राजनांदगांव: महाशिवरात्रि से पहले राजनांदगांव शहर में भूत पिशाचों की टोली शहर के भ्रमण पर निकली. कालों के काल महाकाल की शोभायात्रा में हरियाणा से आए अघोरियों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया. कार्यक्रम का आयोजन संस्कारधानी महाकाल मित्र मंडल की ओर किया गया. अघोरियों की जब टोली शहर में भूत बैताल बनकर निकली तो लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. हर साल राजनांदगांव में अघोरियों की टोली इसी तरह से शिवरात्रि से पहले शोभायात्रा निकालती है. आयोजन में बड़ी संख्या मे शहर के लोग शामिल होते हैं. कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया जाता है.
शहर में निकले भूत और बैताल: हरियाणा से आए अघोरियों के दल ने अपनी कला से लोगों का दिल जीत लिया. शिव जी की वेश भूषा और भाव भंगिमा से लोगों का जमकर मनोरंजन किया. शोभायात्रा में नाचते हुए भूत पिशाचों का दल शहर के गुरु नानक चौक से होते हुए शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाकों से गुजरा. हरियाणा से आए इन अघोरी कलाकारों को देखने लिए लोग बड़ी संख्या में घंटों सड़क किनारे खड़े रहे.
उज्जैन के झांझ डमरू पार्टी ने बांधा समां: उज्जैन के झांझ डमरू पार्टी ने जो प्रस्तुति दी उसपर लोगों ने जमकर तालियां बजाई. महाशिवरात्रि पर्व से पहले हर साल इस तरह का आयोजन किया जाता है. आयोजन में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग शामिल होते हैं. लोग हर साल इस शोभायात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं. हर बार अलग अलग राज्यों से कलाकार आकर यहां प्रदर्शन करते हैं.
बनारस की तर्ज पर निकली भोले बाबा की बारात: बनारस के तर्ज पर धमतरी में शानदार पांचवें वर्ष भी शिवजी की बारात निकाली गई. विभिन्न राज्यों से पहुंचे कलाकारों ने बारात में अपने कलाकारी का प्रदर्शन किया. खासकर अघोरी बाबा का ग्रुप आकर्षण का केंद्र रहा इसके अलावा नागा साधु, किन्नर का डांस, बग्गी डांस, बस्तर की पारंपरिक नृत्य शिवजी की बारात में शामिल हुए. अघोरी बाबा का ग्रुप शिवजी की बारात का आकर्षण का केंद्र रहा जिसमे भगवान शिव पार्वती नंदी पर सवार होकर निकले. विवाह किया और सात फेरे भी लिए. शिव और पार्वती की झांकी का प्रदर्शन कर अघोरी बाबा का ग्रुप शहर में चर्चा का विषय रहा. दूर-दूर से लोग शिवजी के बारात में शामिल हुए. बैंड बाजा और धुमाल, डीजे में श्रद्धालु थिरकते नजर आए. बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष विपिन पवार ने बताया कि ''हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर में शिव जी के बारात निकाली गई. शहर के विंध्यवासिनी मंदिर से सदर बाजार होते हुए बूढ़ेश्वर मंदिर में शोभायात्रा संपन्न होती है. 500 साल पुराने बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. महाशिवरात्रि पर्व में भगवान शिव पार्वती की विवाह महोत्सव के रूप में मनाई जाती है. जिस तरह हिंदू धर्म में शादी की रस्में निभाई जाती है उसी तरह भगवान शिव पार्वती की शादी बड़े ही धूमधाम से की जाती है. हल्दी,मेहंदी, संगीत और बारात सभी कार्यक्रम किए जाते हैं.''