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17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त, आरंभ होगा श्राद्ध पक्ष - 17th Sep 2024 5 special festival

17TH SEP 2024 AUSPICIOUS DAY: इस साल चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 16 सितंबर की दोपहर 3:10 बजे पर हो रहा है और यह 17 सितंबर सुबह 11:44 बजे समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार देखें तो इस साल अनंत चतुर्दशी का व्रत मंगलवार यानी 17 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. वहीं, भगवान विश्वकर्मा जयंती, पूर्णिमा और साथ ही श्राद्ध पक्ष आरंभ होगा. इसलिए ये दिन काफी खास है.

17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त
17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 16, 2024, 6:12 AM IST

Updated : Sep 16, 2024, 10:27 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मंगलवार को पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त बन रहा है. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, 17 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो 11: 44 बजे तक रहेगी. इसके बाद पूर्णिमा आ जाएगी. अनंत चतुर्दशी का उत्सव उदयकालीन तिथि में 17 सितंबर को ही मनाया जाएगा. इसमें भगवान विष्णु की पूजा होती है. अनंत चतुर्दशी के दिन चौदह ग्रंथि का सूत्र बांधने का विशेष महत्व बताया गया है. अनंत पीले धागे के रूप में ब्राह्मण या कुल पुरोहित अपने यजमान को बांधते हैं और उनकी कुशलता की कामना करते हैं.

शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, 17 सितंबर को ही सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा जयंती है. इस दिन व्यापारी लोग अपनी कंपनी के उपकरणों का पूजन करते हैं. विश्वकर्मा पूजन और यज्ञ का भी आयोजन होता है. 17 सितंबर को ही भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. गणेश चतुर्थी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तक अर्थात 10 दिन तक गणेश जी घरों में विराजमान रहते हैं. इस दिन उनको जल में विसर्जित करते हैं और अगले वर्ष पुनः आने की कामना करते हैं. इसके साथ-साथ क्योंकि पूर्णिमा तिथि 11:44 बजे आ जाएगी, इसलिए पूर्णिमा का व्रत और सत्यनारायण कथा का आयोजन इस दिन होगा.

17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त
17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त (ETV BHARAT)

17 तारीख को पूर्णिमा और श्राद्ध पक्ष का आरंभः आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया चतुर्दशी तिथि 11:44 बजे समाप्त हो जाएगी. तत्पश्चात पूर्णिमा आ जाएगी तो पूर्णिमा का श्राद्ध भी 17 तारीख को ही होगा अर्थात पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष आरंभ हो जाएगा. क्योंकि कुतप काल में ही अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध करना चाहिए. कुतप काल मध्याह्न 11:00 के बाद होता है. इसलिए श्राद्ध करने के लिए यही समय अच्छा रहता है. किंतु वर्तमान में देश काल परिस्थिति के अनुसार नौकरी, व्यापार के चलते उस समय तक श्राद्ध करना परिवारों में संभव नहीं हो पाता. इसलिए लोग प्रातः काल ही अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध कर देते हैं.

अगले दिन पूर्णिमा प्रातः काल 8:03 तक है. उसके बाद प्रतिपदा तिथि आएगी इसलिए पड़वा का श्राद्ध भी 18 तारीख को होगा, क्योंकि 18 तारीख को प्रातः पूर्णिमा के बाद प्रतिपदा तिथि आ जाएगी.

ये भी पढ़ें :पितृपक्ष 2024: इस समय करें पितरों का तर्पण और पिंडदान, मिलेगी असीम कृपा, इनको लगाएं भोग
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नई दिल्ली/गाजियाबाद: मंगलवार को पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त बन रहा है. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, 17 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो 11: 44 बजे तक रहेगी. इसके बाद पूर्णिमा आ जाएगी. अनंत चतुर्दशी का उत्सव उदयकालीन तिथि में 17 सितंबर को ही मनाया जाएगा. इसमें भगवान विष्णु की पूजा होती है. अनंत चतुर्दशी के दिन चौदह ग्रंथि का सूत्र बांधने का विशेष महत्व बताया गया है. अनंत पीले धागे के रूप में ब्राह्मण या कुल पुरोहित अपने यजमान को बांधते हैं और उनकी कुशलता की कामना करते हैं.

शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, 17 सितंबर को ही सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा जयंती है. इस दिन व्यापारी लोग अपनी कंपनी के उपकरणों का पूजन करते हैं. विश्वकर्मा पूजन और यज्ञ का भी आयोजन होता है. 17 सितंबर को ही भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. गणेश चतुर्थी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तक अर्थात 10 दिन तक गणेश जी घरों में विराजमान रहते हैं. इस दिन उनको जल में विसर्जित करते हैं और अगले वर्ष पुनः आने की कामना करते हैं. इसके साथ-साथ क्योंकि पूर्णिमा तिथि 11:44 बजे आ जाएगी, इसलिए पूर्णिमा का व्रत और सत्यनारायण कथा का आयोजन इस दिन होगा.

17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त
17 सितंबर को बन रहा है पांच विशिष्ट पर्वों का मुहूर्त (ETV BHARAT)

17 तारीख को पूर्णिमा और श्राद्ध पक्ष का आरंभः आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया चतुर्दशी तिथि 11:44 बजे समाप्त हो जाएगी. तत्पश्चात पूर्णिमा आ जाएगी तो पूर्णिमा का श्राद्ध भी 17 तारीख को ही होगा अर्थात पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष आरंभ हो जाएगा. क्योंकि कुतप काल में ही अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध करना चाहिए. कुतप काल मध्याह्न 11:00 के बाद होता है. इसलिए श्राद्ध करने के लिए यही समय अच्छा रहता है. किंतु वर्तमान में देश काल परिस्थिति के अनुसार नौकरी, व्यापार के चलते उस समय तक श्राद्ध करना परिवारों में संभव नहीं हो पाता. इसलिए लोग प्रातः काल ही अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध कर देते हैं.

अगले दिन पूर्णिमा प्रातः काल 8:03 तक है. उसके बाद प्रतिपदा तिथि आएगी इसलिए पड़वा का श्राद्ध भी 18 तारीख को होगा, क्योंकि 18 तारीख को प्रातः पूर्णिमा के बाद प्रतिपदा तिथि आ जाएगी.

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Last Updated : Sep 16, 2024, 10:27 AM IST
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