दोबारा संचालन, ऑल वेदर रोड के चौड़ीकरण के दौरान प्रभावित ग्रामीणों के संपर्क मार्ग ठीक करवाने की मांग रखी है.

इसके अलावा टिहरी बांध प्रभावितों को झील किनारे रोजगार उपलब्ध करवाने, स्थानीय स्तर पर जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग बलदेव कुमाईं की ओर से रखी गई थी. इतना ही नहीं मांगें पूरी न होने पर जलसमाधि लेने की चेतावनी भी दी थी. लिहाजा, जलसमाधि की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही एसडीआरएफ और पुलिस के जवान तैनात कर लिए थे.

आज प्रतापनगर तहसीलदार राजकुमार शर्मा, छाम थानाध्यक्ष सुखपाल मान मौके पर पहुंचे और बलदेव कुमाईं समेत अन्य लोगों से वार्ता की. तहसीलदार शर्मा ने बताया कि बलदेव कुमाईं की ओर से जो मांग पत्र पहले दिया गया था, उसे शासन को भेज दिया गया है.

वहीं, आश्वासन दिया कि जिला स्तरीय मांगों से संबंधित अगर कोई बिंदू है तो उसे भी जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही एक हफ्ते के अंदर स्थानीय प्रतिनिधि मंडल को जिलाधिकारी से वार्ता के लिए टिहरी बुलाया जाएगा. इस आश्वासन के बाद बलदेव कुमाईं ने जलसमाधि कार्यक्रम को स्थगित कर दिया.

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