रांचीः झारखंड बनने के बाद पहली बार हो रही उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया विवादों में घिर गई है. फिजिकल टेस्ट के तहत अभ्यर्थियों को एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ना पड़ रहा था. इस दौरान अब तक 12 युवाओं की जान जा चुकी है. इनमें रांची के ओरमांझी स्थित जीराबर गांव के अजय महतो का भी नाम शामिल है.
मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पार्टी स्तर पर आर्थिक सहायता के तहत एक लाख रुपया नकद राशि मुहैया कराई. इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने न्यायिक जांच करने की मांग की. उन्होंने सरकार से बतौर मुआवजा 50 लाख रुपए के अलावा पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.
दौड़ में सेलेक्ट हो गए थे अजय महतो
परिजनों के मुताबिक ओरमांझी के अजय महतो उत्पाद सिपाही बहाली के लिए हुई दौड़ प्रतियोगिता में सेलेक्ट हो गए थे. उन्होंने 28 अगस्त को पलामू के चियांकी एयरपोर्ट पर दौड़ प्रतियोगिता में शिरकत की थी. इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. उन्हें पलामू से रांची स्थित रिम्स अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. अजय के पिता मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. उन्होंने भाजपा प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उनके पुत्र के इलाज में लापरवाही बरती गई थी.
उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में अपनी जान गंवा चुके ओरमांझी प्रखंड के जिराबर गांव निवासी अजय कुमार महतो जी के परिजनों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 3, 2024
परिजनों के अनुसार अजय की मौत राज्य सरकार की लापरवाही से हुई है। सरकार की लापरवाही के कारण अजय का युवावस्था में ही इस दुनिया से… pic.twitter.com/Rn4xHVAkkh
देर से जागी राज्य सरकार
आपको बता दें कि झारखंड में पहली बार उत्पाद सिपाही की बहाली हो रही है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद पहले चरण में दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा था. यह प्रतियोगिता रांची में दो जगह के अलावा पलामू, हजारीबाग, गिरिडीह, मुसाबनी और साहिबगंज में हो रही थी. इसकी शुरुआत 22 अगस्त से हुई थी लेकिन पलामू में दौड़ प्रतियोगिता 27 अगस्त से शुरू हुई थी. 583 पद के लिए हो रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान सबसे ज्यादा पांच युवाओं की मौत पलामू में हुई थी. 2 सितंबर तक कुल 12 युवाओं की मौत के बाद यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गयी.
इसके बाद राज्य के डीजीपी ने भरोसा दिलाया था कि सभी बहाली सेंटर पर सारी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने सुबह 10:00 बजे से पहले दौड़ प्रतियोगिता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था. विवाद बढ़ने पर 2 सितंबर की देर रात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियमावली की समीक्षा का निर्देश देते हुए तीन दिन तक बहाली प्रक्रिया स्थगित करने का आदेश जारी किया था. उन्होंने हेल्थ कमिटी का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने को भी कहा है. मुख्यमंत्री के इस आदेश से पूर्व असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने तत्काल दौड़ प्रतियोगिता को 15 दिन के लिए रोकने का आग्रह किया था.
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