जौनपुर : जो हुआ गलत हुआ, हमारी पत्नी श्रीकला आहत हैं. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसा नहीं कि मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ. पहले भी तीन बार ऐसी घटना घट चुकी है. लेकिन मेरी पत्नी के साथ पहली बार ऐसा हुआ. हम डरते नहीं हैं. यह प्रतिक्रिया बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने टिकट कटने पर मीडिया के सामने दी.
धनंजय ने कहा- मैं भी सुन रहा था कि दबाव में ऐसा किया. बहुजन समाज पार्टी मुझे बहुत अच्छी तरह से जानती है. बीएसपी की सरकार 2002 में थी, तब भी मुझे 1 साल जेल रखा गया. हम लोगों पर 10-12 मुकदमे लादे गए. तब तो झुके नहीं. तब मेरी माता जी का निधन भी हुआ था, उस समय कहीं कंप्रोमाइज नहीं किया था.
खरवार नए-नए, मेरे बारे में जानकारी नहीं उन्हें
धनंजय टिकट कटने के बाद से बसपा पर लगातार हमलावर रहे. बोले- बसपा के कॉर्डिनेटर को सुन रहा था. लगता है खरवार नए हैं, उनको जानकारी नहीं है जो इस तरीके की भाषा बोल रहे हैं. अपनी पार्टी को बचाने के लिए बहुत से और तरीके हैं, किसी को डिफेम मत करें. बोले- 2007 से लेकर 2012 तक बसपा की सरकार रही. उस समय सरकार से हमारे मतभेद रहे तो मुझे जेल भेज दिया गया. 2012 में कहा गया कि धनंजय सिंह ने माफी मांग ली. हमने कहा कि न मैंने गलती की है और न ही किसी से माफी मांगेंगे. हमारी संस्कृति है कि अगर किसी के शरीर से टच हो जाता है तो माफी मांग लेते हैं. जब तक गलती नहीं, तब तक माफी नहीं मांगेंगे.
हम तो तब भी नहीं डरे थे
कहा, 2011 में जौनपुर आने पर रोक लगाई गई थी. धारा 144 लगा दी गई थी. हम तब भी पुलिस और प्रशासन से नहीं डरे थे और जौनपुर आए थे और अभी 2020 में तमाम अफवाहों के बाद भी उपचुनाव लड़े थे. इस तरीके की फर्जी बातें न बोलें. बहुजन समाजवादी पार्टी ने दो दिन पूर्व बस्ती, बनारस और आजमगढ़ का टिकट काटा. बसपा की रणनीति हो सकती है टिकट काटना, आप काटिए लेकिन किसी के ऊपर फर्जी आरोप न लगाएं.
जिसको चाहेंगे वही सांसद बनेगा
धनंजय ने कहा कि आगे उनकी भूमिका क्या होगी, अभी इस पर निर्णय होगा. इसके लिए जो हमारे सहयोगी, ब्लाक प्रमुख हैं, सबसे बातचीत हो जाएगी, तब जाकर निर्णय लिया जाएगा और यह तय किया जाएगा. यही नहीं, पूर्व सांसद ने एक बड़ी बात बोल दी. कहा- हम लोग जिसको चाहेंगे वही जौनपुर और मछलीशहर सीट से सांसद होगा, यह भी तय है.
बसपा सुप्रीमो से नहीं हुई कोई बात
धनंजय ने कहा- मैं बसपा के कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार को सुन रहा था. उन्होंने कहा कि हमने फोन से बात करके चुनाव न लड़ने की बात कही थी. 2013-14 के बाद से हमारी मायावती से आज तक कोई बात फोन पर नहीं हुई है. जब टिकट दिया गया तब मैं जेल में था. मेरी पत्नी को बुलाकर टिकट दिया गया था. अगर मैं चुनाव लड़ रहा होता तो निर्दलीय के तौर पर भी पर्चा दाखिल करता.
बसपा ने धोखा दिया
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि इस तरह से बसपा ने हमारे साथ खेल किया है, इतनी बार बसपा ने धोखा दिया है, ऐसे में नहीं लगता कि हम कभी साथ चुनाव लड़ेंगे लेकिन राजनीतिक संभावनाओं का क्षेत्र है. फिर भी मुझे नहीं लगता कि हम साथ होंगे. किसी पार्टी को समर्थन के सवाल पर कहा कि ये भविष्य का सवाल है. अभी मैं अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से इस बारे में बात करके ही कोई निर्णय लूंगा. जौनपुर में हमारे करीब ढाई से चार लाख लोग समर्थक हैं, जो हमारे कहने पर जहां हम चाहेंगे वे वही वोट करेंगे.
मेरी वजह से बसपा चर्चा में
पूर्व सांसद ने कहा कि मेरी वजह से बसपा चर्चा में हैं. बसपा में कितने बड़े लोग हैं, कोई बचा है. एक अकेली सीट जौनपुर चर्चा में है. कई जिलों में बसपा ने टिकट काटा है, कहां-कहां चर्चा थी, सिर्फ जौनपुर सीट की चर्चा रही. धन्नजय सिंह की वजह से बसपा की चर्चा में थी.