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बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: राहगीर अबिद की बात मान लेता अस्पताल कर्मी तो बच सकती थी 7 मासूमों की जान, किया था आगाह - Delhi Baby Care Hospital Fire - DELHI BABY CARE HOSPITAL FIRE

दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात बेबी केयर सेंटर में आग लग गई. इसमें 7 बच्चों की जलकर मौत हो गई है. एक राहगीर का कहना है कि चाइल्ड केयर सेंटर के संचालक और उसके कर्मचारियों की लापरवाही से ये घटना हुई. उन्होंने समय रहते आग बुझाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जबकि उन्हें आगाह किया गया था.

बेबी केयर सेंटर अग्निकांड
बेबी केयर सेंटर अग्निकांड (Etv Bharat reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 26, 2024, 6:55 PM IST

राहगीर अबिद की बात मान लेता अस्पताल कर्मी तो बच सकती थी 7 मासूम बच्चों की जान (etv bharat reporter)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के विवेक विहार के चाइल्ड केयर सेंटर में शनिवार रात लगी आग में जलकर सात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. लेकिन अगर चाइल्ड केयर सेंटर कर्मी वहां से गुजर रहे राहगीर आबिद की बात मान लेता तो शायद उन सात बच्चों की जान बच सकती थी.

राहगीर आबिद ने बताया कि वह रात के 11:00 बजे अपनी पत्नी और बच्चों को इंडिया गेट घूमाने ले जा रहे थे. तभी उन्होंने यहां से गुजरते हुए बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर पर आग जलती हुई देखी. उन्होंने गाड़ी को साइड में लगाकर चाइल्ड केयर सेंटर के कर्मी से सारी बात बताई. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अंदर है तो उनको निकाल लो. लेकिन उस कर्मी ने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए कह दिया की वहां कोई नहीं है.

आबिद ने कहा कि जब उसने बताया कि वहां ऊपर थर्ड फ्लोर पर कोई नहीं है तो मैंने भी यह कह दिया कि ठीक है कोई नहीं है तो जलने दो. फिर देखते ही देखते मेरे सामने ही थर्ड फ्लोर पर पूरे में आग फैल गई. बालकनी में जो भी स्ट्रक्चर बना हुआ था वह सब जलकर खाक हो गया और नीचे गिरने लगा. उसके थोड़ी देर बाद ही सिलेंडर फटने से धमाका हुआ और आग नीचे फैलने लगी. उसके बाद उस बिल्डिंग में जो लोग थे वह उतर के नीचे आने लगे.

थोड़ी देर बाद एक और तेज धमाका हुआ और एक सिलेंडर फटकर सामने वाले पार्क में जाकर गिरा. सेंटर के नीचे एंबुलेंस भी खड़ी थी. मैंने उस बंदे से कहा कि अगर चाबी है तो मैं एंबुलेंस हटा देता हूं. लेकिन उसने कहा चाबी अंदर है. फिर मैंने अपना मोबाइल निकाल कर बिल्डिंग का वीडियो बनाना शुरू कर दिया.आबिद ने बताया कि अगर वह पहले ही मेरी बात मान लेता और आग बुझाने में लग जाता तो शायद उन सात बच्चों की जान भी बच सकती थी.

राहगीर आबिद ने कहा कि यहां पर जब फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी आ गई थी और आग बुझाने काम शुरू हो गया तो वह अपने घर चले गए. घर जाने के बाद उन्हें पता चला कि उस सेंटर में आग लगने से सात बच्चों की डेथ हो गई तो वह सुबह फिर भाग कर यहां आए. यहां आकर वह उस चाइल्ड केयर सेंटर के बंदे को ही ढूंढ रहे, जिससे उन्होंने रात बात की थी. लेकिन, वह बंदा उन्हें अभी तक दिखाई नहीं दिया है.

आबिद ने बताया कि आग लगने की घटना चाइल्ड केयर सेंटर के संचालक और उसके कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है. उन्होंने समय रहते आग बुझाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जबकि उन्हें आगाह किया गया था.

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राहगीर आबिद ने बताया कि वह रात के 11:00 बजे अपनी पत्नी और बच्चों को इंडिया गेट घूमाने ले जा रहे थे. तभी उन्होंने यहां से गुजरते हुए बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर पर आग जलती हुई देखी. उन्होंने गाड़ी को साइड में लगाकर चाइल्ड केयर सेंटर के कर्मी से सारी बात बताई. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अंदर है तो उनको निकाल लो. लेकिन उस कर्मी ने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए कह दिया की वहां कोई नहीं है.

आबिद ने कहा कि जब उसने बताया कि वहां ऊपर थर्ड फ्लोर पर कोई नहीं है तो मैंने भी यह कह दिया कि ठीक है कोई नहीं है तो जलने दो. फिर देखते ही देखते मेरे सामने ही थर्ड फ्लोर पर पूरे में आग फैल गई. बालकनी में जो भी स्ट्रक्चर बना हुआ था वह सब जलकर खाक हो गया और नीचे गिरने लगा. उसके थोड़ी देर बाद ही सिलेंडर फटने से धमाका हुआ और आग नीचे फैलने लगी. उसके बाद उस बिल्डिंग में जो लोग थे वह उतर के नीचे आने लगे.

थोड़ी देर बाद एक और तेज धमाका हुआ और एक सिलेंडर फटकर सामने वाले पार्क में जाकर गिरा. सेंटर के नीचे एंबुलेंस भी खड़ी थी. मैंने उस बंदे से कहा कि अगर चाबी है तो मैं एंबुलेंस हटा देता हूं. लेकिन उसने कहा चाबी अंदर है. फिर मैंने अपना मोबाइल निकाल कर बिल्डिंग का वीडियो बनाना शुरू कर दिया.आबिद ने बताया कि अगर वह पहले ही मेरी बात मान लेता और आग बुझाने में लग जाता तो शायद उन सात बच्चों की जान भी बच सकती थी.

राहगीर आबिद ने कहा कि यहां पर जब फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी आ गई थी और आग बुझाने काम शुरू हो गया तो वह अपने घर चले गए. घर जाने के बाद उन्हें पता चला कि उस सेंटर में आग लगने से सात बच्चों की डेथ हो गई तो वह सुबह फिर भाग कर यहां आए. यहां आकर वह उस चाइल्ड केयर सेंटर के बंदे को ही ढूंढ रहे, जिससे उन्होंने रात बात की थी. लेकिन, वह बंदा उन्हें अभी तक दिखाई नहीं दिया है.

आबिद ने बताया कि आग लगने की घटना चाइल्ड केयर सेंटर के संचालक और उसके कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है. उन्होंने समय रहते आग बुझाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जबकि उन्हें आगाह किया गया था.

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