ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का पांचवा दिन आत्मानंद डगलस रेक्सफोर्ड के नाम रहा. जहां डगलस ने मुख्य रूप से अष्टांग योग के बारे में दुनिया भर से आए योग साधकों को विस्तार से बताया. इसके अलावा उन्होंने योग के आठ योगांग को विस्तार से समझाया. जिसके तहत यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि को विस्तार से बताया गया. योग के अष्टांग रूप को महर्षि पतंजलि ने प्रतिपादित किया था.
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2024 के पांचवें दिन का इंतजार योग साधक विशेष रूप से कर रहे थे. क्योंकि, योग के आठ नियमों को बताने के लिए मुख्य रूप से डगलस रेक्सफ़ोर्ड (आत्मानंद) शामिल हुए. डगलस ने बताया कि दुनिया में सभी लोग सुख शांति चाहते हैं. जो भी कर्म व्यक्ति करता है, उसका एकमात्र लक्ष्य सुख प्राप्ति का होता है. दुनिया में हर कोई सुख शांति की बात करता है और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही हर साल किसी सम्मानित व्यक्ति को नोबेल का शांति पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
शांति कैसे मिले? इसे लेकर अलग-अलग तरीके से विभिन्न कामों को किया जाता है. डगलस रेक्सफोर्ड ने बताया कि महर्षि पतंजलि की ओर से प्रतिपादित अष्टांग योग से मन को शांति की प्राप्ति होती है. अगर हर व्यक्ति इसे प्राप्त कर ले तो दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है. इससे पहले सुबह रोजाना की तरह आयोग के विभिन्न आसन सिखाए गए, उसके बाद मेडिटेशन का कार्यक्रम हुआ.
वहीं, स्वामी बोधी वर्तमान ने लाफ्टर योगा के महत्व को बताया. बोधी वर्तमान में बताया कि कैसे लाफ्टर योगा शारीरिक और मानसिक रूप से कष्टों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है. योग के कार्यक्रम पूरा होने के बाद आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कीर्तन का कार्यक्रम हुआ. साथ ही रोजाना की तरह मां गंगा के आरती हुई और आखिर में स्वराज बैंड ने लाइव परफॉर्मेंस दिया. जिसमें सभी साधकों का मनोरंजन हुआ.
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