लखनऊ: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अब राज्य के छोटे शहरों में भी अपनी आवासीय योजनाएं लांच करेगा. जिसकी शुरुआत अब कर दी गई है. इसके साथ ही करोड़ों रुपए का बजट भी में आवासीय योजनाओं के भूमि अर्जन के लिए स्वीकृत कर दिया गया. तीन जिलों में आवासीय योजनाएं पहले चरण में लॉन्च की जा रही हैं. करीब 7000 प्लॉट इन तीन जिलों में पहले चरण में लॉन्च हो जाएंगे. जिससे लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी हो जाएगी.
प्रतापगढ़, मऊ और गाजीपुर से शुरुआत: बेहतर परिवहन साधनों के उपलब्ध होने के बाद और प्रदेश में बढ़ते रोजगार की वजह से पलायन घटा है और छोटे शहरों में भी लोग रहना पसंद कर रहे हैं. जिसकी वजह से छोटे शहरों में आवासीय ज़रूरतें तेजी से बढ़ रही हैं. इस आवश्यकता को देखते छोटे जिलों में अवैध कॉलोनी का विस्तार होता जा रहा है. इसलिए नियोजित विकास देने को लेकर सरकार गंभीर है. इसी वजह से आवास विकास परिषद प्रदेश के छोटे जिलों में भी अब अपनी कॉलोनी विकसित करेगा. जिसकी शुरुआत पूर्वांचल के महत्वपूर्ण जिलों प्रतापगढ़, मऊ और गाजीपुर से हो रही है.
गाजीपुर में मिलेंगे 1400 प्लॉट: आवास विकास परिषद अब छोटे शहरों के लिए भी आवासीय योजनाएं लाएगा. आवास विकास परिषद के अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने बताया कि गाजीपुर, मऊ और प्रतापगढ़ में आवासीय योजना लाने के प्रस्ताव पास किए गए हैं. परिषद गाजीपुर में 65 हेक्टेयर में योजना लाएगा. जिसके जरिए करीब 1400 प्लॉट यहां विकसित किए जाएंगे. इसमें ग्राम अंधऊ व जमुनादेवा की जमीन शामिल की जाएगी. इस योजना के विकास पर 865 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
प्रतापगढ़ में 2200 भूखंड: प्रतापगढ़ जिले में कटरा रोड पर योजना लाई जाएगी. इसमें ग्राम टेउंगा, भूपियामऊ, बडनपुर व जहनईपुर गांव की जमीन ली जाएगी. योजना के लिए 131.61 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. जिसके जरिए करीब 2200 भूखंड सृजित किए जा सकेंगे. करीब 2140 करोड़ जमीन अधिग्रहण और विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे.
मऊ में सबसे अधिक 3400 प्लॉट मिलेंगे: मऊ में ग्राम रेवरीडीह, मेघई, शहरोज, मुहम्मदपुर और डाडीखास की करीब 200 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय योजना लाई जाएगी. जिसमें जमीन अधिग्रहण व विकास कार्य पर करीब 3781 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मऊ में सबसे अधिक भूखंड विकसित किए जाएंगे. जिनकी संख्या लगभग 3400 होगी.
अभी तय नहीं किए गए हैं रेट, पहले होगा भूमि अर्जन : अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने बताया कि अभी इन भूखंड के दाम तय नहीं किए गए हैं. भूमिहारजन होने के बाद योजना के कुल बजट का आकलन होगा और उसके बाद में प्लॉट के रेट तय किए जाएंगे. बताया कि अगले ढाई से 3 साल में योजना में कब्जे दिए जा सकेंगे. जिससे छोटे जिलों में भी लोगों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा होगी.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के आसपास बसेंगी योजनाएं: इन तीनों जिलों में आवासीय योजनाएं पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के आसपास बसई जाएंगी. मऊ, गाजीपुर और प्रतापगढ़ तीनों ही जिलों से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे गुजरता है. ऐसे में बड़े शहरों के लिए इन योजनाओं से आवागमन भी आसान हो जाएगा.