बालाघाट। वारासिवनी पुलिस ने अवैध रूप से स्टोर की गई खाद जब्त की है. बताया जा रहा है कि 9 जुलाई को कोस्ते गांव के ग्रामीणों से पुलिस को सूचना मिली थी कि रत्नम खाद (बालाजी फास्फेट्स प्रा. लि. देवास) सिंगल सुपर फास्फेट को अवैध रूप से 'प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना' के तहत बेचने के उद्देश्य से 'डीएपी इफको ब्रांड' के रूप में तैयार किया जा रहा है. जिसमें 2 गाड़ी खाद मुनेश चौहान के घर पर स्टोर किया गया है. यह सूचना खाद विभाग को मिली तो खाद विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की.
36 क्विंटल अवैध खाद जब्त
खाद विभाग ने सूचना के आधार पर जांच के लिए एक टीम गठित की. टीम निरीक्षक और कृषि विकास अधिकारी प्रतिभा टेम्भरे ने वारासिवनी पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर छापेमारी की. मौके पर से 50 किलोग्राम की 72 बोरियां कुल 36 क्विंटल अवैध खाद जब्त की गई. वहीं, आरोपियों के पास से रत्नम खाद की 50 नग खाली बोरी, डीएपी इफको खाद की 30 नग खाली बोरी, बोरी सिलाई करने की मशीन भी जब्त की गई है.
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आरोपियों को किया गिरफ्तार
जांच के बाद कार्यालय कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी के निर्देशानुसार आरोपी मुनेश चौहान, सिद्धी विनायक कृषि केन्द्र वारासिवनी के संचालक दीक्षांत जैतवार और बालाजी फास्फेट प्रा. लि. देवास के अजित रमेश इन तीनों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया. वहीं, वारासिवनी थाना प्रभारी बीभेन्द्र व्यंकंट टांडिया के नेतृत्व में आरोपी मुनेश्वर चौहान, रमेश अजीत, दीक्षांत जैतवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने नकली खाद बेचने के उद्देश्य से भंडारण करने की बात स्वीकार की है.