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बेरोजगारी खत्म करने के लिए 17 दिन का अनुष्ठान शुरू, मुख्य पंडित पुरोहित लक्ष्मीकांत दीक्षित - purohit Laxmikant Dixit main pandit

अयोध्या में 17 दिवसीय श्री लक्षचंडी महायज्ञ (Lakshchandi Mahayagya), श्री लक्षगणपति महायज्ञ और श्रीराम यज्ञ का आज से आयोजन शुरू हो गया. सरयू तट पर वैदित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) ने अनुष्ठान संपन्न कराया. यह अनुष्ठान भारत की उन्नति और बेरोजगारी समाप्त करने के लिए किए जा रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 7:03 PM IST

अयोध्या में 17 दिवसीय अनुष्ठान शुरू

अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से अनंत विभूषित महामंडलेश्वर प्रखर महाराज के सानिध्य में 17 दिवसीय श्री लक्षचंडी महायज्ञ, श्री लक्षगणपति महायज्ञ और श्रीराम यज्ञ का विराट आयोजन आज से प्रारम्भ हो गया है. इसके पूर्व बुधवार को वैदिक आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा सरयू के तट पर अनुष्ठान के लिए बनाए गए मंडप में प्रायश्चित कर्म पूजा संपन्न कराई गई. 22 फरवरी से प्रारंभ हो रहे इस आयोजन में 9 मार्च तक विभिन्न अनुष्ठान सम्पन होंगे. अयोध्या के विकास और भारत राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति और बेरोजगारी को समाप्त होने और शिक्षा के स्तर के विकास के मुख्य उद्देश्य को लेकर संकल्प कर 1700 वैदिक ब्राह्मण द्वारा 1 लाख दुर्गा सप्तशती का पाठ संपन्न कराया जाएगा.

अनुष्ठान के संयोजक प्रखर महाराज ने बताया कि अयोध्या के सरयू तट पर 1700 वैदिक ब्राह्मण बैठकर 17 दिनों में लक्षचंडी महायज्ञ, लक्षगणपति महायज्ञ और राम यज्ञ का आयोजन संपन्न करेंगे. इस यज्ञ के पंडित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले बनारस के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे. यज्ञ के साथ-साथ में राम कथा, भागवत कथा, रामलीला, लंगर यह सब कुछ चलाया जाएगा. इस यज्ञ में कई संकल्प भी लिए जा रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से अयोध्या का विकास, अयोध्या विकसित हो, राष्ट्र का कल्याण हो और विश्व का कल्याण हो मुख्य संकल्प किया जाएगा. योग्यता के अनुरूप शिक्षा पद्धति का विकास हो, प्रदेश बेरोजगार से मुक्त हो जाए इसका संकल्प लिया जाएगा.

अनुष्ठान के संयोजक प्रखर महाराज ने बताया कि इस यज्ञ से होने वाली आध्यात्मिक ऊर्जा से पूरे भारत के लोगों का बौद्धिक स्तर विकसित होगा और विकसित बुद्धि के कारण अपने जीवन को मंगलमय बना पाएंगे. इन पावन उद्देश्य को लेकर अयोध्या में 17 दिनों तक यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा. रामलला देवस्थानम के महंत राघवाचार्य ने बताया कि देश के प्रखर विद्वानों द्वारा इस अनुष्ठान को संपन्न कराया जा रहा है. इसमें काशी सहित तमाम क्षेत्र के विद्वान शामिल हो रहे हैं. अनुष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें: इस चित्रकार के चित्र पर ही गढ़ी गई रामलला की सुंदर मूर्ति, आखिर क्यों हटाए गए तरकश-जनेऊ; जानिए वजह

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अयोध्या में 17 दिवसीय अनुष्ठान शुरू

अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से अनंत विभूषित महामंडलेश्वर प्रखर महाराज के सानिध्य में 17 दिवसीय श्री लक्षचंडी महायज्ञ, श्री लक्षगणपति महायज्ञ और श्रीराम यज्ञ का विराट आयोजन आज से प्रारम्भ हो गया है. इसके पूर्व बुधवार को वैदिक आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा सरयू के तट पर अनुष्ठान के लिए बनाए गए मंडप में प्रायश्चित कर्म पूजा संपन्न कराई गई. 22 फरवरी से प्रारंभ हो रहे इस आयोजन में 9 मार्च तक विभिन्न अनुष्ठान सम्पन होंगे. अयोध्या के विकास और भारत राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति और बेरोजगारी को समाप्त होने और शिक्षा के स्तर के विकास के मुख्य उद्देश्य को लेकर संकल्प कर 1700 वैदिक ब्राह्मण द्वारा 1 लाख दुर्गा सप्तशती का पाठ संपन्न कराया जाएगा.

अनुष्ठान के संयोजक प्रखर महाराज ने बताया कि अयोध्या के सरयू तट पर 1700 वैदिक ब्राह्मण बैठकर 17 दिनों में लक्षचंडी महायज्ञ, लक्षगणपति महायज्ञ और राम यज्ञ का आयोजन संपन्न करेंगे. इस यज्ञ के पंडित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले बनारस के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे. यज्ञ के साथ-साथ में राम कथा, भागवत कथा, रामलीला, लंगर यह सब कुछ चलाया जाएगा. इस यज्ञ में कई संकल्प भी लिए जा रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से अयोध्या का विकास, अयोध्या विकसित हो, राष्ट्र का कल्याण हो और विश्व का कल्याण हो मुख्य संकल्प किया जाएगा. योग्यता के अनुरूप शिक्षा पद्धति का विकास हो, प्रदेश बेरोजगार से मुक्त हो जाए इसका संकल्प लिया जाएगा.

अनुष्ठान के संयोजक प्रखर महाराज ने बताया कि इस यज्ञ से होने वाली आध्यात्मिक ऊर्जा से पूरे भारत के लोगों का बौद्धिक स्तर विकसित होगा और विकसित बुद्धि के कारण अपने जीवन को मंगलमय बना पाएंगे. इन पावन उद्देश्य को लेकर अयोध्या में 17 दिनों तक यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा. रामलला देवस्थानम के महंत राघवाचार्य ने बताया कि देश के प्रखर विद्वानों द्वारा इस अनुष्ठान को संपन्न कराया जा रहा है. इसमें काशी सहित तमाम क्षेत्र के विद्वान शामिल हो रहे हैं. अनुष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं.

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