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अयोध्या राम मंदिर; अभी 25 और मूर्तियां होंगी स्थापित, राम दरबार का कैसा होगा स्वरूप, क्या होगी मूर्तियों की मुद्रा - Ayodhya Ram Mandir

राम मंदिर परिसर में स्थापित होने वालीं 25 मूर्तियों को जयपुर के सफेद मकराना मार्बल से तैयार किया जाएगा. राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार में भगवान श्री राम, माता सीता, लक्षमण, भरत, शत्रुहन और भक्त हनुमान की मूर्ति होगी.

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अयोध्या का राम मंदिर. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 10:12 AM IST

अयोध्या: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाली राम दरबार समेत अन्य मूर्तियां बैठी या खड़ी मुद्रा में होंगी, इस पर मंथन शुरू हो गया है. पुणे के प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के नेतृत्व में चार अन्य चित्रकारों के साथ राम मंदिर में पूजन की पद्धति को संचालित करने वाली धार्मिक समिति के सदस्यों और संतों के साथ अध्ययन किया जा रहा है.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि राम मंदिर परिसर में 25 और मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा, जिसे जयपुर के सफेद मकराना मार्बल से तैयार किया जाएगा. राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार में भगवान श्री राम, माता सीता, लक्षमण, भरत, शत्रुहन और भक्त हनुमान की मूर्ति होगी.

इसके अलावा परकोटे में भगवान शंकर, सूर्य, गणेश, हनुमान जी, माता दुर्गा, मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति होगी. राम जन्मभूमि परिसर में सप्त ऋषियों का मंदिर होगा, जिसमें शेषावतार, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषाद राज, अहिल्या देवी का मंदिर शामिल है.

राम मंदिर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल: राम मंदिर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है. दिसंबर 2024 तक शिखर बन कर तैयार हो जाएगा. उसके पहले सोशल मीडिया पर राम मंदिर की एक अद्भुत तस्वीर वायरल हो रही है. बताया जा रहा है कि फोटो प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के दौरान ली गई थी, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

राम मंदिर को देखते हुए जटायू की मूर्ति: अपने भाव को सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. फोटो में राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला के पास विशाल मूर्ति जटायू की राम मंदिर को देखते हुए स्वरूप में स्थापित है. इस अद्भुत स्वरूप को लेकर लिखा गया है कि जिस प्रकार से माता सीता की रक्षा के लिए जटायु अपने प्राण दिए थे, तो इस कलयुग में एक बार फिर राम मंदिर की रक्षा के लिए विशाल प्रतिमा के रूप में जटायु फिर अयोध्या पहुंचे हैं.

जयपुर से पैदल चलकर अयोध्या पहुंचा एक परिवार: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 740 किलोमीटर पैदल चलकर श्री रामलला का दर्शन करने के लिए संकल्प को पूरा करने के लिए जयपुर से राजकुमार कुमावत अपनी पत्नी राजकुमारी और 20 परिजनों के साथ अयोध्या पहुंचे. जहां गाजे बाजे के साथ ध्वज यात्रा लेकर राम मंदिर में दर्शन कर एक ध्वज समर्पित किया. इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी भक्तों का स्वागत किया. इस यात्रा में 80 वर्षीय वृद्धा और 6 वर्षीय बालक भी शामिल रहा.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर में ड्रेस कोड; स्मार्ट फोन पर पूरी तरह से पाबंदी, 21 नए पुजारियों की तैनाती

अयोध्या: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित होने वाली राम दरबार समेत अन्य मूर्तियां बैठी या खड़ी मुद्रा में होंगी, इस पर मंथन शुरू हो गया है. पुणे के प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के नेतृत्व में चार अन्य चित्रकारों के साथ राम मंदिर में पूजन की पद्धति को संचालित करने वाली धार्मिक समिति के सदस्यों और संतों के साथ अध्ययन किया जा रहा है.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि राम मंदिर परिसर में 25 और मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा, जिसे जयपुर के सफेद मकराना मार्बल से तैयार किया जाएगा. राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार में भगवान श्री राम, माता सीता, लक्षमण, भरत, शत्रुहन और भक्त हनुमान की मूर्ति होगी.

इसके अलावा परकोटे में भगवान शंकर, सूर्य, गणेश, हनुमान जी, माता दुर्गा, मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति होगी. राम जन्मभूमि परिसर में सप्त ऋषियों का मंदिर होगा, जिसमें शेषावतार, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषाद राज, अहिल्या देवी का मंदिर शामिल है.

राम मंदिर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल: राम मंदिर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है. दिसंबर 2024 तक शिखर बन कर तैयार हो जाएगा. उसके पहले सोशल मीडिया पर राम मंदिर की एक अद्भुत तस्वीर वायरल हो रही है. बताया जा रहा है कि फोटो प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के दौरान ली गई थी, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

राम मंदिर को देखते हुए जटायू की मूर्ति: अपने भाव को सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. फोटो में राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला के पास विशाल मूर्ति जटायू की राम मंदिर को देखते हुए स्वरूप में स्थापित है. इस अद्भुत स्वरूप को लेकर लिखा गया है कि जिस प्रकार से माता सीता की रक्षा के लिए जटायु अपने प्राण दिए थे, तो इस कलयुग में एक बार फिर राम मंदिर की रक्षा के लिए विशाल प्रतिमा के रूप में जटायु फिर अयोध्या पहुंचे हैं.

जयपुर से पैदल चलकर अयोध्या पहुंचा एक परिवार: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 740 किलोमीटर पैदल चलकर श्री रामलला का दर्शन करने के लिए संकल्प को पूरा करने के लिए जयपुर से राजकुमार कुमावत अपनी पत्नी राजकुमारी और 20 परिजनों के साथ अयोध्या पहुंचे. जहां गाजे बाजे के साथ ध्वज यात्रा लेकर राम मंदिर में दर्शन कर एक ध्वज समर्पित किया. इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी भक्तों का स्वागत किया. इस यात्रा में 80 वर्षीय वृद्धा और 6 वर्षीय बालक भी शामिल रहा.

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