पटना: बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कालेजों में नामांकित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अब फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक सिस्टम से बनेगी. इसे कर्मचारियों के लिए भी अनिवार्य व्यवस्था के रूप में लागू किया जाएगा. अब तक बायोमेट्रिक सिस्टम से बच्चों की हाजिरी बनाई जाती रही है.
फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक से हाजरी: इसको लेकर विज्ञान, प्रावैधिक एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश जारी किया है. कहा गया कि संस्थान के बायोमेट्रिक डिवाइस को फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से रजिस्टर्ड होना चाहिए. संस्थान में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं से लेकर कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया है.
15 अप्रैल से सिस्टम लागू: सभी संस्थानों में यह व्यव्स्था 15 अप्रैल से पहले लागू कर दी जाएगी. साथ ही नई व्यवस्था शुरू होने की रिपोर्ट विभाग को दी जाएगी. सचिव ने कहा है कि कोई भी छात्र-छात्रा या कर्मचारी अब केवल बायोमेट्रिक के तहत अपनी उपस्थिति नहीं बनाएंगे. बल्कि संस्थानों में नामांकित छात्र-छात्राओं से लेकर कर्मचारियों के चेहरे के नमूने बायोमेट्रिक डिवाइस में दर्ज कराए जाएंगे.
"अगर किसी संस्थान में ऐसा नहीं हो सकता है, तो पर्याप्त संख्या में फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक अटेंडेंस डिवाइस की खरीदारी होगी. 15 अप्रैल से पहले संस्थानों को इसकी खरीदारी कर यह व्यवस्था लागू करनी है."- लोकेश कुमार सिंह, सचिव, विज्ञान, प्रावैधिक एवं तकनीकी शिक्षा विभाग
जल्द होगा डाटा रजिस्टर्ड: बता दें कि एमआइटी, राजकीय पॉलिटेक्निक से लेकर राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ही छात्र छात्राओं से लेकर कर्मचारियों का डाटा रजिस्टर्ड होगा. वहीं अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त व्यवस्था के लिए नए डिवाइस भी खरीदे जाएंगे.
ये भी पढ़ें: ई तो गजबे है! जमुई में प्रिंसिपल ने क्लास को बनाया बेडरूम, ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं मौजूद