देहरादून: बदरीनाथ विधानसभा से विधायक लखपत बुटोला ने छह महीने तक बढ़े हुए वेतन भत्तों का लाभ नहीं लेने का निर्णय लिया है. कांग्रेस विधायक ने चमोली जिले में आई आपदा से हुए नुकसान के चलते वेतन भत्तों का लाभ नहीं लेने का ऐलान किया है. लखपत बुटोला ने हिमाचल की तर्ज पर यहां भी आपदा के लिए विधायक, मंत्री और सीएम से 2 महीने का वेतन देने की मांग की है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उनके 6 माह के बढ़े हुए मानदेय और भत्तों को चमोली के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए दिया जाए.
बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने सभी विधायकों से अनुरोध करते हुए कहा जब प्रदेश इस वक्त आपदा के संकट से जूझ रहा है, ऐसे समय मे सभी मंत्रीगण और विधायक व सीएम अपने वेतन और भत्तों को आपदा में देने का काम करें. उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि वहां के विधायकों, मंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने 6 महीने की तनख्वाह, भत्तों को आपदा में देने का काम किया है. उसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने 2 महीने का वेतन आपदा में देने की पहल करनी चाहिए, ताकि उत्तराखंड आपदा से बाहर आ सके.
लखपत बुटोला ने कहा उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है. जिसमें उनके 6 महीने के बढ़े हुये मानदेय, भत्ते आपदा ग्रसित लोगों की मदद के लिए देने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा उत्तराखंड अभी आपदा से प्रभावित है. चमोली जिले की अधिकांश सड़कें आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हैं. आपदा की वजह से वहां बिजली, पानी, स्कूलों और स्वास्थ्य की सुविधा चरमरा गई है. गैरसैंण में मानसून सत्र होने के बावजूद सरकार आपदा पर चर्चा करने से बचती रही. उन्होंने शपथ ग्रहण करने से पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की. चमोली जिले की दिक्कतों को उनके समक्ष रखा, लेकिन अब तक जनपद में कोई काम नहीं हो पाया, इसलिए उन्होंने सरकार के पास पैसे की कमी देखते हुए अपने बढ़े मानदेय और भत्ते विधानसभा में खर्च किए जाने का आग्रह किया है.