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पेपर लीक मामले में बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, सीबीआई जांच की अनुशंसा करने का किया आग्रह - JPSC PT exam paper leak

JPSC PT exam paper leak. जेपीएससी और जेएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने छात्रों द्वारा भेजे गए शिकायत का स्क्रीन शॉट भी लगाया है.

JPSC PT exam paper leak
JPSC PT exam paper leak
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 18, 2024, 8:24 PM IST

रांची: झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जेपीएससी की 11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सर्विस (प्रारंभिक) परीक्षा और पूर्व में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है.

बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

राज्य में पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 17 मार्च 2024 को जेपीएससी की सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें पेपर लीक की खबरें अलग-अलग जिलों से आई हैं. कुछ छात्रों द्वारा मुझे इस संदर्भ में मेल भी किया गया है. पेपर बुकलेट संख्या और ओएमआर उत्तर पुस्तिका संख्या में भी असमानता पाई गई है. बाबूलाल मरांडी ने अखबारों में छपी खबर और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

JPSC PT exam paper leak
बाबूलाल मरांडी का पत्र


राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने JSSC सीजीएल परीक्षा का जिक्र करते हुए लिखा है कि विगत दिनों भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 2025 पदों के लिए राज्य भर के 735 केंद्रों में जेएसएससी द्वारा ली गयी CGL (सामान्य स्नातक योग्यताधारी) संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 का प्रश्नपत्र भी लीक होने का मामला सामने आया था, जिसके बाद जेएसएससी ने 28 जनवरी 2024 को ली गयी सभी पाली की परीक्षा और 04 फरवरी को होने वाली परीक्षा को अपरिहार्य कारण बताकर रद्द कर दिया था. इस मामले में भी 01 फरवरी 2024 को मुख्य सचिव को पत्र भेजने (पत्रांक-139/BLM/24) जिक्र करते हुए बाबूलाल मरांडी ने मामले की सीबीआई से जांच हेतु आग्रह की जानकारी दी है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में बार-बार परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक की घटना होने से जेएसएससी एवं जेपीएससी की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं, जिसका नुकसान राज्य के सभी प्रतिभाशाली और मेधावी छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है. बाबूलाल मरांडी ने पत्र में लिखा है कि विगत 04 वर्षों में झारखंड के गरीब और आदिवासी बच्चों के सपनों को वर्तमान महागठबंधन की सरकार ने मजाक बनाकर रख दिया गया है. सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनता के लिए नहीं, स्वहित को साधने में लगे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य के अफसरों का भी यही रवैया है, जो दुखद है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले 04 सालों में ऐसी किसी भी परीक्षा का साफ सुथरे माहौल में आहूत कराने में सरकार विफल रही है. नकल, अनियमितता या गड़बड़ी रहित परीक्षा का संचालन सपना बनकर रह गया है. राज्य के पैसों की बन्दरबांट और भ्रष्टाचार के पैसों से अपनी जेबें भरने वाले अफसर और शीर्ष नेतृत्व पर बैठे नेता शायद यह भूल गए हैं कि उनका काम जनसेवा है.

राज्य की सेवा आयोग को निकम्मा, लचर और अव्यवस्थित बताते हुए बाबूलाल मरांडी ने पत्र में लिखा है कि राज्य सेवा आयोग जैसा आयोग पूरे देश में कहीं नहीं है. बाबूलाल मरांडी ने यह सवाल किया है कि जब अगर कोई संस्थान, जिसे पिछले 04 वर्षों से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जा रही है और उसमें वे लगातार असफल हो रहे हैं तो वह जनसेवा के नाम पर वेतन क्यों ले रहे हैं. ऐसे आपराधिक कृत्यों में संलिप्त सभी अफसरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग भी सीएस से की है.

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रांची: झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जेपीएससी की 11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सर्विस (प्रारंभिक) परीक्षा और पूर्व में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है.

बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

राज्य में पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 17 मार्च 2024 को जेपीएससी की सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें पेपर लीक की खबरें अलग-अलग जिलों से आई हैं. कुछ छात्रों द्वारा मुझे इस संदर्भ में मेल भी किया गया है. पेपर बुकलेट संख्या और ओएमआर उत्तर पुस्तिका संख्या में भी असमानता पाई गई है. बाबूलाल मरांडी ने अखबारों में छपी खबर और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

JPSC PT exam paper leak
बाबूलाल मरांडी का पत्र


राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने JSSC सीजीएल परीक्षा का जिक्र करते हुए लिखा है कि विगत दिनों भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 2025 पदों के लिए राज्य भर के 735 केंद्रों में जेएसएससी द्वारा ली गयी CGL (सामान्य स्नातक योग्यताधारी) संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 का प्रश्नपत्र भी लीक होने का मामला सामने आया था, जिसके बाद जेएसएससी ने 28 जनवरी 2024 को ली गयी सभी पाली की परीक्षा और 04 फरवरी को होने वाली परीक्षा को अपरिहार्य कारण बताकर रद्द कर दिया था. इस मामले में भी 01 फरवरी 2024 को मुख्य सचिव को पत्र भेजने (पत्रांक-139/BLM/24) जिक्र करते हुए बाबूलाल मरांडी ने मामले की सीबीआई से जांच हेतु आग्रह की जानकारी दी है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में बार-बार परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक की घटना होने से जेएसएससी एवं जेपीएससी की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं, जिसका नुकसान राज्य के सभी प्रतिभाशाली और मेधावी छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है. बाबूलाल मरांडी ने पत्र में लिखा है कि विगत 04 वर्षों में झारखंड के गरीब और आदिवासी बच्चों के सपनों को वर्तमान महागठबंधन की सरकार ने मजाक बनाकर रख दिया गया है. सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनता के लिए नहीं, स्वहित को साधने में लगे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य के अफसरों का भी यही रवैया है, जो दुखद है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले 04 सालों में ऐसी किसी भी परीक्षा का साफ सुथरे माहौल में आहूत कराने में सरकार विफल रही है. नकल, अनियमितता या गड़बड़ी रहित परीक्षा का संचालन सपना बनकर रह गया है. राज्य के पैसों की बन्दरबांट और भ्रष्टाचार के पैसों से अपनी जेबें भरने वाले अफसर और शीर्ष नेतृत्व पर बैठे नेता शायद यह भूल गए हैं कि उनका काम जनसेवा है.

राज्य की सेवा आयोग को निकम्मा, लचर और अव्यवस्थित बताते हुए बाबूलाल मरांडी ने पत्र में लिखा है कि राज्य सेवा आयोग जैसा आयोग पूरे देश में कहीं नहीं है. बाबूलाल मरांडी ने यह सवाल किया है कि जब अगर कोई संस्थान, जिसे पिछले 04 वर्षों से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जा रही है और उसमें वे लगातार असफल हो रहे हैं तो वह जनसेवा के नाम पर वेतन क्यों ले रहे हैं. ऐसे आपराधिक कृत्यों में संलिप्त सभी अफसरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग भी सीएस से की है.

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