कानपुर: शहर के सिविल लाइंस स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय में अचानक उस समय हड़कंप की स्थिति हो गई, जब पूर्व भाजपा नेता व किसान बाबू सिंह आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशू दिवाकर पुलिस आयुक्त से मिलने पहुंच गया. पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से मिलकर आरोपी प्रियरंजन आशू ने कहा कि वह पूरी तरह से बेगुनाह है. उसे झूठा फंसाया गया है.
प्रियरंजन ने कहा कि हाईकोर्ट से उसे अंतरिम जमानत मिल चुकी है. फिर भी वह इस मामले में निष्पक्ष रूप से जांच के लिए तैयार है. पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि प्रियरंजन आशू ने जो अपने दस्तावेज सौंपे हैं, उसकी समीक्षा संबंधी जिम्मेदारी डीसीपी पूर्वी को दी गई है. पुलिस विवेचना के आधार पर कार्रवाई करेगी. अगर किसी के खिलाफ दोष सिद्ध होंगे तो उसे जेल भेजा जाएगा.
पूर्व सीएम अखिलेश का बाबू सिंह से सीधा कनेक्शन : मीडिया से बातचीत के दौरान आरोपी प्रियरंजन आशू ने कहा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव का किसान बाबू सिंह से सीधा कनेक्शन था. पूर्व सीएम व उनके सहयोगी साल 2012 से किसान बाबू सिंह से जुड़े हैं. हाल में सपा ने अकबरपुर से राजाराम पाल को अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. प्रियरंजन आशू ने आरोप लगाया कि राजाराम पाल भी किसान बाबू सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं.
ये था मामला: शहर के चकेरी थाना क्षेत्र निवासी किसान बाबू सिंह ने ट्रेन के आगे कटकर अपनी जान दे दी थी. किसान बाबू सिंह ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें पूर्व भाजपा नेता प्रियरंजन आशू दिवाकर व उसके सहयोगियों पर अपनी कई बीघा जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. बाबू सिंह की बेटियों ने कई माह पहले चकेरी थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. शुरुआती दौर में तो पुलिस ने इस मामले में गभीरता दिखाते हुए कुछ आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेजा था, मगर, मौजूदा समय में किसी भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं पुलिस ने पूरे मामले में जिस पूर्व भाजपा नेता प्रियरंजन आशू को मुख्य आरोपी माना था, वह भी हाईकोर्ट की मदद से अंतरिम जमानत पर है.
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