रांची: खनिज संपदाओं से भरा झारखंड दुनिया के सबसे अमीर खनिज क्षेत्र में से एक है, जहां 40% खनिज और 29% कोयले का भंडार है. खनन के क्षेत्र में इस राज्य ने हाल के वर्षों में तेजी से छलांग लगाई है. भारतीय अर्थव्यवस्था में माइनिंग को लेकर झारखंड का बड़ा योगदान है. वहीं, इसके माध्यम से राज्य को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती रही है.
रोजगार सृजन के साथ-साथ राजस्व संग्रह में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की सहमति से राज्य सरकार के द्वारा जल्द ही 14 खनिज ब्लॉक की नीलामी करने की तैयारी की गई है. खनन विभाग ने जिन 14 खनिज ब्लॉक की नीलामी की तैयारी की है. उसमें मध्यम और बड़े ब्लॉक शामिल हैं. खनन सचिव अबु बकर सिद्दीकी के अनुसार नीलामी की प्रक्रिया फरवरी तक पूरे कर लिए जाने की संभावना है. इससे राज्य सरकार को भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी.
जिन खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिए तैयार किया गया है, उसमें 04 लौह एवं मैंगनीज, 05 चूना पत्थर, 03 बॉक्साइट और 02 ग्रेफाइट खनिज ब्लॉक शामिल हैं. लौह अयस्क के दो खनिज ब्लॉक घाटकुरी-01 और घाटकुरी-02, चूना पत्थर के पांच खनिज ब्लॉक जिसमें हरिहरपुर लेम बीच -01 हरिहरपुर लेम बीच-02, पियारटांड़, खुटिया एवं चूरी के नीलामी हेतु निविदा प्रकाशित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है. बांधबुरु लौह अयस्क खनिज ब्लॉक का प्रारंभिक अनुमति लेने के लिए केंद्र सरकार को भेजी जा रही है.
20 लघु खनिज ब्लॉकों की होगी नीलामी: राज्य में स्थित 79 लघु खनिज ब्लॉकों में से अब तक 49 लघु खनिज ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है. बाकी 20 लघु खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए विभागीय तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके तहत भूतात्विक प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है. जाहिर तौर पर इन खनिज ब्लॉकों की नीलामी से राज्य सरकार को भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होने की संभावना जताई जा रही है.
चालू वित्तीय वर्ष 2023- 24 में खान एवं भूतत्व विभाग ने 13650.01 करोड़ रुपए के राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा है जिसमें से दिसंबर 2023 तक 6965.25 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है. विभाग को उम्मीद है कि आने वाले समय में खनिज ब्लॉकों के नीलामी से विभाग अपने लक्ष्य को पूरा करने में जरुर सफल हो जाएगा.
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