बालाघाट. जिले के वारासिवनी वन परिक्षेत्र में उस वक्त दहशत फैल गई जब एक बाघ ने बुजुर्ग पर हमला कर दिया. बुजुर्ग अपने मवेशियाें को चराने के लिए खेत से जा रहा था, तभी वहां घात लगाए बैठे बाघ ने उसपर हमला कर दिया. बाघ के हमले से बुजुर्ग के चेहरे, हाथ व पैर पर गंभीर चोटें आई हैं.
बाघ के हमले से लहूलुहान हुआ बुजुर्ग
वनविभाग के मुताबिक ये घटना गुरुवार 4 अप्रैल की दोपहर की है. 2:30 बजे के करीब ग्राम कटंगझरी निवासी 63 वर्षीय ध्यान सिंह पर बाघ ने हमला कर दिया. माना जा रहा है कि आसान शिकार की तलाश में नर बाघ खेतों तक आ पहुंचा था और तभी उसने वृद्ध पर हमला कर दिया. हमले से किसान बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा और बाघ भी वहां से भाग निकला. जब किसान को अचानक होश आया तो उसने मोबाइल से अपने बेटे को मदद के लिए बुलाया. इसके बाद लहूलुहान किसान को देर शाम जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया गया.
जंगली जानवरों से ग्रामीणों में दहशत
पूर्व सरपंच अमर सिंह उईके ने बताया कि इसके पहले भी यहां बाघ के हमले हो चुके हैं. वारासिवनी वन परिक्षेत्र के कटंगझरी, रमरमा, सांवगी जैसे ज्यादातर गांव सघन वनों से लगे हुए हैं, ऐसे में इन गांवों में जंगलों से भटक कर जंगली सूअर, चीतल जैसे वन्य प्राणी आ जाते हैं, जिस कारण कभी-कभी इनका शिकार करने के लिए भी बाघ गांव के बेहद करीब आ जाते हैं. ऐसे में ग्रामीण डर व दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं.
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खेती-किसानी पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आतंक से क्षेत्र में कृषि सहित अन्य कार्य भी काफी प्रभावित हो रहे हैं. वन अमले ने बाघ की लोकेशन पता करने जंगल में कैमरे लगा रखे हैं. जंगल की सीमाओं के पास वन अमला गश्ती भी कर रहा है, इसके साथ ही ग्रामीणों को जंगलों की ओर नहीं जाने की समझाइश भी लगातार दी जा रही हैं. इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं.