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जगन्नाथ रथयात्रा 2024: 10 दिनों तक होती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, इस दिन बारिश का होना माना जाता है शुभ - Jagannath Rath Yatra 2024 - JAGANNATH RATH YATRA 2024

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 10 दिनों तक होती है. इस दिन बारिश का होना बेहद शुभ संकेत माना जाता है. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने से भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

Jagannath Rath Yatra 2024
जगन्नाथ रथयात्रा 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 5, 2024, 9:12 PM IST

रथ यात्रा के दिना बारिश होना शुभ (ETV Bharat)

रायपुर: रायपुर सहित पूरे देश में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. साल 2024 में 7 जुलाई रविवार के दिन भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकलेगी. हिंदू धर्म में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व है. भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर के अलावा टुरी हटरी से भी भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है.

10 दिनों की होती है भगवान जगन्नाथ की यात्रा: भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा 10 दिनों की होती है. इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ ही इस यात्रा का समापन होता है. छत्तीसगढ़ में रायपुर के अलावा आसपास के गांव के हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दर्शन करने और लाभ पाने के लिए आते हैं. श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी पूजा होती है. जगन्नाथ मंदिरों में इन तीनों की मूर्तियां विराजमान है.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "साल 2024 में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 7 जुलाई रविवार को निकाली जाएगी और इसका बड़ा महत्व है. इस रथ में भगवान जगन्नाथ के साथ ही भगवान बलभद्र, माता सुभद्रा जी भी विराजमान रहते हैं. रथ यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन लाभ देते हैं. रथ यात्रा की आयोजन के दौरान भक्तों को चना और मूंग दाल का प्रसाद भी दिया जाता है. इसका भी काफी महत्व है. इस प्रसाद को ग्रहण करने से बहुत सारे पाप और कष्ट मिट जाते हैं. सोने के झाड़ू से बुहार और रथ खींचने से भी भक्तों को इसका पुण्य मिलता है. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान एक-एक कदम रथ को खींचने से कई यज्ञों का फल प्राप्त होता है. भगवान जगन्नाथ यानी कृष्ण मुक्ति देने वाले देवता माने गए हैं. ऐसे में भगवान कृष्ण के मंत्रों का उपासना और जाप करना चाहिए."

रथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है: इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 7 जुलाई रविवार के दिन निकाली जाएगी. 16 जुलाई 2024 तक इन 10 दिनों के अवधि में भगवान जगन्नाथ भक्तों के लिए बेहद शुभ और मंगलकारी माने जाते हैं. यही कारण है कि भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा में दूर-दराज से भी भक्त पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का उत्सव आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन शुरू होता है. ऐसी भी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है.

रायपुर में निकाली जाती है रथयात्रा: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र और माता सुभद्रा तीनों विराजमान रहती हैं. रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली रथ तीन होती है, जिसमें पहले रथ में भगवान जगन्नाथ विराजमान रहते हैं. दूसरे रथ में भगवान बलभद्र और तीसरे रथ में माता सुभद्रा विराजमान रहती हैं. भगवान जगन्नाथ की रथ का रंग लाल और पीला होता है. इसके अलावा यह रथ बाकी रथों की तुलना में आकर में बड़ा होता है. इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे आगे होता है. उसके पीछे भगवान बलभद्र का और माता सुभद्रा का रथ होता है.

नोट: यहां लिखी सारी बातें ज्योतिष की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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रायपुर: रायपुर सहित पूरे देश में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. साल 2024 में 7 जुलाई रविवार के दिन भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकलेगी. हिंदू धर्म में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व है. भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर के अलावा टुरी हटरी से भी भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है.

10 दिनों की होती है भगवान जगन्नाथ की यात्रा: भगवान जगन्नाथ की यह यात्रा 10 दिनों की होती है. इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ ही इस यात्रा का समापन होता है. छत्तीसगढ़ में रायपुर के अलावा आसपास के गांव के हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दर्शन करने और लाभ पाने के लिए आते हैं. श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी पूजा होती है. जगन्नाथ मंदिरों में इन तीनों की मूर्तियां विराजमान है.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "साल 2024 में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 7 जुलाई रविवार को निकाली जाएगी और इसका बड़ा महत्व है. इस रथ में भगवान जगन्नाथ के साथ ही भगवान बलभद्र, माता सुभद्रा जी भी विराजमान रहते हैं. रथ यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन लाभ देते हैं. रथ यात्रा की आयोजन के दौरान भक्तों को चना और मूंग दाल का प्रसाद भी दिया जाता है. इसका भी काफी महत्व है. इस प्रसाद को ग्रहण करने से बहुत सारे पाप और कष्ट मिट जाते हैं. सोने के झाड़ू से बुहार और रथ खींचने से भी भक्तों को इसका पुण्य मिलता है. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान एक-एक कदम रथ को खींचने से कई यज्ञों का फल प्राप्त होता है. भगवान जगन्नाथ यानी कृष्ण मुक्ति देने वाले देवता माने गए हैं. ऐसे में भगवान कृष्ण के मंत्रों का उपासना और जाप करना चाहिए."

रथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है: इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 7 जुलाई रविवार के दिन निकाली जाएगी. 16 जुलाई 2024 तक इन 10 दिनों के अवधि में भगवान जगन्नाथ भक्तों के लिए बेहद शुभ और मंगलकारी माने जाते हैं. यही कारण है कि भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा में दूर-दराज से भी भक्त पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का उत्सव आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन शुरू होता है. ऐसी भी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है.

रायपुर में निकाली जाती है रथयात्रा: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र और माता सुभद्रा तीनों विराजमान रहती हैं. रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली रथ तीन होती है, जिसमें पहले रथ में भगवान जगन्नाथ विराजमान रहते हैं. दूसरे रथ में भगवान बलभद्र और तीसरे रथ में माता सुभद्रा विराजमान रहती हैं. भगवान जगन्नाथ की रथ का रंग लाल और पीला होता है. इसके अलावा यह रथ बाकी रथों की तुलना में आकर में बड़ा होता है. इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे आगे होता है. उसके पीछे भगवान बलभद्र का और माता सुभद्रा का रथ होता है.

नोट: यहां लिखी सारी बातें ज्योतिष की ओर से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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