जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में एटीएस ने कार्रवाई करते हुए फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में जयपुर में पूछताछ के बाद शनिवार को एटीएस की टीम किशोर कुमार बनकर भारत में रह रहे मोहम्मद मेहमूद आलम को लेकर वापस जैसलमेर पहुंची. वहीं, जैसलमेर पहुंचने के बाद मोहम्मद मेहमूद आलम को उस होटल में ले जाया गया, जहां वो काम करता था और वहां के स्टाफ व स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई. इसके साथ ही एटीएस की टीम ने जैसलमेर में किशोर कुमार उर्फ मोहम्मद मेहमूद आलम के ठिकानों की तलाशी ली. इस दौरान टीम ने मौके से कई दस्तावेज व सामान जब्त किए हैं. अब इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वो यहां किस मकसद से रुका था.
दरअसल, मोहम्मद मेहमूद आलम बांग्लादेशी नागरिक है. साथ ही वो लंबे समय से भारत में अपना नाम बदलकर रह रहा था. उसने किशोर कुमार नाम से अपने फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 63 वर्षीय किशोर कुमार उर्फ मोहम्मद मेहमूद आलम ने जैसलमेर के अलावा दिल्ली और अमृतसर में भी काम किया था. वहीं, जोधपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसके फर्जी दस्तावेजों के बारे में पता चला और पूरे मामले का खुलासा हुआ.
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इधर, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने दो अन्य लोगों के बारे में भी बताया था, जो फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे. इसके बाद एटीएस टीम ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया. अब एटीएस की टीम इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है. बता दें कि बीते 5 फरवरी को सीमावर्ती जिले जैसलमेर में एटीएस की टीम ने कार्रवाई कर बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद मेहमूद आलम को पकड़ा था. उसके साथ ही एटीएस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले दो अन्य आरोपियों परमानंद भेरवानी उर्फ नन्दू और दीपक यादव को भी गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने बताया कि एटीएस द्वारा की गई अब तक की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेशी नागरिक किशोर कुमार उर्फ मोहम्मद मेहमूद आलम बचपन में काम करने के इरादे से बांग्लादेश से पाकिस्तान गया था. उसके बाद उसने पाकिस्तान में पाकिस्तानी महिला से शादी की. वहीं, कोरोनाकाल के दौरान अपनी जायदाद को संभालने के लिए वो पुनः पाकिस्तान से बांग्लादेश गया, जहां से उसने बांग्लादेशी पासपोर्ट और वीजा के जरिए भारत में प्रवेश किया. भारतीय सीमा में प्रवेश के बाद उसने अपना नाम मोहम्मद मेहमूद आलम से बदलकर किशोर कुमार रख लिया और दिल्ली, अमृतसर और उसके बाद राजस्थान में आकर रहने लगा. इस दौरान वो विभिन्न होटलों में काम भी किया.
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सूत्रों ने बताया कि जैसलमेर में काम करने के दौरान किशोर कुमार उर्फ मोहम्मद मेहमूद आलम बीमार हो गया था और इलाज करवाने के लिए वो जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल गया था. अस्पताल में उसके दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलने पर अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस की शिकायत पर एटीएस ने इस बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ लिया. वहीं, एटीएस की पूछताछ के दौरान जब उससे फर्जी दस्तावेज बनाने के बारे में पूछा गया तो उसने दो अन्य युवकों के बारे में बताया और फिर उन्हें गिरफ्तार किया गया. अब एटीएस इस मामले में बारीकी से जांच कर रही है.