बालाघाट. लोकतंत्र के इस महापर्व में नक्सली क्षेत्रों से एक अलग ही तस्वीर सामने आई, यहां इस बार रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग दर्ज की गई. बता दें कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा के मद्देनजर भारी बल तैनात किया गया था, तो वहीं आसमान से भी मतदान केंद्रों पर नजर रखी गई. बालाघाट में नक्सल प्रभावित व अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी. यहां पर मतदान से पहले और मतदान के दौरान कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा और पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने नक्सली क्षेत्रों का जायजा लिया.
हेलीकॉप्टर से होती रही निगरानी
जिले के सुदूर अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्र जैसे पटवा, छतरपुर, लपटी, कादला, जौरासी, पाण्डरपानी, चिलौरा की लगातार हेलीकॉप्टर से मॉनिटरिंग की गई. इस दौरान मतदान केन्द्रों में चल रही प्रक्रिया और सुरक्षा के तमाम इंतजामों पर निगरानी रखी गई. यही वजह रही कि किसी भी मतदान केंद्र से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर सामने नहीं आई.
अतिसंवेदनशील केंद्रों पर 80 प्रतिशत वोटिंग
थाना गढ़ी के नक्सल प्रभावित कादला पोलिंग बूथ पर जहां पिछले वर्ष नक्सल एनकाउंटर हुआ था, वहां भी मतदाताओं में काफी उत्साह दिखाई दिया. शाम 4 बजे तक यहां 83 प्रतिशत मतदान सम्पन्न हुआ. नक्सल क्षेत्र की निर्धारित समय सीमा शाम 4 बजे तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित नहीं हुई. कुल मिलाकर अतिसंवेदनशील 58 मतदान केन्द्रों में शाम 4 बजे तक 80 प्रतिशत मतदान हुआ.
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बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के नापाक मंसूबो पर तैनात सुरक्षा बलों ने पानी फेर दिया है, यहां पर बंदूक का डर लोकतंत्र के आगे बेअसर नजर आया. शायद यही कारण है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अबकी बार बंपर वोटिंग देखने मिली है.