अयोध्या : राम मंदिर की सुरक्षा और भव्यता के लिए 800 मीटर की परिधि में परकोटे (चार तरफ उठाई जाने वाली दीवार) का निर्माण कराया जा रहा है. इस परिकोटे में कुल 6 मंदिरों का निर्माण भी कराया जा रहा है. इसमें से एक मंदिर भगवान भोलेनाथ का भी है. इसमें लगभग साढ़े तीन फीट ऊंचे शिवलिंग की स्थापना की जाएगी. इसके लिए मध्य प्रदेश के नर्मदा नदी के तट से 4 शिलाएं अयोध्या पहुंची हैं. इनमें से एक शिला का चयन किया जाना है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र समेत अन्य ट्रस्टियों ने बुधवार को कारसेवकपुरम में रखे गए इन शिलाओं का निरीक्षण किया. ट्रस्ट के मुताबिक अभी इन शिलाओं में खास शिला का चयन नहीं किया जा सका है.
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना और परकोटे के मंदिरों में देवी- देवताओं को स्थापित करने की तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं. मंदिर निर्माण समिति के तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण किया गया.
इस दौरान मंदिरों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने और मैनपॉवर बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक की गई. इसमें कार्यों की समीक्षा की गई. एलएंडटी के अफसरों ने प्रोजेक्टर के जरिए निर्माण की विस्तृत जानकारी दी. बताया कि हर हाल में जनवरी तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा.
बैठक में मौजूद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सहयोगी गोपाल जी राव ने बताया कि पहले दिन राम मंदिर, परकोटा और सप्त मंडपम के निर्माण को देखा गया है. इसके साथ ही यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल के ऊपर चल एक कार्यों की भी जानकारी ली गई. उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में ही यात्री सुविधा केंद्र के कार्य को पूर्ण करा लिया जाएगा.
बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर के परकोटे में 6 मंदिर बनाए जा रहे हैं. उत्तर और पूर्व के कोने पर भगवान शिव का मंदिर बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में पश्चिम और दक्षिण के कोने पर गणेश जी का मंदिर, दक्षिण और पश्चिम के कोने पर, भगवान सूर्य का मंदिर, पश्चिम और उत्तर के कोने पर मां जगदंबा का मंदिर, दक्षिण भुजा पर हनुमान जी का मंदिर, जबकि उत्तरी भुजा पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जा रहा है.
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