पटना : पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र पूर्व सदस्य और आरजेडी नेता, आजाद गांधी ने आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देते हुए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए. साथ ही पार्टी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सिद्धांतों से भटकने वाली पार्टी करार दिया.
'अति पिछड़ों की हो रही अनदेखी' : गांधी ने कहा कि वह पिछले 35 वर्षों से लालू प्रसाद यादव और राजद से जुड़े हुए थे, लेकिन अब पार्टी का कल्चर बदल चुका है. अब पार्टी में सामान्य कार्यकर्ताओं की आवाज नहीं सुनी जा रही है, और अति पिछड़ा समाज की अनदेखी की जा रही है. गांधी ने आरोप लगाया कि महागठबंधन की सरकार के 17 महीने के कार्यकाल में अति पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं को सत्ता में कोई हिस्सेदारी नहीं मिली.
''लालू प्रसाद यादव समाजवाद का झंडा लेकर राजनीति शुरू किए थे लेकिन अब पार्टी का सिद्धांत धीरे-धीरे भटकता जा रहा है. आजाद गांधी ने बताया कि पार्टी की इस दुर्दशा को लेकर कई बार उन्होंने पार्टी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव को इसकी जानकारी दी लेकिन वह अब कुछ भी करने की स्थिति में नहीं है. वह हर चीज अनसुना कर देते हैं.''- आजाद गांधी
जगदानंद सिंह पर आरोप : आजाद गांधी ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पार्टी में दोहरी नीति अपनाई जा रही है. गांधी ने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं और केवल अमीर कार्यकर्ताओं को ही पार्टी के कार्यालय में बुलाया जाता है.
''साधारण और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष के चेंबर में जाने की अनुमति नहीं मिलती है. पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के कार्यकर्ताओं को इस चेंबर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती.''- आजाद गांधी
'हरियाणा के लोगों से घिरे तेजस्वी' : आजाद गांधी ने बिहार विधानसभा में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव हरियाणा और दिल्ली के कुछ लोगों से घिरे हुए हैं और इन्हीं के इशारे पर वह यह तय करते हैं कि किससे मिलना है और किससे नहीं. गांधी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के पास कार्यकर्ताओं से मिलने का समय नहीं है, और कार्यकर्ता घंटों उनके कार्यालय के बाहर खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें मिलने का कोई अवसर नहीं मिलता.
कपड़ा और ब्रेसलेट वालों की चलती : गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के साथ रहने वाले लोग सिर्फ वेशभूषा के आधार पर यह तय करते हैं कि कार्यकर्ता उनसे मिल सकता है या नहीं. केवल सोने की चेन और महंगे कपड़े पहनने वाले ही तेजस्वी से मिलने के काबिल माने जाते हैं.
समाजवाद से भटकी पार्टी : आजाद गांधी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने समाजवाद का झंडा लेकर राजनीति शुरू की थी, लेकिन अब पार्टी का सिद्धांत भटक चुका है. उन्होंने कई बार पार्टी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव को इसकी जानकारी दी, लेकिन वह अब किसी भी परिवर्तन के लिए तैयार नहीं हैं और हर बात को अनसुना कर देते हैं.
चाटुकारों से घिरे तेजस्वी : गांधी ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि वह अब चाटुकारों से घिर गए हैं, जो उन्हें मुख्यमंत्री बनने का सपना दिखा रहे हैं. यही कारण है कि वह निष्ठावान कार्यकर्ताओं से कटते जा रहे हैं, और पार्टी के कई अन्य नेता भी अब इस्तीफा दे रहे हैं.
कार्यकर्ता दर्शन यात्रा पर तंज : आजाद गांधी ने तेजस्वी यादव की कार्यकर्ता दर्शन यात्रा पर भी तंज करते हुए कहा कि जो कार्यकर्ता घंटों उनके कार्यालय के बाहर खड़े रहते हैं, तेजस्वी उनसे मिलने के लिए समय नहीं निकालते. गांधी ने कहा कि राजद के कार्यकर्ता अब समझने लगे हैं कि उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं बची है और जिला स्तर पर तेजस्वी यादव की यात्रा से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा.
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