लखनऊ: बहराइच हिंसा को लेकर अब विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने यूपी की योगी सरकार के खिलाफ जुबानी हमला बोला है. सपा के संभल से सांसद जियाउर रहमान बर्क ने तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की डिमांड कर दी है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी से अपील की है कि जनता को विश्वास में लें और हिंसा रोकें. वहीं सपा अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट X पर किए पोस्ट में लिखा है कि बहराइच में हुआ बवाल उसी भाजपाई मॉडल का दुष्परिणाम है जिसमें माइंडवाश किए हुए निर्दोष मारे जा रहे हैं.
बहराइच, उत्तर प्रदेश में हो रही हिंसा और प्रशासन के निष्क्रिय होने की खबरें अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 14, 2024
मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जी एवं राज्य प्रशासन से अपील करती हूं कि त्वरित एक्शन लेते हुए, जनता को विश्वास में लें और हिंसा रोकें। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।…
अखिलेश ने लिखा है, दंगा फसाद तनाव ही भाजपा का शासन और सत्ता मॉडल है जो अब यूपी की भाजपा शासित योगी सरकार यूपी में अपना रही है. बहराइच में हुआ बवाल उसी भाजपाई मॉडल का दुष्परिणाम है, जिसमें माइंडवाश किए हुए निर्दोष मारे जा रहे. किसी के घर ,मकान पर घुसकर अपना झंडा लहराना और दूसरे का झंडा उखाड़ना ,धार्मिक अभद्र टिप्पणी ,उत्तेजक नारे ,जुलूस के रूट में परिवर्तन जैसी घटनाएं कोई आम बात नहीं. इसके पीछे स्थानीय भाजपा विधायक ,भाजपा के स्थानीय नेताओं और पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए किसी भी पक्ष का कोई भी जान माल का नुकसान गलत है और इसकी दोषी भाजपा शासित योगी सरकार है. अखिलेश यादव ने लोगों से अपील है कि सभी लोग कानून व्यवस्था पर यकीन रखें, शांति व्यवस्था पर काम करें. जो घटना हुई है वह दुखद है. किस कारण हुई है प्रशासन और मीडिया के साथी सब जानते हैं. सरकार को न्याय करना चाहिए. एक चौकी इंचार्ज या मौके के छोटे अधिकारी को सस्पेंड करने से कानून व्यवस्था नहीं संभलेगा. जिस समय जुलूस निकालने का काम शुरू हुआ प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जुलूस का रोड क्या है उसकी सुरक्षा है कि नहीं है. पर्याप्त पुलिस है कि नहीं. इसके साथ लाउडस्पीकर पर क्या बजाया जा रहा है. प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि आखिर लाउडस्पीकर पर क्या बज रहे थे, क्या किसी को अपमानित किया जा रहा है?
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि यूपी में जंगलराज कायम है. प्रदेश की कानून-व्यवस्था संभालना सीएम योगी के बस की बात नहीं है. उन्हें इस्तीफा देकर मठ चले जाना चाहिए.
दंगा फसाद तनाव ही भाजपा का शासन और सत्ता मॉडल है जो अब यूपी की भाजपा शासित योगी सरकार यूपी में अपना रही है
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) October 14, 2024
बहराइच में हुआ बवाल उसी भाजपाई मॉडल का दुष्परिणाम है जिसमें माइंडवाश किए हुए निर्दोष मारे जा रहे
किसी के घर ,मकान पर घुसकर अपना झंडा लहराना और दूसरे का झंडा उखाड़ना… pic.twitter.com/wdKuooY69e
समाजवादी पार्टी से संभल के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, वह सरकार की नाकामी का प्रमाण है. बर्क ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है और अपराधियों के दिलों में कानून का कोई डर नहीं बचा है. सरकार सिर्फ अपने समर्थकों का राज चाहती है, ना की कानून का राज. ऐसी घटनाओं से साफ है कि सरकारी तंत्र विफल हो रहा है.
बर्क ने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं से स्पष्ट है कि बीजेपी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. उन्होंने राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र और शांति की बहाली होनी चाहिए. इस पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए. जो भी दोषी है उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार को सजा देने का अधिकार नहीं है. सजा देने के लिए अदालत है. बीजेपी सरकार में कई फर्जी एनकाउंटर हुए हैं, जो निंदनीय हैं.
#WATCH | Lucknow | On Bahraich violence, Uttar Pradesh Congress President Ajay Rai says, " there is jungle raj in the entire state. shots were fired there (in bahraich) and govt got lathi-charge done during the 481st bharat milap in varanasi...the cm should resign and go back to… pic.twitter.com/TCdRO8waqI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 14, 2024
सपा विधायक ओम प्रकाश सिंह बोले, सीएम योगी आंखों से नहीं, कानों से ज्यादा देखते हैं: पूर्व कैबिनेट मंत्री और गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक ओमप्रकाश सिंह ने उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हुई हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. अराजकता का माहौल है.
सरकार एक गिरोह की तरह काम कर रही है, जहां न तो जनता की सुनवाई हो रही है, ना ही जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. सरकार के विधायक और मंत्री मारे जा रहे हैं, तो कहीं दो समुदायों के बीच दंगे हो रहे हैं. ऐसा लगता है कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से त्याग दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दोषियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है, लेकिन यह मात्र दिखावा है.
मुख्यमंत्री आंखों से नहीं, कानों से ज्यादा देखते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ ने लोक और लाज दोनों खो दिए हैं. जब सरकार खुद ही दंगा भड़काने का काम कर रही हो, तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करेगी?
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