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बालाघाट में अन्नदाता पर आफत, खरीदी केंद्रों में नहीं खरीदा जा रहा किसानों का गेहूं, दी चेतावनी - Farmers wheat not being purchased

परसवाड़ा क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि गेंहू खरीदी केंद्रों में गेंहू को कम गुणवत्ता का बताकर अनाज की खरीदी नहीं की जा रही है. इसी को लेकर किसानों ने परसवाड़ा तहसीलदार वर्षा झारिया को ज्ञापन सौंपा है.

FARMERS WHEAT NOT BEING PURCHASED
बालाघाट में खरीदी केंद्रों में नहीं खरीदा जा रहा किसानों का गेहूं (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 10:12 AM IST

बालाघाट में खरीदी केंद्रों में नहीं खरीदा जा रहा किसानों का गेहूं (Etv Bharat)

बालाघाट। प्रदेश सरकार द्वारा 2024-2025 सीजन के लिए गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देकर आधिकारिक रूप से 2400 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदी करने के आदेश जारी किए गए है, लेकिन सरकार द्वारा खरीदे जा रहे उपार्जन केन्द्रों में मापदंडों के गणित की वजह से किसान अपनी गेहूं की फसल को बेच नहीं पा रहे हैं. आरोप हैं कि मानक क्वालिटी की बहानेबाजी करके किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. इस मामले को लेकर किसानों ने परसवाड़ा की तहसीलदार वर्षा झारिया को ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

खराब गुणवत्ता की बताई जा रही फसल

जिले के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामों के पजीकृत किसानों से उनकी उपज खरीदी हेतू सेवा सहकारी समिति परसवाड़ा और सेवा सहकारी समिति बघोली अन्तर्गत दो खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं. खरीदी चालू होने के दो सप्ताह बाद परसवाड़ा लेम्पस अन्तर्गत मात्र 4 किसानों से करीब 50 क्विंटल और बघोली लेम्पस अन्तर्गत 1 किसान से 14 क्विटंल गेहूं खरीदे जाने की जानकारी मिली है. जबकि विक्रय हेतू अपनी फसल लेकर पहुंचे सैकड़ों किसानों की उपज गुणवत्ताहीन बताकर उन्हें वापस लौटा दिया गया. आपबीती सुनाते हुए किसानों ने बताया कि बालाघाट के जिला विपणन अधिकारी के कार्यालय से खरीदी केन्द्र में एक ग्रेडर आता है, जो किसानों की फसल के रखे सैम्पल को चेककर गुणवत्ताहीन बताकर तुरन्त रिजेक्ट कर देता है.

एक प्रतिशत भी नहीं हुई खरीदी

खरीदी चालू हुए एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी खरीदी केन्द्रों में नाम मात्र की खरीदी हुई है. परसवाड़ा लेम्पस अन्तर्गत करीब 350 किसानों से 7000 हजार क्विंटल तो बधोली लेम्पस अन्तर्गत करीब 6000 क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदा जाना है. लेकिन आज तक 100 क्विंटल की खरीदी भी इन केन्द्रों में नहीं हुई है और ऐसी ही स्थिति रही तो आगे बचे शेष एक सप्ताह में भी खरीदी होना सम्भव नहीं लग रहा है. अपनी फरियाद लेकर क्षेत्र के सैकड़ों किसान विगत दिनों अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदार परसवाड़ा को ज्ञापन सौपकर किसानों की उपज खरीदे जाने की मांग थी, परन्तु उसका भी कोई सार्थक परिणाम अभी तक देखने को नहीं मिला.

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जनचर्चा के अनुसार उकवा, गुडर, लामता आदि स्थानों के खरीदी केन्दों में भी पूर्व में जो गेहूं खरीदी की गई थी, उनकी भी खरीदी निरस्त करने का प्रयास जिले के भारतीय खाद्य निगम के द्वारा किया जा रहा है. फिलहाल परसवाड़ा क्षेत्र के किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

बालाघाट में खरीदी केंद्रों में नहीं खरीदा जा रहा किसानों का गेहूं (Etv Bharat)

बालाघाट। प्रदेश सरकार द्वारा 2024-2025 सीजन के लिए गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देकर आधिकारिक रूप से 2400 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदी करने के आदेश जारी किए गए है, लेकिन सरकार द्वारा खरीदे जा रहे उपार्जन केन्द्रों में मापदंडों के गणित की वजह से किसान अपनी गेहूं की फसल को बेच नहीं पा रहे हैं. आरोप हैं कि मानक क्वालिटी की बहानेबाजी करके किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. इस मामले को लेकर किसानों ने परसवाड़ा की तहसीलदार वर्षा झारिया को ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

खराब गुणवत्ता की बताई जा रही फसल

जिले के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामों के पजीकृत किसानों से उनकी उपज खरीदी हेतू सेवा सहकारी समिति परसवाड़ा और सेवा सहकारी समिति बघोली अन्तर्गत दो खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं. खरीदी चालू होने के दो सप्ताह बाद परसवाड़ा लेम्पस अन्तर्गत मात्र 4 किसानों से करीब 50 क्विंटल और बघोली लेम्पस अन्तर्गत 1 किसान से 14 क्विटंल गेहूं खरीदे जाने की जानकारी मिली है. जबकि विक्रय हेतू अपनी फसल लेकर पहुंचे सैकड़ों किसानों की उपज गुणवत्ताहीन बताकर उन्हें वापस लौटा दिया गया. आपबीती सुनाते हुए किसानों ने बताया कि बालाघाट के जिला विपणन अधिकारी के कार्यालय से खरीदी केन्द्र में एक ग्रेडर आता है, जो किसानों की फसल के रखे सैम्पल को चेककर गुणवत्ताहीन बताकर तुरन्त रिजेक्ट कर देता है.

एक प्रतिशत भी नहीं हुई खरीदी

खरीदी चालू हुए एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी खरीदी केन्द्रों में नाम मात्र की खरीदी हुई है. परसवाड़ा लेम्पस अन्तर्गत करीब 350 किसानों से 7000 हजार क्विंटल तो बधोली लेम्पस अन्तर्गत करीब 6000 क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदा जाना है. लेकिन आज तक 100 क्विंटल की खरीदी भी इन केन्द्रों में नहीं हुई है और ऐसी ही स्थिति रही तो आगे बचे शेष एक सप्ताह में भी खरीदी होना सम्भव नहीं लग रहा है. अपनी फरियाद लेकर क्षेत्र के सैकड़ों किसान विगत दिनों अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदार परसवाड़ा को ज्ञापन सौपकर किसानों की उपज खरीदे जाने की मांग थी, परन्तु उसका भी कोई सार्थक परिणाम अभी तक देखने को नहीं मिला.

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